What is Myositis in Hindi: साउथ एक्ट्रेस सामंथा रूथ प्रभु (Samantha Ruth Prabhu) ने एक इस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिये बताया है कि वो Myositis नाम की एक ऑटो-इम्यून बीमारी से पीड़ित है.
उन्होंने अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने अपने हाथों से हार्ट शेप बनाया हुआ है और उनके हाथ से एक IV बैग जुड़ा हुआ है.
ऐसे में ये जानना ज़रूरी हो जाता है कि आख़िर ये मायोसाइटिस क्या है. Scoopwhoop Hindi के इस लेख में विस्तार से जानिए What is Myositis in Hindi, मायोसाइटिस के कारण (Causes of Myositis in hindi) और Symptoms of Myositis in hindi.
आइये, अब विस्तार से जानते हैं कि आख़िर ये मायोसाइटिस क्या है (What is Myositis in Hindi)?
मायोसाइटिस क्या है – What is Myositis in Hindi
मायोसाइटिस (Myositis) को आमतौर पर मांसपेशियों से जुड़ी पुरानी और लगातार होने वाली सूजन के रूप में परिभाषित किया जाता है. वहीं, कुछ प्रकार के मायोसाइटिस त्वचा पर चकत्तों यानी रैशेज़ से जुड़े भी हो सकते हैं.
मायोसाइटिस होने का कारण – Causes of Myositis in Hindi
Healthline नामक वेबसाइट की मानें, तो मायोसाइटिस एक ऑटो-इम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) ही मासपेशियों के हेल्दी सेल्स पर अटैक कर देती है. इसे दुर्लभ बीमारी की श्रेणी में रखा जाता है. वहीं, बहुत से मामलों में इसे कारणों का सही पता नहीं लग पाता है.
इसके पीछे होने की वजह कोई संक्रमण और या कोई इंजरी भी हो सकती है. कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि इसके होने की वजह –
- Rheumatoid Arthritis (गठिया का एक प्रकार) और lupus (एक गंभीर इंफ़्लामेटरी ऑटोइम्यून बीमारी) नाम की ऑटोइम्यून बीमारी हो सकती हैं.
- कॉमन कोल्ड और एचआईवी (HIV) जैसे वायरस की वजह से भी ऐसा हो सकता है.
- या किसी दवा का साइड इफ़ेक्ट्स क कारण भी ऐसा हो सकता है.
मायोसाइटिस के प्रकार – Types of Myositis in Hindi
आइये, अब आपको बताते हैं कि मायोसाइटिस के प्रकार (Types of Myositis in Hindi) क्या-क्या है. मायोसाइटिस पांच प्रकार के होते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
1. डर्मेटोमायोसाइटिस (Dermatomyositis): इसमें मासपेशियों में सूजन और त्वचा पर लाल चकत्ते शामिल हैं.
डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण – Symptoms of Dermatomyositis in Hindi
पलकों, चहरे, छाती, गर्दन, और पीठ पर दाने. दानें कोहनी, घुटनों, पैर की उंगलियों व जोड़ों पर भी हो सकते हैं. वहीं, साथ ही मांसपेशियों में कमज़ोरी और दर्द सामान्य रूप से होता है.
अन्य लक्षण:
- पपड़ीदार, शुष्क खुरदरी त्वचा
- उठने में परेशानी
- थकान
- गर्दन, कूल्हे, पीठ और कंधे की मांसपेशियों में कमज़ोरी
- निगलने में परेशानी
- आवाज़ में कर्कशपन
- त्वचा के नीचे कैल्शियम की कठोर गांठें
- मांसपेशियों में दर्द
- जोड़ों की सूजन
- वजन घटना
- अनियमित धड़कन
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्स
2. इन्क्लूज़न बॉडी मायोसाइटिस (Inclusion-Body Myositis): ये एकमात्र मायोसाइटिस है, जो महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक होता है. ये कलाई और उंगलियों में और जांघ की मांसपेशियों कमज़ोरी के साथ शुरू होता है.
