90 के दशक के कुछ सीरियल्स ऐसे हैं जिन्हें हम कभी नहीं भूल सकते. इन्हीं में से एक महाभारत भी. याद है कैसे दूरदर्शन पर महाभारत देखने के लिये भीड़ जमा हो जाती थी. अगर महाभारत सीरियल याद है, तो आपको गदाधारी ‘भीम’ का किरदार भी याद होगा. भीम का किरदार प्रवीण कुमार सोबती ने निभाया था. प्रवीण कुमार सोबती ने अपने अभिनय से गदाधारी भीम के रोल को पर्दे पर सदा के लिये जीवंत कर दिया.
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आज अगर हम आंखें बंद करके महाभारत के ‘भीम’ की कल्पना करते हैं, तो सबसे पहले प्रवीण कुमार की छवि ही घूमती है. हंसी हो या ग़ुस्सा, उन्होंने भीम के कैरेक्टर को ईमानदारी से बख़ूबी निभाया. प्रवीण कुमार एक बेहतरीन कलाकार हैं और अपने अभिनय का सबूत भी दे चुके हैं. वो भी तब जब एक्टिंग से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था.
अंतरराष्ट्रीय खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं भीम
कैसे एक खिलाड़ी बन गया अभिनेता?
प्रवीण किंग्स्टन में कॉमनवेल्थ गेम्स (1966) और तेहरान में एशियाई खेलों (1974) में रजत मेडल विजेता भी बने. इसके अलावा वो दो बार ओलंपिक में भी जा चुके थे. प्रवीण का करियर एकदम परफ़ेक्ट चल रहा था, लेकिन फिर अचानक उनकी पीठ में दर्द की शिकायत रहने लगी.
खेल की दुनिया में एक सफ़ल पारी खेलने के बाद उन्होंने 1980 में अभिनय की दुनिया में क़दम रखा. ‘फ़र्ज़’ फ़िल्म से उन्होंने अभिनय की शुरुआत की. इसके बाद उन्हें कई फ़िल्मों में काम करने का मौक़ा मिला, लेकिन पहचान उन्हें महाभारत के ‘भीम’ के किरदार से मिली. भीम के रोल को पर्दे पर जीवंत करने के लिए प्रवीण ने बहुत मेहनत की और सफ़ल भी रहे.