भारत के पहले फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ पर एक नई बॉलीवुड फ़िल्म रिलीज़ हो रही है, जिनका चार दशकों का सैन्य करियर रहा है. उन्होंने पांच युद्धों में भारत का नेतृत्व किया और देश के इतिहास में उनका सुनहरे अक्षरों से नाम दर्ज है. साल 1947 में भारत की आज़ादी से लेकर 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी तक मानेकशॉ की भूमिका उल्लेखनीय थी.

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फिर भी ये बात चौंकाने वाली है कि इंदिरा गांधी और सैम मानेकशॉ के बीच उतने सीधे और सरल नहीं थे. ख़ासतौर से इंदिरा गांधी को सैम मानेकशॉ को लेकर कुछ शक था. एक बार तो अफ़वाह फैली कि मानेकशॉ आर्मी की मदद से सरकार का तख़्तापलट करने की फिराक में हैं. इससे इंदिरा काफी डर गई थीं.

ट्रेलर में नज़र आई गुप्त बातचीत

विक्की कौशल-स्टारर सैम बहादुर का ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद इतिहास का ये पन्ना एक बार फिर सुर्खियों में है. फ़िल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभा रहीं शेखऔर मानेकशॉ के बीच निजी बातचीत का एक सीन चर्चा बटोर रहा है.

ट्रेलर में शेख कहती हैं, “सैम, कुछ करने का इरादा तो नहीं है?” जिस पर कौशल जवाब देते हैं, “आपको क्या लगता है?” शेख फिर कहती हैं, “तुम नहीं कर सकते”.

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इस पर फिर कौशल कहते हैं कि “कर नहीं सकता या करूंगा नहीं. क़ाबिलियत और नियत का फ़र्क है, प्राइममिनिस्टर.”

शेख और कौशल के बीच दिखाई गई ये गुप्त बातचीत पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के बारे में नहीं है, बल्कि शायद उस समय की अफ़वाहों की ओर अधिक इशारा कर रही है कि मानेकशॉ इंदिरा गांधी को उखाड़ फेंकने की योजना बना रहे हैं.

मानेकशॉ एक इंटरव्यू में कर चुके हैं इस बात का ख़ुलासा

मानेकशॉ ने ख़ुद अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि पूर्व पीएम को लगभग विश्वास हो गया था कि वो उनकी सरकार के खिलाफ तख़्तापलट की योजना बना रहे हैं.

2002 में मानकेशॉ का इंटरव्यू उनके पोते ने लिया था. डॉक्यूमेंट्री ‘इन वॉर एंड पीस – द लाइफ ऑफ फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, एमसी’ के लिए दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस विशेष प्रकरण के बारे में बात की थी.

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उन्होंने बताया कि इंदिरा ने एक शाम एक महत्वपूर्ण बातचीत के लिए उन्हें अपने ऑफ़िस बुलाया. मानेकशॉ ने अपने सहयोगी-डी-कैंप (एडीसी) को बताया कि संसद भवन में “लड़की उन्हें चाहती है”. मानेकशॉ के अनुसार, जब वो वहां पहुंचे और गांधी से पूछा कि उन्हें क्या परेशानी है, तो उन्होंने जवाब दिया, “तुम मेरी समस्या हैं”.

गांधी ने कहा, “हर कोई कहता है कि आप तख़्तापलट करने जा रहे हैं,” जिस पर मानकेशॉ ने अपने करिश्माई अंदाज़ में जवाब दिया “और आप क्या सोचती हैं?”

घटना के बारे में बताते हुए मानेकशॉ ने कहा, “जब तक मैं बिना किसी हस्तक्षेप के अपनी सेना की कमान संभालता हूं, तब तक मेरा राजनीति में शामिल होने या सत्ता संभालने का कोई इरादा या विचार भी नहीं है”

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उन्होंने इंदिरा गांधी से ये भी अनुरोध किया कि वे लोगों और देश को ये न सोचने दें कि वो भारत में वही सब करने जा रहे हैं जो जनरल याह्या खान ने पाकिस्तान में किया था. हालांकि, उन्होंने सेनाध्यक्ष के रूप में अधिक स्वतंत्रता की मांग की.

बता दें, मेघना गुलज़ार की आगामी फ़िल्म सैम बहादुर 1 दिसंबर 2023 को रिलीज़ हो रही है. सैम मानेकशॉ ने 27 जून 2008 को तमिलनाडु के वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली थी.

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