बॉलीवुड वो चमत्कारी दुनिया है जिसके बारे में कभी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. बॉलीवुड आने वाले कुछ लोगों की क़िस्मत रातों-रात चमक जाती है. तो कुछ स्टार बनने के बाद चमक-धमक से दूर हो जाते हैं. इसकी असल वजह क्या है, ये आज तक कोई नहीं समझ पाया. कुछ इसी तरह का फ़िल्मी सफ़र अभिनेत्री ग्रेसी सिंह का भी रहा है.
लगान जैसी सुपरहिट फ़िल्म देने के बाद ऐसा लगा था, वो बॉलीवुड में लंबी पारी खेलेंगी. हांलाकि, लगान से पहले वो फ़िल्म हम दिल दे चुके सनम में छोसा सा रोल कर चुकी थीं. लगान के बाद वो संजय दत्त और अरशद वारसी के साथ मुन्ना भाई में दिखाई दी थीं. ग्रेसी को बड़े पर्दे पर देखना अच्छा लगा. उनकी सादगी और मुस्कान ने लोगों को उनकी ओर आकर्षित किया.
पर ये क्या अभी वो दर्शकों की नज़रों में आईं ही थीं कि फ़िल्मों से दूर हो गईं. हांलाकि, कुछ टाइम बाद वो संतोषी मां बन कर टीवी में पर दिखाईं दी. एक्ट्रेस का ये किरदार भी लोगों को ख़ूब भाया. एक इंटरव्यू के दौरान ग्रेसी सिंह से उनके बॉलीवुड से दूर होने का कारण पूछा गया. इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें मेहनत करना मंज़ूर है, लेकिन चापलूसी नहीं. उन्होंने ये भी बताया कि वो महज़ एक रोल के लिये किसी प्रोड्यूसर के पास जाकर पार्टी नहीं कर सकती. ग्रेसी सिंह का कहना था कि उन्हें पता ही नहीं चला कि उनके पास रोल आना कब बंद हो गये.
बॉलीवुड के अलावा अध्यात्म की तरफ़ भी ग्रेसी सिंह का अच्छा लगाव था. एक्टिंग की दुनिया से दूरी बनाने के बाद वो धीरे-धीरे अध्यात्म की तरफ़ झुकती गईं. अभिनेत्री ब्रह्माकुमारी से जुड़ चुकी हैं. वो हर साल ब्रह्माकुमारी जा कर वहां होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं. चूंकि, वो एक अच्छी क्लासिक डांसर भी हैं. इसलिये इन कार्यक्रमों में भरत नाट्यम भी करती हैं. कहा जाता है कि अध्यात्म में ख़ास लगाव की वजह से ही उन्होंने अब तक शादी नहीं की है.
उम्मीद है कि ग्रेसी सिंह जो भी कर रही हैं, उसमें वो काफ़ी ख़ुश हों.
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