जानी, ये चाकू है लग जाए तो ख़ून निकाल लेता है,
ये भी पढ़ें: क़िस्सा : जब राजकुमार पर भड़क गए थे राज कपूर, कह डाला ‘तुम एक हत्यारे हो’
दरअसल, एक दौर ऐसा भी आया जब बेबाक़ बोलने वाले राज कुमार भी शांत हो गए. इनकी मौत ने बता दिया कि एक एक्टर का अपने फ़ैंस के लिए प्यार कैसे उनका डर बन जाता है? दरअसल, राज कुमार को गले में कैंसर हो गया, जिसके चलते उन्हें खाने पीने और सांस लेने में दिक़्क़त होने लगी. जैसे-जैसे समय बीत रहा था उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी, लेकिन वो अपनी बिगड़ती तबियत के बारे में अपने फ़ैंस को नहीं बताना चाहते थे. इस बात को केवल वो और उनके बेटे पुरू राज कुमार ही जानते थे.
इसी गंभीर बीमारी के चलते 3 जुलाई 1996 को राज कुमार कैंसर की जंग हार गए और दुनिया को अलविदा कह कर चले गए. मगर उनके बेटे अपने पिता की बात को रखते हुए फ़ैंस से इस ख़बर को छुपाया और उनका अंतिम संस्कार गुपचुप तरीक़े से कर दिया, उनके आख़िरी समय चंद परिवार के ही लोग थे. राज कुमार के कैंसर और उनके अंतिम संस्कार को छुपाने के पीछे की वजह क्या थी, वो हम आपको अब बताएंगे?
ये भी पढ़ें: क़िस्सा: जब अमिताभ बच्चन ने फ़िल्म के लिए 6 दिन तक नहीं धोया था अपना चेहरा
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, राज कुमार को अपनी मौत का एहसास मरने से एक रात पहले ही हो गया था, तभी उन्होंने अपने घरवालों को बुलाया और कहा,
शायद ही मैं आज रात भी निकाल पाऊं लेकिन मैं चाहता हूं कि मेरे अंतिम संस्कार के बाद ही मेरे निधन की ख़बर मेरे फ़ैंस को देना.
अपनी मौत की ख़बर को वो इसलिए छुपाना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि मरने के बाद लोगों की भीड़ इकट्ठा करना बेवजह की नौटंकी होती है. इसके अलावा वो ये भी चाहते थे कि कोई भी उनका मरा हुआ शरीर और चेहरा न देखे. इसलिए उन्होंने अपने परिवार से कहा कि उनका अंतिम संस्कार सिर्फ़ घरवालों के बीच में किया जाए.
दिग्गज अभिनेता राज कुमार को उनके दमदार और शानदार अभिनय के लिए कई अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया था. इसके चलते उनका नाम 80 के दशक में सबसे ज़्यादा अवॉर्ड जीतने वाले अभिनेताओं की लिस्ट में सबसे ऊपर था. राज कुमार की निजी ज़िदंगी की बात करें तो उनके 3 बच्चे और पत्नी गायत्री थीं. इनकी पत्नी का देहांत भी 1996 में ही हुआ था.