लॉकडाउन में कई बड़े-बड़े सेलेब्स ने देश की मदद को हाथ आगे बढ़ाया. पर इस दौरान ग़रीबों का सबसे बड़ा मसीहा बने सोनू सूद. तपती गर्मी में पैदल ही घर की ओर निकले मज़दूरों का दर्द सोनू सूद ने काफ़ी करीब से समझा. इसीलिये सबसे पहले उन्होंने उन्हें घर भेजने का काम शुरू किया. हालात से मजबूर लोगों की मजबूरी को समझते हुए उन्होंने जो सराहनीय काम किये. वो वाकई क़ाबिले-ए-तारीफ़ हैं. 

telanganatoday

कोई भी इंसान मदद से वंचित न रह पाये इसलिये उन्होंने टोल फ़्री नबंर भी शुरू किया. छोटे-छोटे लोगों की बड़ी मदद करके बड़े पर्दे का विलेन हीरो कब बना पता ही नहीं चला. हर ओर बस अब एक ही नाम सुनाई देता है. वो नाम है सोनू सूद. हाल ही में सोनू सूद ने जर्नलिस्ट अनुपमा चोपड़ा को भी छोटा सा इंटरव्यू दिया. 

dnaindia

इंटरव्यू में अनुुपमा चोपड़ा ने सोनू सूद से उनके काम के बारे में कई सवाल किये. यानि मज़दूरों की मदद का आईडिया कहां से और कैसे आया. इस पर सोनू सूद ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक के एक गांव के कुछ लोगों को पैदल घर जाते देखा था. उनके मन में डर था कि कोई उनकी मदद नहीं करेगा. पर सोनू सूद ने उनके डर को बाहर निकला और मदद करके उन्हें घर पहुंचाया. 

सोनू सूद ने बताया कि एक महिला ने उसके बच्चे का नाम सोनू सूद रखा, क्योंकि उसे लगता था वो अब शहर में ज़िंदा नहीं बचेगी. पर जब सोनू सूद ने उसकी मदद की, तो उसे जीने का दूसरा मौक़ा मिला. 

सोनू सूद ने अपने नाम को लेकर इंड्स्ट्री का क़िस्सा भी शेयर किया. इसके साथ उनकी मां द्वारा कही गई बात भी बताई. 

सोनू सूद नहीं चाहते थे कि मज़दूरों के बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता के संघर्षों को बुरी यार की तरह याद रखें. इसीलिये उन्होंने सबकी मदद का निर्णय लिया. 

कमाल की बात ये है कि उन्हें ये सारे काम करते वक़्त बिल्कुल भी थकान महसूस नहीं होती. इस इंटरव्यू में उन्होंने जो बातें कही सुनकर ऐसा लगा, जैसे वो एक अभिनेता नहीं, लोगों के मसीहा बन कर बोल रहे हैं. 

सोनू जी आपने जो काम किया है सच में वो कोई नायक ही कर सकता है. दिल से सलाम! 

पूरा इंटरव्यू आप यहां सुन सकते हैं. 

Entertainment के और आर्टिकल्स पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.