कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन किया गया था. इस दौरान कई लोग अपने घरों से दूर दूसरों राज्यों में फंस गए. इनमें सबसे परेशानी का सामना प्रवासी मज़दूरों को करना पड़ रहा है. अपने घर वापस जाने की होड़ में कई प्रवासी मज़दूरों ने अपनी जान गंवा दी. कुछ ने भूख-प्यास के चलते तो कुछ ने थकावट और कुछ की जान एक्सीडेंट में भी चली गई.
इन्हीं प्रवासी मज़दूरों के दर्द को तापसी पन्नू ने अपनी कविता के ज़रिए ज़ाहिर करने की कोशिश की है. इसे तापसी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. अपनी आवाज़ देकर इस कविता को तापसी ने प्रवासी शब्द से शुरू किया.
A series of pictures that probably will never leave our mind.The lines that will echo in our head for a long time.This pandemic was worse than just a viral infection for India.हमारे दिल से , आपके दिल तक, उन हज़ारों दिलों के लिए जो शायद हम सब ने तोड़े हैं । #Pravaasi #CovidIndia pic.twitter.com/dB5yyYvEYB
— taapsee pannu (@taapsee) June 10, 2020
तापसी ने कविता को ट्विटर के साथ-साथ इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया है.
तापसी ने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा- ‘ये तस्वीरें कभी हमारे दिमाग़ से नहीं मिट पाएंगी. ये लाइंस हमेशा हमारे अंदर बार-बार चलती रहेंगी. इस माहामारी ने बहुत कुछ बर्बाद कर दिया. हमारे दिल से, आपके दिल तक, उन हज़ारों दिलों के लिए जो शायद हम सब ने तोड़े हैं’….तापसी ने कुछ लाइनों में ही प्रवासी मज़दूरों की हालत को बख़ूबी बयां कर दिया.
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