ज़िंदगी है तो बीमारियां भी लगी रहेंगी. कभी कोई वायरस आ जाएगा. तो कभी यूं भी मौसमी बीमारियोंं का शिकार लोग होते रहेंगे. ज़ुखाम-बुखार जैसी छोटी-मोटी बीमारियों की हम अक्सर दवाएं अपने पास भी रखते हैं. ऐसे में जब वाक़ई बीमार पड़ते हैं, तो दवा खाने से पहले ज़्यादातर लोग ये ज़रूर चेक करते हैं कि कहीं ये एक्सपायर तो नहीं हो गई.
ऐसे में हम दवा के पीछे देख लेते हैं. जहां उसकी एक्पायरी डेट लिखी होती है. कभी-कभी दवा एक्सपायर हुए महज़ 10-20 दिन बीते होते हैं, तो हम समझ नहीं पाते कि दवा खानी चाहिए या नहीं. लोग ऐसा भी सोचते हैं कि एक्सपायरी दवा ज़हर हो जाती है. इसलिए उसे नहीं खाना चाहिए. तो क्या वाक़ई एक्सपायरी दवा ज़हर बन जाती है?
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दवा के एक्सपायर होने का क्या मतलब होता है?
दरअसल, सभी दवाएं एक तरह की कैमिकल ही होती हैं. कैमिकल पदार्थों का समय बदलने के साथ प्रभाव कम हो जाता है. गर्मी, आर्द्रता और अन्य कई वजहों से भी दवाओं की शक्ति पर असर पड़ता है. जिसके चलते, उनकी प्रभावशीलता कम होने लगती है.
अगर एक्सपायरी दवा खा ली, तो क्या होगा?
आपको बता दें, डॉक्टर्स एक्सपायरी दवा खाने की सलाह नहीं देते. दवा ज़हर भले ही न बने, मगर उसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है. साथ ही, इससे कुछ साइड-इफे़क्ट भी हो सकते हैं.
U.S. Food and Drug Administration कहता है कि एक्सपायर हो चुकी दवाओं को कभी नहीं खाना चाहिए. इसके पीछे कारण ये है कि एक्सपायर होने के बाद दवा में किस तरह के बदलाव आ जाते हैं, इसकी ज़्यादा जानकारी नहीं है. वहीं, कुछ दवाएं एक्सपायरी होने के बाद भी तुरंत प्रभावहीन नहीं होतीं, तो कुछ का सेवन करना ख़तरनाक हो सकता है.
मसलन, टैबलेट और कैप्सूल एक्सपायरी डेट के बाद भी प्रभावशाली होती हैं. वहीं, सिरप, आंख, कान में डालने वाले ड्रॉप और इंजेक्शन वगैरह एक्सपायर होने के बाद बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करने चाहिए.
साथ ही, आपको ये भी बता दें कि अधिकतर दवाओं के प्रभाव क्षमता उन पर छपी हुई एक्सपायरी डेट से बहुत अधिक होती है. दवा कंपनियां जानबूझकर मार्जिन पीरियड रखती हैं, ताकि कोई शख़्स ग़लती से एक्सपायरी डेट के कुछ दिनों बाद दवा को खा भी लेता है तो इससे कोई ज़्यादा नुकसान नहीं होगा. तो कुल जमा ये है कि दवा एक्सपायरी होने के बाद नहीं खानी चाहिए. और ग़लती से खा भी लिया हो तो डॉक्टर को ज़रूर दिखा लेना चाहिए.