उस पहले कदम की याद मुझे नहीं, पर उनको होगी

उन पहले शब्दों को उन्होंने शायद उस वक़्त नहीं, तो ऑफिस से आने के बाद सुना होगा

उन नन्हे हाथों को सोते वक़्त उन्होंने भी चूमा होगा

उस अच्छे रिजल्ट पर उन्होंने भी परशाद चढ़ाया होगा

उस बॉयफ्रेंड के बारे में पता चलने पर उन्होंने माथा पीटा होगा

उस नौकरी के लगने पर उनका सीना गर्व से चौड़ा हुआ होगा

उन सात फेरों में उनकी आँखों के सामने मेरा सारा बचपन घूमा होगा

जिन्होंने मेरी ज़िन्दगी का हर पल त्यौहार सा मनाया,

कहते हैं आज उनका दिन है…

आज ‘फादर्स डे’ है

कहूं मैं शायद रोज़ ये नहीं, लेकिन हर दिन उनका ही दिन है!

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बचपन से शुरू होता है बच्चे और पिता का रिश्ता।

ये धारणा है कि मां, प्यार देती है और पिता फटकार, लेकिन गहराई में जाया जाये तो पिता भी उतना ही प्यार देते हैं जितना मां. कम बोलना कम हंसना, काम में व्यस्त रहना, हर जगह मौजूद न रहना, ये सब दोष पिता पर मढ़ दिए जाते हैं. क्योंकि उनके अंदर के टेंशन को वो हम तक पहुंचने नहीं देते. अपने तक ही दबा लेते हैं. जब हम बड़े होते हैं, और उनके अनुभवों से गुज़रते हैं, तब हम ये समझते हैं कि उन्होंने जो किया, अपनी परिस्थिति के हिसाब से ठीक किया. तो आइये अपने पापा से कहें वो बातें जो हमने आज तक नहीं कहीं!

1. हम आपसे डरते थे, पर उस डर ने आज हमें कुछ बना दिया

2. रात में आपकी कहानियां सुनाने का इंतज़ार हमें हमेशा रहता था

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3. जब मम्मी बाहर जाती थीं तो आपकी बनाई हुई चाय बड़ी अच्छी लगती थी

4. आपके और मम्मी के झगड़ों पर हमें बड़ी हंसी आती थी!

5. आपके और मम्मी के साथ जो लंच और डिनर हम रोज़ करते थे, वो अब बहुत मिस करते हैं

6. हर नए मोड़ पर आपकी सही गाइडेंस हमें सफ़लता दिलाती है

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8. कुछ बर्थडे गिफ्ट्स जो हम चाहते थे, और नहीं मिले, उनका हमें गम नहीं। आपने बहुत कुछ दिया है.

9. आपको हमने कभी रोते हुए नहीं देखा, और देखना भी नहीं चाहते!

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10. आप बेस्ट पापा हैं… और मम्मी भी बेस्ट मम्मी हैं (पता है न, नाराज़ हो जाएंगी)

तो दोस्तों, जो बातें आप अपने पापा से इतने सालों में न कह पाये, इस ‘फादर्स डे’ ज़रूर कहिये, नहीं तो कम से कम उनसे ये आर्टिकल ज़रूर शेयर कीजिए.

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