अम्फन चक्रवात से मची तबाही के चलते पश्चिम बंगाल में सबकुछ तबाह हो गया है. ऐसे में पीड़ितों की मदद करने के लिए कई लोगों ने हाथ आगे बढ़ाया. अब इस लिस्ट में एक नाम और जुड़ गया है वो नाम है चंदर पहर के डायरेक्टर कमलेश्वर मुखर्जी का. डॉक्टर के प्रोफ़ेशन छोड़ डायरेक्टर बने कमलेश्वर ने टॉलीवुड को कई बेहतरीन फ़िल्में दीं. जब उनके लोगों को उनकी ज़रूरत है तो वो पीछे नहीं हटे. उन्होने डायरेक्टर की हैट छोड़ डॉक्टर का कोट पहना और लोगों की सेवा में जुट गए. 

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कमलेश्वर मुखर्जी बहुत ही क़ाबिल डॉक्टर हैं. सुंदरबन में चक्रवात से तबाह लोगों की मदद कर रहे हैं. इसके लिए वो चिकित्सा शिविरों में जाकर मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं. ये चिकित्सा शिवर संधेशखली, रायडीघी, हसनाबाद और बंटाला में हैं. यहां पर कई गैर-सरकारी संगठनों की मदद से पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फ़ोरम द्वारा क़रीब 38 चिकित्सा शिविर लगाए गए थे. डॉ. मुखर्जी ने उनमें से पांच में हिस्सा लिया है. इस तरह के और शिविर पथार प्रतिमा और हिंगलगंज क्षेत्रों में भी लगाए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कमलेश्वर इन शिविरों में भी हिस्सा लेंगे.

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इन शिविरों में मुखर्जी ने त्वचा रोग, कुपोषण, ऑर्थोपेडिक समस्याओं और पेट फ़्लू से पीड़ित रोगियों का इलाज किया. शिविर में एक भी बुखार के मरीज़ नहीं आए और ये मुखर्जी के लिए चौंकाने वाली बात थी. इन्होंने शिविर में डॉक्टर के साथ-साथ कंपाउंडर का भी काम किया, मरीज़ों को ख़ुद दवाइयां बनाकर भी दीं. 

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आपको बता दें, 2011 में फ़िल्म इंडस्ट्री को जॉइन करने के लिए इन्होंने अपनी मेडिकल प्रैक्टिस को रोक दिया था. इन्होंने उरोचिथी, मेघिका ढाका तारा और चंदर पहाड़ जैसी बेहतरीन फ़िल्मों का निर्देशन किया है.

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