Health Risks of Working From Home: कोरोना महामारी के चलते पूरी दुनिया में ज़्यादातर कर्मचारी Work From Home कर रहे हैं. पिछले दो साल से ज़्यादा वक़्त से भारतीय भी घर से ही काम कर रहे हैं. इसमें कोई शक नहींं है कि WFH से लोगों को बहुत सी चीज़ों में राहत है. आर्थिक बचत भी है और ख़ुद के लिए काफ़ी वक़्त भी. मगर ज़्यादा मज़ा भी कभी-कभी सज़ा में बदल जाता है. एक बीमारी से बचने के लिए हम कई बीमारियों को दावत भी दे रहे हैं.
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जी हां, ये सच है. अगर WFH में आप ये ग़लतियां कर रहे हैं, तो फिर आपकी सेहत को ख़तरा हो सकता है. वो क्या ग़लतियां हैं, ये हम आज आपको बताएंगे. क्योंकि जब हेल्थ सही रहेगी, तब ही तो आप भी अच्छे रहेंगे. #GoodHealthGoodYou
Health Risks of Working From Home-
1. ग़लत पॉस्चर आपको दे सकता है बेइंतहा दर्द
घर पर लोग अपने बैठने के तरीकों पर ध्यान नहीं दे रहे. कोई लेटकर तो कोई अटपटे तरीके से बैठकर काम कर रहा है. नतीजा, आपकी गर्दन से लेकर कमर तक में दर्द होगा. आपको सर्वाइकल जैसी समस्या होने का ख़तरा रहता है.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक स्टडी के मुतााबिक, घर से काम करने वाले 41.2% लोगों ने पीठ के निचले हिस्से में दर्द की बात की है. जबकि 23.5% के गर्दन में दर्द हुआ है. लगभग आधे से ज़्यादा लोगों ने कहा है कि WFH में उनकी गर्दन का दर्द 50 फ़ीसदी ज़्यादा बढ़ गया है.
2. लगातार स्क्रीन देखना बन सकता है आंखों की परेशानी
WFH में स्क्रीन के सामने इंसान हर वक़्त बैठा हुआ है. काम हो या मीटिंग, सब मॉनिटर के सामने ही हो रही है. ऐसे में आंखों पर बहुत प्रेशर पड़ रहा है. लगातार भारीपन महसूस होता है. वजह है कि जब हम क़रीब से देखते हैं तो आंख की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और जब हम दूर देखते हैं तो वे आराम करती हैं. मगर कंप्यूटर के सामने लगातार हमें नज़दीक से देखना पड़ रहा है.
ये आदत डिजिटल आई स्ट्रेन को जन्म दे सकती है, जो सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, आंखों में सूखापन और गर्दन और कंधे के दर्द का कारण बन सकती है. (Health Risks of Working From Home)
3. पैरों में आ सकता है क्रैंप
अगर आप लगातार एक ही जगह पर बैठे-बैठे काम कर रहे हैं, तो फिर आपके पैरों में ऐंठन या क्रैंप की दिक्कत हो सकती है. वजह है कि आपकी थाइस पर लगातार दबाव बना रहता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है.
4. मांसपेशियां हो सकती हैं कमज़ोर
कार्पल टनल सिंड्रोम की वजह से आपके हाथों की उंगलियों में झनझनाहट होने लगती है. हाथ सुन्न पड़ जाता है. यहां तक कि मांसपेशियां भी कमज़ोर पड़ जाती हैं.
5. मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है.
6. फ़िज़िकल फ़िटनेस का बैंड बज सकता है.
अगर आप सारा दिन बैठे-बैठे काम कर रहे हैं, तो मोटापा आपसे बहुत दूर नहीं है. कोविड के वक़्त में एक पोल के दौरान मालूम पड़ा था कि घर पर लगातार बैठने के चलते क़रीब 47 प्रतिशत महिलाओं और 22 प्रतिशत पुरुषों का मोटापा बढ़ा है. भारत में लॉकडाउन के दौरान 40 प्रतिशत लोगों ने वज़न बढ़ने की बात की थी, जिनमें 16 फ़ीसदी का 2.1-5.0 किलोग्राम तक वज़न बढ़ा था.
वज़न बढ़ने के सीधा मतलब है कि आप बीमारियों की चपेट में जल्दी आएंगे. ख़ासकर, कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और पेट का मोटापा बढ़ेगा. इससे टाइप-2 डायबिटीज, दिल की बीमारी भी हो सकती है. सेडेंटरी बिहेवियर एंड इट्स हेल्थ रिस्क’ शीर्षक से एक अध्ययन में कहा गया है कि लंबे समय तक बैठने से आपको फेफड़े, गर्भाशय और पेट के कैंसर का खतरा हो सकता है. साथ ही, आपका पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकता है. (Health Risks of Working From Home)
7. अनिद्रा या इन्सोमेनिया का कारण बन सकता है WFH
WFH मे लोग ऑफ़िस और अपने घर के काम एकसाथ कर रहे हैं. वर्कप्लेस और रेस्ट प्लेस की बाउंड्री ख़त्म हो गई है. हमारा माइंड और बॉडी कंफ़्यूज़ है कि ऑफ़िस का टाइम क्या है और ख़ुद का रिलैक्सिंग टाइम क्या. जर्नल ऑफ ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि हमारी लाइफ़स्टाइल में आए इस बड़े बदलाव के कारण हमारी नींद काफ़ी प्रभावित हुई है. नींद की क्वालिटी पर असर पड़ा है. साथ ही, कुछ लोग रात के बजाय दिन में नींद आने की समस्या का सामना कर रहे हैं. (Health Risks of Working From Home)