गुलशन कुमार! ये नाम सुनते ही 90 के दशक वाले T-Series के भजन याद आने लगते हैं. कभी जूस की दुकान चलाने वाले गुलशन कुमार ने ही भारत की सबसे बड़ी म्यूज़िक कंपनी टी-सीरीज़ (T-Series) की शुरुआत की थी. उन्होंने टी-सीरीज़ की शुरुआत उस दौर में की थी जब कैसेट्स का जमाना था. 90 के दशक से लेकर आज तक टी-सीरीज़ की बादशाहत क़ायम है. आज टी-सीरीज़ 3,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन चुकी है.

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गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) की ‘ज़ीरो से हीरो’ बनने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. देश की सबसे बड़ी म्यूज़िक कंपनी बनाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी. गुलशन कुमार आज भले ही हमारे बीच में न हों, लेकिन उनके ‘फर्श से अर्श’ तक पहुंचने का ये सफ़र हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा.

गुलशन कुमार का जन्म पंजाब के एक लोअर मिडिल क्लास परिवार में जन्म हुआ. विभाजन के दौरान उनका परिवार वेस्ट पंजाब (अब पाकिस्तान) से दिल्ली आया था. उनके पिता दिल्ली के दरियागंज इलाक़े में जूस की छोटी सी दुकान चलाया करते थे. यही परिवार की कमाई का एकमात्र ज़रिया था. वो बचपन में पिता के साथ इस काम में उनका हाथ बंटाया करते थे. गुलशन को बचपन से ही म्यूज़िक से लगाव था. वो भगवान शिव और ख़ासकर वैष्णो देवी मां के समर्पित उपासक थे.

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भारत में 1970 के दशक में म्यूज़िक लग्ज़री हुआ करता था. ये आम आदमी की पहुंच से काफ़ी दूर था. केवल आकाशवाणी ही संगीत सुनने का एकमात्र ज़रिया हुआ करता था. आख़िरकार सन 1978 में भारत सरकार ने अपनी इम्पोर्ट पॉलिसी में बदलाव किया और देश में टेप रिकॉर्ड का आयात शुरू हुआ. इसके साथ ही कैसेट का बिज़नेस भी चलने लगा. बस यहीं से गुलशन कुमार की ज़िंदगी ने करवट बदली और उन्होंने रिकॉर्ड और सस्ते ऑडियो कैसेट बेचने वाली एक दुकान ख़रीद ली.

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कैसेट रिकॉडिंग ने बनाया म्यूज़िक किंग

गुलशन कुमार ने 70 के दशक में ही ऑडियो कैसेट बेचने के साथ-साथ मां वैष्णो देवी की भेटें और भजन भी गाने शुरू कर दिए थे. 80 के दशक में उन्होंने कैसेट में सॉन्ग रिकॉडिंग का काम भी शुरू कर दिया. लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक़ खाली कैसेट में गाने भरवाने का ये काम ज़बरदस्त तरीके से चल पड़ा. इस दौरान उन्होंने 7 रुपये में एक कैसेट तैयार करके उसे 25 रुपये में बेचना शुरू कर दिया. इस तरह से 1 कैसेट पर उन्हें 300% मार्जिन मिलने लगा.

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कैसे हुई ‘T-Series’ शुरुआत

गुलशन कुमार ने इसके बाद ख़ुद का ऑडियो कैसेट ऑपरेशन शुरू किया जिसे ‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज’ नाम दिया. ऑडियो कैसेट की अपार सफ़लता के बाद उन्होंने नोएडा में म्यूज़िक प्रोडक्शन कंपनी ‘टी-सीरीज़’ की शुरुआत की. टी-सीरीज़ ने कुछ ही सालों में ‘म्यूज़िक इंडिया’ और ‘पॉलीडोर’ जैसी कंपनियों के दबदबे को ख़त्म कर कैसेट्स और म्यूज़िक को घर-घर पहुंचाने का काम किया.

आख़िरकार ‘टी-सीरीज़’ की अपार सफ़लता के बाद गुलशन कुमार ने फ़िल्म इंडस्ट्री का रुख किया और मुंबई चले गए. इस दौरान उन्होंने सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल समेत कई गायकों को स्टार सिंगर बनाया. भक्ति म्यूज़िक ने ही टी-सीरीज़ को घर-घर तक लोकप्रिय बनाया. इस दौरान उन्होंने म्यूज़िक और बॉलीवुड फ़िल्मों के अलावा हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित फ़िल्मों और टीवी सीरियल्स प्रोड्यूस करना शुरू किया. साल 1989 में आई ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ टी-सीरीज़ द्वारा प्रोड्यूस पहली बॉलीवुड फ़िल्म थी.

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साल 1990 में ‘टी-सीरीज़’ ने राहुल रॉय और अनु अग्रवाल जैसे नये कलाकारों को लेकर ‘आशिकी’ फ़िल्म प्रोड्यूस की. लेकिन फ़िल्म को किसी ने भी नहीं ख़रीदा और इसे रिलीज़ करने के भी लाले पड़ गए थे. काफ़ी जद्दोजहद के बाद आख़िरकार 27 जुलाई, 1990 को फ़िल्म रिलीज़ हुई और आते ही सिनेमाघरों में हंगामा मचा दिया. फ़िल्म की सफ़लता ने राहुल रॉय और अनु अग्रवाल को रातोंरात स्टार बना दिया. जबकि फ़िल्म के सुपरहिट म्यूज़िक ने ‘टी-सीरीज़’ को भारत की सबसे बड़ी म्यूज़िक कंपनी बनाने का काम किया.

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गुलशन कुमार के नेतृत्व में ‘टी-सीरीज़’ ने इसके बाद ‘बहार आने तक’, ‘आई मिलन की रात’, ‘दिल है के मानता नहीं’, ‘मीरा का मोहन’, ‘जीना मरना तेरे संग’ और ‘बेवफा सनम’ जैसी फ़िल्में प्रोड्यूस की. आज उनके छोटे भाई कृष्ण कुमार और बेटे भूषण कुमार के नेतृत्व में ‘टी-सीरीज़’ ने ‘तुम बिन’, ‘भूल भुलैया’, ‘रेडी’, ‘आशिक़ी 2’, ‘यारियां’, ‘बेबी’, ‘हेट स्टोरी 2’, ‘हेट स्टोरी 3′,’एयरलिफ़्ट’, ‘सरबजीत’, ‘राज: रीबूट’, ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’, ‘रेड’, ‘सत्यमेव जयते’, ‘दे दे प्यार दे’, ‘कबीर सिंह’, ‘बाटला हाउस’, ‘तान्हा जी’, ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, ‘शेरनी’, ‘भूल भुलैया 2’, ‘दृश्यम 2’ और ‘तू झूठी मैं मक्कार’ जैसी सफ़ल फ़िल्में दी हैं.

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दुनिया का सबसे बड़ा यूट्यूब चैनल

साल 1997 में अंडरवर्ल्ड ने मुंबई के मंदिर में गुलशन कुमार की हत्या कर दी थी. उनकी मौत के बाद उनके छोटे भाई कृष्ण कुमार और बेटे भूषण कुमार ने टी-सीरीज़ को संभाला. कंपनी ने समय के साथ ख़ुद को बदला आज ये भारत की सबसे बड़ी म्यूज़िक कंपनी के साथ-साथ सबसे बड़ी फ़िल्म निर्माण कंपनी भी बन गई है. कंपनी ने साल 2010 में अपना YouTube चैनल बनाया था और आज ये दुनिया का सबसे सबसे बड़ा यूट्यूब चैनल बन गया है.

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