Palash Sen: मायरी…गाना सुनते समय क्या-क्या याद आता है? वैसे तो इस गाने को सुनते ही पूरा बचपन आंखों के सामने आ जाता है. इसके बाद, Euphoria बैंड, पलाश सेन, बैकग्राउंड में वो लंबे बाल वाला लड़का और रिमी सेन का शीशे में बिंदी ठीक करना. इन सब बातों को सुनना जितना सिपंल लगता है ये बातें उससे कहीं ज़्यादा ज़िंदगी से जुड़ी हैं. मेरे बचपन में जब भी मैं ये गाना सुनती थी तो साथ में न गुनगुनाया ऐसा तो हुआ ही नहीं है. और मुझे पता है ऐसा बचपन में ज़्यादातर बच्चों के साथ हुआ है. पहले तो गाना सुन लीजिए.

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पलाश सेन के बारे में बात करने की शुरुआत इस गाने से बेहतर तो हो ही नहीं सकती. ये गाना किसी के लिए भी एक गाना नहीं था. उस दौर के बच्चों का पूरा बचपन था तो पलाश सेन के बैंड की पहचान था. इस गाने को लूप में आज भी लोग सुनते होंगे. इसकी मीठी सी धीरे-धीरे शुरुआत गाने की मिठास को बढ़ा देती है. अभी भी इस आर्टिकल को लिखते समय साइड में ये गाना चल रहा है क्योंकि दिमाग़ और उंगलियों बिना गाना सुने टाइप करने से इनकार जो कर दिया था. इस गाने से पलाश सेन (Palash Sen) का बैंड ‘Euphoria’ और इस बैंड से जुड़े एक-एक लोग रातों-रात स्टार बन गए और आज इतने सालों बाद भी ये गाना उनकी पहचान बना हुआ है. मायरी गाने में मायरी कोई और नहीं एक्ट्रेस रिमी सेन थीं.

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पलाश सेन सिंगर होने के साथ-साथ डॉक्टर भी हैं. पलाश काफ़ी स्टेज शोज़ करते रहते हैं.

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The Curly Tales के शो तेरे गली में के एपिसोड के ज़रिए पलाश सेन को और भी जानने मौक़ा मिला. पलाश सेन ने इस शो के दौरान बताया कि,

सिंगिंग उनका असली जुनून है और वो अपने घर में सबसे ख़राब सिंगर भी हैं डॉक्टर भी. इनकी 17 जेनेरेशन में सिर्फ़ डॉक्टर्स है और सारे के सारे सिंगर भी हैं.

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पलाश ने इसके पीछे का कारण भी बताया,

दरअसल, मैंने छोटे से ही अपने परिवार को ज़रूरतमंदों की मदद और सेवा करते देखा है. मेरे पैरेंट्स डॉक्टर हैं और सरकारी जॉब पर थे तो उनका मानना था कि डॉक्टरी का पेशा सिर्फ़ सेवा करने के लिए बना है. मैं बचपन से भी बस यही देखा कि लोगों की सेवा करो बस. हम उस समय दिल्ली की एक रेलवे कॉलोनी में रहते थे. मैंने अपने मां-पापा और उनके साथी कर्मचारियों को बस दूसरों को प्यार और मदद देते ही देखा.

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उन्होंने आगे बताया,

इसलिए जब मैंने डॉक्टरी शूरू की तो मैंने भी किसी से पैसे नहीं लिए. मैं अपनी किसी भी सर्विस के लिए चार्ज नहीं करता हूं. मेरे पास एक क्लिनिक है उसका नाम स्टूडियो है और मैं वहीं मरीज़ों को भी देखता हूं और अपना रियास भी करता हूं. जब कोई पूछता है पॉली कहां है तो मां कहती हैं क्लिनिक.

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सिंगिंग को लेकर मां और पत्नी दोनों ने अपनी असहमति दिखाई, इस पर पलाश ने बताया कि,

सिंगिंग को अच्छा नहीं मानते इसलिए मेरी मां और मेरी पत्नी दोनों ही मेरी बात सहमत नहीं थीं. मैंने मेरी मां से प्रॉमिस किया था कि मैं कभी भी कुछ भी ऐसा नहीं करूंगा जिससे आपकी नज़रें झुकें. इसके अलावा, उन्होंने मुझसे कहा था कि तुम डॉक्टरी नहीं छोड़ोगे तो मैंने अपनी प्रैक्टिस के साथ-साथ सिंगिंग भी चालू रखी क्योंकि गाना मेरा जुनून है.

Palash Sen
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आगे उन्होंने दिल्ली का रेलवे हॉस्पिटल दिखाते हुए कहा कि,

आज डॉक्टरी का इस हद तक Commercialization हुआ है जो उन्हें आश्चर्य में डाल देता है. वहीं ये अस्पताल सिंपलिसिटी के लिए जाना जाता है. मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि इस फ़ील्ड में लोग पैसे के लिए कुछ भी करेंगे. मेरे लिए चिकित्सा हमेशा सेवा और दूसरों की देखभाल करना रहा है.

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पलाश को प्रैक्टिस करते हुए शुरुआत में 1200 रुपये का चेक मिला था, जिसके बाद उन्होंने अपनी सारी सेविंग्स जोड़कर एक बाइक ख़रीदी थी. इसमें उनके पापा ने 4 हज़ार रुपये दिए थे.

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पलाश ने कई बेहतरीन गाने दिए हैं, कैसे भूलेगी मेरा नाम… और कभी आना तू मेरी गली…

इसके अलावा, इन्होंने तबू, सुष्मिता सेन और संजय सूरी के साथ फ़िल्म फ़िलहाल भी की थी.