Complicated Father And Son Relationship Shown In Bollywood Movies: पिता-पुत्र का रिश्ता बहुत ही कॉम्पलिकेटेड होता है. ख़ासकर तब जब बेटा बड़ा हो जाता है और अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है. तब इस रिश्ते को शब्दों में बयां कर पाना थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि शायद बेटा अपने पिता को समझा नहीं पाता है या पापा समझ नहीं पाते हैं. जिसकी वजह से उलझनें बढ़ जाती हैं.
बॉलीवुड की कई फ़िल्में ऐसी हैं जिन्होंने बाप-बेटों के इस जटिल रिश्ते को दिखाने की उम्दा कोशिश की है. चलिए आज बॉलीवुड मूवीज़ के कुछ ऐसे ही सीन्स को याद कर लेते हैं.
Complicated Father And Son Relationship In Bollywood Movies
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1. 3 इडियट्स (3 Idiots)
फ़िल्म में जब फरहान (आर. माधवन) अपने पिता से कहता है कि वो इंजीनियर नहीं वाइल्ड लाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र बनना चाहता है, ये सीन देख हर कोई इमोशनल हो जाता है. बेटे के लिए वो एक और बलिदान देते हैं और उसे उसका पैशन फ़ॉलो करने की इजाजत दे देते हैं. पिता की आज्ञा और हिम्मत दिए जाने के बाद ही फरहान अपना सपना पूरा कर पाता है.
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2. लक्ष्य (Lakshya)
इस फ़िल्म में करण (ऋतिक रोशन) जब युद्ध पर जा रहा होता है तो अपने पिता को फ़ोन करता है. तब वो झिझकते हुए बताता है कि वो उनसे कितना प्यार करता है और उन्होंने जो उसके लिए किया वो उसका सदा आभारी रहेगा. ये सीन दिल को छू लेता है.
3. जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (Zindagi Na Milegi Dobara)
इस मूवी में जब इमरान अपने पिता से एक टूर के दौरान मिलता है, जिनसे वो कभी नहीं मिला. असल में ये ट्रिप भी इसीलिए थी. लेकिन जब नसीरुद्दीन (उसके पिता) उसे कहते हैं कि वो चाहते हैं कि उसका बेटा उनसे कभी न मिले तब उसे जो दर्द होता है, वो अपने पिता से न मिल पाने वाले बेटे देख ज़रूर रो दिए होंगे.
4. मुन्ना भाई एम बी बी एस (Munna Bhai M.B.B.S)
फ़िल्म के आख़िर में जब मुन्ना (संजय दत्त) के पिता को पता चलता है कि उसका बेटा लोगों की ज़िंदगियां बदल रहा है, उन्हें जीना सिखा रहा है, वो सीन बड़ा ही भावनात्मक था. 10 साल तक झूठ बोलने वाले बेटे को माफ़ कर बेटे को गले लगाने का एक पिता ही कर सकता है.
5. वेक अप सिड (Wake Up Sid)
सिड (रणबीर कपूर) जब अपने पिता को बताता है कि उसे नौकरी मिल गई है तो उस सीन को देख अपने पैरों पर खड़ा हर लड़का इमोशनल हो गया होगा. बाद में जब वो सैलरी चेक पिता को थमाता है तो पिता का बेटे को गले लगा लेना वाकई भावविभोर कर देने वाला था.
6. वक़्त: द रेस अगेंस्ट टाइम (Waqt: The Race Against Time)
ईश्वर चंद एक अमीर बिज़नेस मैन (अमिताभ बच्चन)अपने बेटे को सारे ऐशो-आराम देता है. लेकिन जब उसे पता चलता है कि उसके पास कुछ ही दिन बचे हैं तो वो अपने बेटे आदित्य (अक्षय कुमार) को अपनी ज़िम्मेदारियों को उठाने के लिए सख्त कदम उठाता है. उसे अपने घर से बाहर जाने को कह देता है. इसमें भी पिता का पुत्र के प्रति प्रेम साफ़ दिखाई देता है.
7. ये जवानी है दीवानी (Yeh Jawani Hai Deewani)
बनी (रणबीर कपूर) के पिता जैसे उससे अपना प्यार दिखाते हैं हम सबके घरों में पिता कुछ ऐसे ही होते हैं. बनी थोड़ा रूड दिखता है पर अपने पिता से प्यार भी करता है. पिता भी ऊपर से सख्त हैं, लेकिन बेटे की उतनी ही फिक्र रहती है जितनी कि मां को होती है. इसलिए ट्रिप पर जाने के लिए उसके लिए बैग लाकर रख देते हैं और खुलकर इंजॉय करने को कहते हैं.
8. पा (Paa)
ऑरो (अमिताभ बच्चन) एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चा है. उसे अपने पिता के बारे में नहीं जानता, उसकी मां ने अपने बेटे से ये सच छुपा कर रखा था. पर जब उसे पता चलता है तो वो उनसे मिलने जाता है. सारी सच्चाई पता होने पर वो अपने मां-बाप को फिर से मिलवाने की कोशिश करने लगता है. इस बीच बेटे और बाप की बॉन्डिंग बढ़ती जाती है, ये रिश्ता जटिल होते हुए भी प्यारा था.
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