69th National Film Award 2023: 69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स 2023 के विजेताओं का ऐलान हो चुका है. हिंदी सिनेमा के लिहाज़ से ये अवॉर्ड्स काफ़ी प्रतिष्ठित और सम्मानजनक होते हैं. 2023 के नेशनल अवॉर्ड में 2021 की उन फ़िल्मों को भी शामिल किया गया है, जो उसी साल रिलीज़ हुई हैं. विजेताओं की घोषणा दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए की गई.
आइए जानते हैं कौन हैं लकी एक्टर, एक्ट्रेस और फ़िल्म जिसे इस सम्मान से नवाज़ा गया है.
बेस्ट एक्ट्रेस: आलिया भट्ट (गंगूबाई काठियावाड़ी), कृति सेनन (मिमी)
बेस्ट एक्टर: अल्लू अर्जुन (पुष्पा: द राइज़)
बेस्ट डायरेक्टर: निखिल महाजन (मराठी फ़िल्म: गोदावरी)
बेस्ट फ़िल्म: रॉकेट्री: द नम्बी इफ़ेक्ट, सरदार उधम
बेस्ट फ़ीमेल प्लेबैक सिंगर: श्रेया घोषाल (तमिल फ़िल्म: इराविन निझल, गाना: मायावा…सायावा)
गंगूबाई अवॉर्ड्स लिस्ट:
बेस्ट मेकअप आर्टिस्ट
बेस्ट एक्ट्रेस: आलिया भट्ट
बेस्ट एडिटिंग: संजय लीला भंसाली
बेस्ट स्क्रीनप्ले: संजय लीला भंसाली के साथ उत्कर्षिनी वशिष्ठ और Netflix मलयालम फ़िल्म ‘नयट्टु’ को.
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस: पल्लवी जोशी (द कश्मीर फ़ाइल्स)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर: पकंज त्रिपाठी (मिमी)
स्पेशल जूरी अवॉर्ड: शेरशाह
नरगिस दत्त अवॉर्ड राष्ट्रीय एकता बेस्ट फ़िल्म: द कश्मीर फ़ाइल्स
RRR अवॉर्ड्स लिस्ट:
बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्शन: डीएसपी (पुष्पा और आरआरआर)
बेस्ट फ़ीमेल सिंगर: Kaala Bhairava (गाना: ‘कोमुरम भीमुडो’)
बेस्ट कोरियोग्राफ़ी: RRR
बेस्ट स्टंट कोरियोग्राफ़र: RRR
सरदार उधम अवॉर्ड्स लिस्ट:
बेस्ट कॉस्टयूम डिज़ाइनर: सरदार उधम सिंह
बेस्ट सिनेमैटोग्राफ़ी: सरदार उधम
बेस्ट प्रोडक्शन डिज़ाइनर: सरदार उधम सिंह
बेस्ट ऑडियोग्राफ़ी: सिनॉय जोसेफ़ के साथ फ़िल्म ‘झिल्ली’ और ‘चाविट्टू’ के लिए भी.
बेस्ट नॉन फ़ीचर फ़िल्म: ‘एक था गांव’ (गढ़वाली और हिंदी फ़िल्म)
बेस्ट क्रिटिक फ़िल्म: पुरूषोत्तम चार्युलु (तेलुगू)
Critic (Special Mention): सुब्रमण्य बदूर
बेस्ट बुक ऑन सिनेमा: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल द्वारा संगीत: द इनक्रेडिबली मेलोडियस जर्मी (राजीव विजयकर)
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: गुजराती – द छैलो शो (अंतिम फ़िल्म शो)
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: मिशिंग – बूम्बा राइड
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: असमिया – अनुर (आइज़ ऑन द सनशाइन)
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: बंगाली – कल्कोक्खो – हाउस ऑफ़ टाइम
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: कन्नड़ – 777 चार्ली
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: मैथिली – समानान्तर
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: मराठी – एकदा के जाला
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: मलयालम – होम
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: मेइतिलोन – इखोइगी यम
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: उड़िया – प्रत्यक्ष (द वेट)
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: तमिल – कदैसी विवासयी (द लास्ट फार्मर)
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: तेलुगु – उप्पेना (वेव)
स्पेशल मेंशन: बाले बंगारा (अनिरुद्ध जटकर), करुवराई (श्रीकांत देवा), द हीलिंग टच (श्वेता कुमार दास) और एक दुआ (राम कमल मुखर्जी)
बेस्ट Narration/वॉइस ओवर: कुलदा कुमार भट्टाचार्जी (हतीबोंधु)
बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्शन: ईशान दिवेचा (सकुलेंट)
बेस्ट एडिटिंग: अभ्रो बनर्जी (इफ़ मेमोरी सर्व्स मी राइट)
बेस्ट प्रोडक्शन साउंड रिकॉर्डिस्ट (लोकेशन/सिंक साउंड): सुरुचि शर्मा (मीन राग)
बेस्ट ऑडियोग्राफ़ी (री-रिकॉर्डिस्ट): उन्नी कृष्णन (एक था गांव)
बेस्ट सिनेमैटोग्राफ़ी: बिट्टू रावत (पाताल-टी)
बेस्ट डायरेक्शन: बकुल मटियानी (कृपया मुस्कुराएं)
Best Film On Family Values: चंद सांसें
Best Short Fiction Film: दाल भात (गुजराती)
Special Jury: रेखा (मराठी फिल्म)
बेस्ट एनिमेशन फ़िल्म: कंदित्तुंडु (मलयालम)
Best Investigative Film: लुकिंग फ़ॉर चालान (अंग्रेजी)
Best Exploration/Adventurous Film: आयुष्मान (अंग्रेजी, कन्नड़)
Best Educational Film: सिरपिगलिन सिरपंगल (तमिल)
Best Film On Social Issues: मिठू दी (मराठी) और थ्री टू वन (मराठी और हिंदी)
Best Environmental Film: मुन्नम वलावु (मलयालम)
बेस्ट प्रमोशनल फ़िल्म: लुप्तप्राय विरासत ‘वर्ली आर्ट’
बेस्ट साइंस और टेक्नॉलजी फ़िल्म: एथोस ऑफ़ डार्कनेस
बेस्ट आर्ट/कल्चर फ़िल्म: टी.एन. कृष्णन बो स्ट्रिंग्स टू डिवाइन
Best Biographical: रुखु मतिर दुखु माझी (बंगाली) और बियॉन्ड ब्लास्ट (मणिपुरी)
Best Anthropological Film: फ़ायर ऑन एज (तिवा)
Best Debut Non-Feature Film Of A Director: पांचिका (गुजराती)
आपको बता दें, देश में आज़ादी के बाद आर्टिस्ट और उसकी आर्ट को प्रोत्साहित करने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. इनका मक़सद ये था कि कलाकार को और अच्छा काम करने का प्रोत्साहन मिले. अवॉर्ड को तीन कैटेगरी में बांटा गया है- फ़ीचर, नॉन-फ़ीचर और बेस्ट राइटिंग इन सिनेमा. ये अवॉर्ड कला, संस्कृति, सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में अपना योगदान देने वाले कलाकारों को दिया जाता है.