दुनियाभर में सबसे ज़्यादा जिन चीज़ों में इंसान की स्वाभाविक रुचि रहती है, उनमें से सबसे फेमस और इंटरेस्टिंग है सेक्स. जानवर हो या कोई इंसान, सभी में सेक्स की इच्छा बाकी सारी इच्छाओं का दमन कर डालती है. साइंस भी कहती है कि जीव का मूलभूत कार्य है, अपनी संतति को आगे बढ़ाना. जानवरों ने जहां संतति को आगे बढ़ाने तक ही सेक्स को रखा, वहीं इंसान ने सेक्स को संतति आगे बढ़ाने के साथ-साथ मनोरंजन और आनंद प्राप्ति का भी साधन बना लिया. इस कारण से सेक्स की प्रवृति इंसान में बढ़ती गई, इसी आदत की वजह से जनसंख्या के हैरतअंगेज ढंग से बढ़ने का खतरा भी सामने आया. हमें इस खतरे से बचाने के लिए सामने आया, कंडोम.

कंडोम की भी अपनी अलग और रोचक कहानी है, इसी कहानी के बारे में हम आज बात करते हैं.

1. ईसा पूर्व से किया जा रहा है कंडोम का इस्तेमाल

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रिसर्च करने पर पता चला कि प्राचीन समय में गुफ़ा में रहने वाला मानव भी अपने लिंग को सेक्स के दौरान ढका करते थे. कई गुफ़ाओं में ढके हुए लिंग के चित्र मिले हैं. लिंग को ढकने के लिए किस चीज़ का उपयोग किया जाता था, यह अभी तक क्लियर नहीं हो पाया है.

2. शुरुआती समय में लिनन से बने कंडोम काम में लिए जाते थे

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ईसा के शुरुआती दौर में जब मानव सभ्यता का विकास हुआ, तो इसके साथ-साथ कंडोम ने भी अपनी प्रगति को आगे बढ़ाया. कंडोम के बारे में मिलने वाले लिखित साक्ष्यों में बताया गया है कि शुरुआती दौर में लिनन के कपड़े से इन्हें बनाया जाता था. इस समय कंडोम को यौन सुरक्षा से ज़्यादा सामाजिक प्रतिष्ठा के प्रतीक के रूप में देखा जाता था.

3. ग्लांस कंडोम भी रहे काफ़ी पॉपुलर

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14वीं सदी से पहले कंडोम के मार्केट में ग्लांस कंडोम का बोलबाला रहा. लिंग को एक तरह से इन कंडोम में घुसा कर यूज़ किया जाता था. इसके लिए जानवरों के सींगों का भी उपयोग किया जाता था.

4. 14वीं सदी में फिर से लिनन से बने कंडोम मार्केट में आये

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सींगों से बने कंडोम से लिनन से बने कंडोम ज़्यादा सॉफ्ट होते थे, इसलिए मध्यकाल आते-आते मार्केट में लिनन से बने कंडोम का दौर फिर से आ गया.

5. पहला रबर कंडोम था साइकिल के टायर ट्यूब जितना मोटा

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सबसे पहले रबर कंडोम 1855 में दुनिया के सामने आया था. इस कंडोम की मोटाई साइकिल के टायर ट्यूब जितनी थी. कुछ लोगों को इस साइज़ की वजह से यह काफ़ी अपीलिंग लगता था.

6. 1918 में हुआ था कंडोम लीगल

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पुरातन मान्यताओं और सेक्स से जुड़े अनेक टैबू की वजह से कंडोम को लीगल होने में काफ़ी समय लग गया. सबसे पहले अमेरिका में कंडोम को लीगल किया गया. कंडोम को लीगल करते ही कंडोम निर्माण के क्षेत्र में काफ़ी वृद्धि देखी गई. लीगल करने के कुछ समय बाद ही 1920 में दुनिया का पहला लेटेक्स कंडोम सामने आया.

7. 1957 में यूके ने बनाया लुबरिकेटेड कंडोम

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कंडोम की दुनिया में सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट आया 1957 में जब यूके ने लुबरिकेटेड कंडोम मार्केट में उतारे. यह कंडोम इस्तेमाल करने के साथ-साथ ज़्यादा प्लेज़र देने वाले भी थे.

8. AIDS के डर ने बढ़ाया कंडोम की बिक्री को

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अमेरिका में एड्स के मामले सामने आने के बाद यह पता चला कि यह बीमारी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड है. इस बात का पता चलते ही कंडोम के इस्तेमाल करने को लेकर लोगों में काफ़ी जागरुकता बढ़ी.

9. रानी विक्टोरिया की तस्वीर लगा कर भी बेचे जाते थे कंडोम

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एक समय ऐसा भी आया जब कंडोम बनाने वाली कम्पनियां लेबल पर रानी विक्टोरिया की तस्वीर लगा कर बेचने लगे थे. इसकी दो वजह थी, पहली की रानी की तस्वीर से लोगों में इंटरेस्ट पैदा होता और दूसरा यह कि तत्कालीन समय में रानी के सभी बच्चों को STD (Sexually Transmitted Disease) थी.

10. 1990 से शुरू हुआ कंडोम के अंदर क्रिएटिविटी का दौर

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परम्परागत कंडोम के बाद मार्केट में कंडोम के ऊपर नये-नये प्रयोग होने लगे. धीरे-धीरे अलग-अलग कलर में और अलग फ्लेवर में कंडोम आने लगे.

कंडोम किस कलर का है या किस टेस्ट का इससे ज़रुरी है कि कंडोम पहना गया है कि नहीं. आधुनिक होते समाज ने कंडोम को भी वक़्त के साथ-साथ आधुनिक बना दिया है.