करीना कपूर ख़ान की चुलबुली अदाकारी तो हम सबको पसंद आती ही है. रेडियो के शो What Women Want से वो होस्ट भी बन गई थीं, जिसे लोगों ने काफ़ी पसंद भी किया था. लोगों की भारी डिमांड पर करीना अपने शो का दूसरा सीज़न लेकर आई हैं और उनके दूसरे सीज़न के पहले एपिसोड की गेस्ट उनकी सास और वेटरेन एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर थीं. 

करीना ने उनसे सवाल किया कि बहू और बेटी में क्या अंतर होता है? शर्मिला टैगोर ने जवाब दिया,

बेटी के साथ आप बड़े होते हो. आपको उसके बारे में सब पता होता है उसे कब गुस्सा आता है उससे कैसे उस वक़्त निपटना है? मगर जब आप बहू से मिलते हैं, तो वो एडल्ट होती है उसकी अपनी सोच और नज़रिया होता है. इसलिए आपको नहीं पता होता है कि उसका स्वभाव कैसा है? आपको उसके साथ घुलने-मिलने में वक़्त लगता है. बहू आपके घर आती है तो ये आपकी ज़िम्मेदारी होती है कि आप उसे सहज महसूस कराएं. साथ ही अपने बहू और बेटे के रिश्ते के बीच ज़्यादा दखलअंदाज़ी न करें. अब जैसे मैं ही कहूं कि मेरे बेटे को ये डिश पसंद है इस तरह की चीज़ें नहीं करनी चाहिए. दोनों के रिश्ते को बेहतर होने के लिए समय देना चाहिए.

शर्मिला ने उस वक़्त को याद किया जब उनकी शादी दिग्गज क्रिकेटर मंसूर अली ख़ान पटौदी (टाइगर) से हुई थी,

मुझे याद है कि जब मेरी शादी हुई थी. मैं एक बंगाली हूं, मुझे चावल पसंद हैं और वो सभी रोटी-फ़ुल्का खाने वाले लोग थे. मुझे मछली पसंद थी और टाइगर को मछली से नफ़रत थी. ऐसे अडजस्मेंट करने पड़ते हैं. ये बहुत छोटी बातें लगती हैं, लेकिन ये सब ज़्यादा लंबे समय तक नहीं चलती हैं.

शर्मिला के अनुसार,

नई बहू को सहज बनाने और उसके किसी भी काम में हस्तक्षेप न हो ये लड़के को ध्यान रखना ज़रूरी होता है. ‘जब मेरा बेटा छोटा था, तो उसे भी यही डिश पसंद थी. इसलिए आपको उनके रिश्ते को हमेशा वक़्त देना चाहिए.

करीना ने बताया,

इस सीज़न में सैफ़ भी गेस्ट के तौर पर दिखाई देंगे. मगर उन्हें शो पर लाना आसान नहीं था क्योंकि सैफ़ को मनाना आसान काम नहीं है. वो घर पे है, वो मेरे पति हैं और वो इतना ड्रामा करा रहा था वो, कि क्यूं आऊं? क्या बात करेंगे हम? मैंने कहा, अरे, ये मेरा शो है! उन्होंने पूछा, आप मुझे क्यों चाहते हैं अपने शो पर?
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करीना ने कहा,

सैफ़ मुझे मेरे काम के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते हैं. उन्हें मुझ पर गर्व है. वो चाहते हैं कि मैं वो सब कुछ पाऊं जो मैं चाहती हूं.
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आपको बता दें, 60-70 के दशक में शर्मिला टैगोर के अभिनय के लोग कायल थे. फ़िल्म ‘कश्मीर की कली’ से शर्मिला का करियर बुलंदियों पर पहुंचा. 8 दिसंबर को शर्मिला ने पूरे परिवार के साथ अपना 75 वां जन्मदिन मनाया.

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