अब तक आपने एक से बढ़कर एक राइफ़लों के नाम सुने होंगे, लेकिन AK-47 राइफ़ल का नाम सुनते ही दुश्मन के हौसले पस्त हो जाते हैं. इस राइफ़ल को अब तक की सबसे बेहतरीन खोज के तौर पर भी जाना जाता है. रूस में निर्मित AK-47 राइफ़ल को Avtomat Kalashnikov 47 के नाम से भी जाना जाता है. ये एक असॉल्‍ट राइफ़ल है. ये राइफ़ल चलाने में बेहद आसान होती है. ये राइफ़ल सभी तरह के हथियारों में सबसे सस्ता हथियार भी मना जाता है.

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भारत ने साल 2020 में रूस के साथ AK-47 203 राइफ़लों की डील फ़ाइनल की थी. इस डील के तहत भारतीय सेना को AK-47 203 का अब तक का सबसे एडवांस्‍ड वर्जन मिलने जा रहा. ये राइफ़ल इंडियन स्‍माल आर्म्‍स सिस्‍टम (इंसास) की जगह लेगी.

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क्या है AK-47 राइफ़ल का इतिहास

इस बेहतरीन राइफ़ल की शरुआत सन 1947 में हुई थी. सन 1948 में सोवियत आर्मी (रूसी सेना) में इसका पहला मॉडल शामिल किया गया था. इसे बनाने का श्रेय सोवियत आर्मी जनरल मिखाइल कलाशनिकोव (Mikhail Kalashnikov) को जाता है. इसकी फुल फ़ॉर्म Avtomat Kalashnikov 47 है. इसमें A का अर्थ रुसी भाषा के Avtomat से है, जिसका मतलब आटोमेटिक होता है. K का संबंध इसके निर्माता के नाम Kalashnikov से है, जबकि 47 का अर्थ सन 1947 से है, जो इसके बनने का साल है.

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क्या ख़ासियत है इस राइफ़ल की?

1- AK-47 एक ऑटोमैटिक राइफ़ल है, जो 1 मिनट में 600 राउंड फ़ायर कर सकती है.  

2- इसका वजन 4.3 किलोग्राम है. इसकी 1 मैगज़ीन में क़रीब 30 राउंड गोलियां होती हैं.  

3- इस राइफ़ल की नली से गोली छूटने की रफ़्तार 710 मीटर प्रति सेकंड है. 

4- इस राइफ़ल की रिलोडिंग में महज 2.5 सेकंड का वक्‍त लगता है. 

5- ये राइफ़ल ऑटोलोडिंग मोड पर 1 मिनट में 40 गोलियां फायर की जा सकती हैं.  

6- ऑटोफायर मोड में ये राइफ़ल क़रीब 100 राउंड फ़ायरिंग कर सकती है.  

7- इसकी परफॉर्मेंस पर मौसम का असर नहीं पड़ता, साफ़-सफ़ाई और मेंटेनेंस आसान है. 

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कितनी है एक AK-47 रायफ़ल की क़ीमत?

रक्षा क्षेत्र से जुड़ी जानकारी होने की वजह से AK-47 रायफ़ल की सटीक क़ीमत तो नहीं मालूम, लेकिन बताया जाता है कि एक AK-47 रायफ़ल की क़ीमत 15 हज़ार भारतीय रुपयों के आसपास है. जबकि इसके सबसे हैवी हथियार की क़ीमत 25 हज़ार रुपये के क़रीब है. आज दुनिया के कई देश इस राइफ़ल को बनाने लगे हैं. इसलिए अलग-अलग देशों में इसकी क़ीमत भी अलग-अलग है.

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AK-47 राइफ़ल से जुड़ी ख़ास बातें

1- दुनियाभर में अब तक 10 करोड़ से अधिक AK-47 राइफ़ल बिक चुकी हैं. 30 देशों में क्‍लाशिनिकोव और उससे लाइसेस प्राप्‍त कंपनियों ने इस राइफ़ल के 200 से अधिक वैरिएंट तैयार किए हैं.

2- अफ़्रीकी देश मोजांबिक के झंडे में AK-47 राइफ़ल की तस्‍वीर नज़र आती है. इसके अलावा ज़िम्‍बाब्‍वे, बुर्किनो फासो और ईस्‍ट तिमोर की सेना के कोट आर्म्‍स में भी इसकी तस्‍वीर नज़र आती है.

3- सन 1956 में हंगरी में हुए प्रदर्शन के दौरान जोजेफ़ तिबोर फ़ेजस ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार AK-47 राइफ़ल हवा में लहराई थी.  

4- अमेरिकी सेना ने जब सद्दाम हुसैन को पकड़ा था. इस दौरान उसके हथियारों के कलेक्‍शन में गोल्‍ड प्‍लेटेड AK-47 राइफ़ल बरामद की थी. 

5- रूस में ‘रेड आर्मी क्‍लाशिनिकोव वोडका’ नाम का एक वोडका ब्रांड भी है, जो गन के शेप वाली बोतल में बेची जाती है. 

6- आज भी कई अफ़्रीकी देशों में माता-पिता इस राइफ़ल से प्रभावित होकर ही अपने बच्‍चों के नाम ‘क्‍ल‍ाश’ रखते हैं. 

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AK-47 दुनिया की सबसे बेहतरीन और सटीक मारक क्षमता वाली राइफ़ल में से एक है.  

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