इन्क्लूज़न बॉडी मायोसाइटिस के लक्षण – Symptoms of Inclusion-Body Myositis in Hindi
- चलने में कठिनाई
- संतुलन बनाने में परेशानी
- बार-बार गिरना
- उठने में दिक्कत
- किसी चीज़ को ठीक से न पकड़ पाना
- निगलने में कठिनाई
- मांसपेशी में कमज़ोरी
- मांसपेशियों में दर्द
3. जुवेनाइल मायोसाइटिस (Juvenile Myositis): ये 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है. इसमें भी मांसपेशियों में दर्द के साथ त्वचा पर रैशेज नज़र आते हैं.
जुवेनाइल मायोसाइटिस के लक्षण – Symptoms of Juvenile Myositis in Hindi
- पलकों या जोड़ों पर लाल-बैंगनी रंग के दाने
- थकान
- चिड़चिड़ापन
- पेट दर्द
- सीढ़ियां चढ़ने, उठने, खड़े होने और कपड़े पहनने में परेशानी
- हाथों को सिर तक ले जाने में परेशानी जैसे शैम्पू करते समय या बालों में कंघी करते समय
- सिर उठाने में परेशानी
- नाखूनों के आसपास की त्वचा की सूजन या लालपन
- निगलने में परेशानी
- मांसपेशी में कमज़ोरी
- मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
- कर्कश आवाज़
- gottron’s papules (उंगलियों, कोहनी और घुटनों पर पाए जाने वाले बम्प्स)
- बुखार
4. Polymyositis (पॉलीमायोसाइटिस): इसमें मांसपेशियों में कमजोरी, सूजन, नाज़ुकपन, और टिश्यू डैमेज.
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पॉलीमायोसाइटिस के लक्षण – Symptoms of Polymyositis in Hindi
- मांसपेशी में कमज़ोरी
- मांसपेशियों में दर्द
- निगलने में कठिनाई
- संतुलन बनाने में दिक्कत
- उठने में परेशानी
- थकान
- पुरानी सूखी खांसी
- हाथों की त्वचा का मोटा होना
- सांस लेने में दिक्क्त
- बुखार
- वजन घटना
- कर्कश आवाज़
5. Toxic myositis (टॉक्सिक मायोसाइटिस): ये कुछ प्रिसक्राइब्ड दवाओं और अवैध दवाओं के कारण हो सकता है. हालांकि, ऐसा बहुत कम ही देखा जाता है. Toxic myositis के लक्षण ऊपर बताए गए प्रकार की तरह ही नज़र आते हैं.
मायोसाइटिस का निदान कैसै किया जाता है – How is Myositis Diagnosed in Hindi
जैसा कि हमने बताया कि ये एक दुर्लभ बीमारी है और इसलिए इसका निदान करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. फिर भी मायोसाइटिस का निदान करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित विधियों का प्रयोग कर सकते हैं :
1. ख़ुद से ही शरीर की जांच, जिसमें लाल चकत्तों, दाने व सूजन को चेक करना
2. मसल्स बायोप्सी (Muscle Biopsy): इसमें डॉक्टर मसल्स टिश्यू की जांच करते हैं ताकि ये पता लग सके कि मायोसाइटिस से जुड़ा है कि नहीं.
3. इलेक्ट्रोमायोग्राफ़ी: इसमें मांसपेशियों और उन्हें नियंत्रित करने वाली तंत्रिका कोशिकाओं के स्वास्थ्य की जांच की जाती है.
4. MRI (Magnetic resonance Imaging) की जा सकती है.
5. NCV (Nerve Conduction Study): इसमें ये पता लगाया जाता है कि नर्व में Electrical Impulse कितनी तेज़ी से गुज़रता है.
6. रक्त की जांच की जा सकती है.
7. साथ ही Genetic Testing भी की जा सकती है.
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मायोसाइटिस का इलाज – Treatment of Myositis in Hindi
मायोसाइटिस का इलाज पूरे तरीक़े से इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है. वहीं, इसके इलाज की कोई विशिष्ट दवाएं नहीं हैं. हालांकि, मायोसाइटिस के प्रकार के अनुसार डॉक्टर को कुछ दवाइयां दे सकते हैं. ये पूरे तरीक़े से डॉक्टर के इलाज पर निर्भर करता है. ग़लती से भी अपनी मर्ज़ी से किसी भी दवा का सेवन न करें.