Satyajit Ray Birth Anniversary:दादा साहब फाल्के के बाद भारतीय सिनेमा को जिस शख़्स ने नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया वो हैं सत्यजीत रे(Satyajit Ray). उनके कारण ही विश्व भारतीय सिनेमा को जान पाया. कहते हैं कि उनके द्वारा बनाई गई फ़िल्में जिसने नहीं देखी मानो उसने सूरज-चांद को नहीं देखा. फ़िल्में बनाने की सत्यजीत रे की काब़िलियत का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने अपने जीवन 37 फ़िल्में बनाईं और उनमें से 32 को नेशनल अवॉर्ड मिला.

यही नहीं, सत्यजीत रे अकेले ऐसे भारतीय फ़िल्म मेकर हैं, जिन्हें ऑस्कर लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जबकि उनकी कोई फ़िल्म कभी किसी ऑस्कर अवॉर्ड में नॉमिनेट भी नहीं हुई थी. उनकी फ़िल्में यथार्थ के क़रीब होती थीं. उनकी फ़िल्में देखने के बाद लोगों को प्रेरणा मिलती है, कुछ करने की, जीवन को जीने की.

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सत्यजीत रे का फ़िल्मों की तरफ रुझान तब हुआ जब वो लंदन अपने ऑफ़िस के काम से गए थे. उस समय वो एक एड(विज्ञापन) एजेंसी में काम करते थे. लंदन में उन्होंने ‘Bicycle Thieves’ नाम की फ़िल्म देखी थी, जिसे इटैलियन फ़िल्म डायरेक्टर Vittorio De Sica ने बनाया था. इस फ़िल्म से वो इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने फ़िल्में बनाने का निर्णय कर लिया. फिर उन्होंने सैंकड़ों फ़िल्में देख डाली.

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वहां से लौटने के बाद उन्होंने अपनी पहली फ़िल्म ‘पाथेर पंचाली’ डायरेक्ट की. 1955 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म को उस साल का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. फ़िल्म लोगों को ख़ूब पसंद आई थी. मगर इसे लेकर कॉन्ट्रोवर्सी भी हो गई थी. दरअसल, इस मूवी में उन्होंने असली भारत से लोगों को रू-ब-रू कराया था. ये फ़िल्म भारत की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में से एक है.

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इसके बाद उन्होंने इसकी कहानी को आगे बढ़ाते हुए दो और फ़िल्में बनाईं ‘अपराजितो’ और ‘अपुर संसार’. इन तीनों को अपु ट्राइलॉजी कहा और सिनेमा का महाकाव्य भी. सत्यजीत रे ने इसके बाद कई फ़िल्में बनाई. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

1. पाथेर पंचाली – 1955

2. अपराजितो – 1956

3. पाराश पाथर, जलसाघर – 1958

4. अपुर संसार – 1959 

5. देवी – 1960

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6. किशोर कन्या – 1961

7. रवींद्रनाथ टैगोर – 1961

8. अभिजान – 1962

9. महानगर – 1963

10. चारुलता – 1964  

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11. कापुरुष-ओ-महापुरुष – 1965

12. नायक – 1966

13. चिड़ियाखाना – 1967

14. Goopy Gyne Bagha Byne  – 1969

15. अरण्यर दिन रत्रि – 1970

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16. प्रतिद्वंद्वी – 1970

17. सीमाबाधा – 1971

18. The Inner Eye – 1972 

19. अशानी संकटे – 1973

20. सोनार केला – 1974

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21. जन अरण्य – 1976

22. बाला – 1976

23. शतरंज के खिलाड़ी – 1977

24. जय बाबा फेलुनाथ – 1979

25. हीरक राजार देशे, पीकू  – 1980

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26. सदगति – 1981

27. घर बार  – 1984

28. सुकुमार रे – 1987

29. गणशत्रु – 1989

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30. शाखा परशाखा – 1990

31. अगांतुक – 1991

कभी वक़्त मिले तो सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित इन फ़िल्मों में से किसी एक को ज़रूर देखना. इनमें आपको हर तरह के जॉनर की फ़िल्में मिलेंगी. साथ ही ज़िंदगी को लेकर आपका नज़रिया भी बदल जाएगा. 
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