वेटरन एक्टर महमूद अली (Mehmood Ali) हिंदी सिनेमा के सबसे सफ़ल हास्य अभिनेता थे. उन्होंने ‘पड़ोसन’, ‘दिल तेरा दीवाना’, ‘लव इन टोक्यो’, ‘मैं सुंदर हूं’, ‘बॉम्बे टू गोवा’, ‘नौकर’, ‘गुमनाम’ जैसी कई फ़िल्मों के ज़रिये हमारा भरपूर मनोरंजन किया था. उन्होंने अपने जीवन में काफ़ी संघर्ष किया था. फ़िल्म अभिनेता बनने से पहले उन्होंने अंडे बेचने और गाड़ी चलाने का भी काम किया था.
महमूद साहब ने फ़िल्म ‘किस्मत’ से बतौर बाल कलाकार अपने करियर की शुरुआत की थी. फ़िल्मों में काम करना उन्हें ख़ूब भाया और अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर बॉलीवुड के बेस्ट एक्टर बन गए. एक दौर ऐसा भी आया जब वो फ़िल्म के लीड हीरो से भी ज़्यादा फ़ीस लेते थे.
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फ़िल्मों में भले ही महमूद जी ने बहुत नाम कमाया हो, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ़ बहुत सी समस्याओं से गुज़री. इसमें उनकी फ़ेल्ड मैरिज से लेकर दवाइयों पर उनकी निर्भरता शामिल है. इसके अलावा प्रोफ़ेशनल लाइफ़ में भी उनका नाम आए दिन किसी न किसी एक्ट्रेस से जुड़ता था. इससे भी वो परेशान थे.
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शादीशुदा होने के बाद भी था अफ़ेयर
इस बारे में महमूद जी एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा- ‘पता नहीं क्यों मुझे डॉक्टर ने Calmpose(एक दवा) खाने को कहा. मैं एक बात जानता था ग़लत बात ग़लत ही होती है, जैसे आप शादीशुदा हैं और इसके बावजूद आपका अफ़ेयर है. सिर्फ़ एक नहीं 7-8 लड़कियों के साथ. इसलिए मैं पगला सा गया और मुझे पता नहीं था कहां जाना है. प्यार मेरे लिए भेलपुरी सा हो गया था.’
गोलियों के दम पर किया काम
उन्होंने आगे कहा- ‘मैंने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था. मुझे अच्छी नींद नहीं आती थी, तो डॉक्टर ने Calmpose खाने को कहा. मैं दिन में 100-100 गोलियां खाने लगा. उन्हीं के दम पर मैं काम करता था. लेकिन एक दिन मैंने देखा मेरा वज़न बढ़ रहा है तो मैंने सोचा मुझे ये गोलियां खाना छोड़ना चाहिए.’
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महमूद का अपने समय में कई एक्ट्रेस के साथ नाम जुड़ा. इनमें से एक नाम अरुणा ईरानी का भी था. मगर दोनों ने हमेशा इससे इंकार किया और बेस्ट फ़्रेंड होने की बात कही.
बाद में जब महमूद की बायोग्राफ़ी आई तो इसमें ख़ुद उन्होंने बताया था कि महिलाएं उनकी कमजोरी रही हैं, लेकिन किसी महिला को उन्होंने बिस्तर पर आने के लिए दबाव नहीं डाला, उन्होंने जो किया खुलेआम किया.