Who Is The IFFI Jury Head Nadav Lapid: ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को लेकर एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इस फ़िल्म को लेकर सोशल मीडिया पर फिर से कमेंटबाज़ी हो रही है. दरअसल, 53वां इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल ऑफ़ इंडिया (IFFI) का आयोजन गोवा में आयोजित हुआ. जिसमें IFFI के हेड नदव लैपिड (Nadav Lapid) ने विक्रम अग्निहोत्री की फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ पर एक विवादित कमेंट कर दिया. इस पर फ़िल्म के एक्टर अनुपम खेर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. इस तरह से इस मूवी को लेकर गरमा गरम बहस जारी है. इसलिए चलिए हम नदव लैपिड के बारे में जानते हैं जिन्होंने इस फ़िल्म को लेकर बहस छेड़ी है.

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चलिए विस्तार से जानते हैं कि कौन हैं IFFI के ज्यूरी हेड नदव लैपिड (Nadav Lapid)-

‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ और ज्यूरी हेड नदव लैपिड का विवाद

हालही में गोवा में IFFI आयोजित हुआ था. जिसमें कुल 15 इंटरनेशनल फ़िल्म मुक़ाबले में थी. उसमें से 15वीं फ़िल्म बॉलीवुड के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की थी जो 2022 में रिलीज़ हुई है. ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ पर ज्यूरी हेड नदव लैपिड ने कहा, ‘मैं इस तरह की फ़िल्म समारोह में देखकर हैरान हूं.” साथ ही 2022 में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को उन्होंने ‘वल्गर’ और ‘प्रोपेगेंडा’ वाली फ़िल्म करार कर दिया.

जिसके बाद फ़िल्म के लीड एक्टर अनुपम खेर ने सोशल मीडिया के माध्यम से करारा जवाब दिया-

लैपिड का जन्म तेल अवीव में हुआ था

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नदव इज़राइल के पॉपुलर निर्देशक और Philosophical फ़िल्ममेकर हैं. जिन्होंने कई पॉपुलर फ़िल्में बनाई है. नदव का जन्म 8 अप्रैल 1975 में इज़राइल के तेल अवीव शहर में हुआ था. नदव एक फ़िल्मी परिवार से आते हैं. उन्होंने फिलोसॉफी की पढ़ाई तेल अवीव विश्वविद्यालय से की थी. जिसने नदव को डार्क और philosophical फ़िल्म लिखने की तालीम दी. सिर्फ़ पढ़ाई ही नहीं बल्कि नदव इज़राईली डिफेंस फाॅर्स में भी अपनी सर्विस दे चुके हैं.

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नदव का फ़िल्में लिखने का तरीका काफ़ी अलग है. क्योंकि उन्होंने फिलोसॉफी में अपनी तालीम हासिल की है और वो साफ़ उनकी फ़िल्मों में भी दिखता है. वो कभी बिलकुल शांत और सरल फ़िल्म बनाते हैं, तो कभी ऐसी फ़िल्म बनाते है. जो बिलकुल विवादों से भरी होती है. लेकिन नदव के फ़िल्में बनाने का नज़रिया काफ़ी अलग भी है. क्योंकि उन्होंने अपने फ़िल्मों के माध्यम से कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दों को दर्शाया है. जिसे दर्शकों ने भी काफ़ी पसंद किया है.

नदव ने जीते हैं कई बड़े अवॉर्ड्स

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नदव को Chevalier des Arts et des Lettres फ्रांस के उच्चतम सिविलियन अवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है. बता दें कि भारत में अभी तक ये अवॉर्ड शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, रघु राय, इब्राहिम अलकाज़ी, हबीब तनवीर और उपमन्यु चैट्टर्जी को मिल चुका है. नदव को उनकी डेब्यू फ़िल्म ‘पुलिसमैन’ के लिए 2011 में Locarno Film Festival में स्पेशल ज्यूरी इनाम ही नहीं बल्कि जेरूसलम फ़िल्म फ़ेस्टिवल में भी इस फ़िल्म को कई अवॉर्ड मिले है.

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उन्होंने अपने 20 साल के करियर में अभी तक 13 फ़िल्मों का निर्देशन किया है. उन्हें अपनी फ़िल्म ‘Synonyms 2019’ के लिए बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में टॉप इनाम भी मिला है.

नदव लैपिड की टॉप फ़िल्म्स-

-पुलिसमैन (Policeman) 2011

-सिनोनिम्स (Synonyms) 2019

-लव लेटर्स टू सिनेमा (Love Letters To Cinema) 2014

-द किंडरगार्टन टीचर (The Kindergarten Teacher) 2014

नदव क्या इस फ़िल्म को अपने नज़रिये से देख रहे हैं? आपका क्या कहना है इस विवाद पर?