महिलाएं सदियों से इस पुरूषों के वर्चस्व वाले समाज में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करती रही हैं. उन्होंने कई युद्धों में बड़ी ही बहादुरी से दुश्मनों का सामना भी किया. भारत की ऐस ही बहादुर योद्धाओं में से एक हैं चांद बीबी, जिन्होंने अपनी सल्तनत को दुश्मनों से बचाए रखने के लिए काफ़ी संघर्ष किया. उन्होंने मुग़लों की सेना से युद्ध किया, ज़रूरत पड़ने पर दुश्मन से संधी भी की, लेकिन बदकिस्मती से उनके अपनों ने ही उन्हें मार डाला. 

चांद बीबी की कहानी भारतीय इतिहास में बहुत कम ही पढ़ने और सुनने को मिलती है. आज हम आपको भारत की इस वीरांगना की कहानी बतलाएंगे. 

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राजकाज चलाने में करती थीं मदद 

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चांद बीबी अहमदनगर के हुसैन निज़ाम शाह प्रथम की बेटी थीं. उनकी शादी बीजापुर के पांचवें सुल्तान अली आदिलशाह के साथ हुआ था. उनकी कोई संतान नहीं थी. आदिलशाह अहमदनगर और बीजापुर का राज-पाठ संभालते थे. राज्य को चलाने के साथ ही कई महत्वपूर्ण लड़ाइयों में चांद बीबी भी उनका साथ देती थीं. 

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बीजापुर की तख़्तापलट की कोशिशों को 3 बार किया नाकाम 

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पति की मृत्यु के बाद उनके नाबालिग भतीजे को बीजापुर की सल्तनत सौंप दी गई थी, जिसे चांद बीबी चलाती थीं. जब तक उनका भतीजा राज-पाठ संभालने को तैयार होता तब तक उन्होंने तख़्तापलट की तीन कोशिशों को नाकाम किया. पहले उनके मंत्री कमाल ख़ान ने सत्ता हथियाने की कोशिश की. इसे चांद बीबी ने हाजी किश्व ख़ान की मदद से नाकाम किया. इसके बाद हाजी किश्व ख़ान भी सत्ता का लालची हो गया. उसने ख़ुद को सल्तनत का राजा घोषित कर दिया और चांद बीबी को जेल में डाल दिया. 

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चांद बीबी ने हाजी किश्व ख़ान के मंसूबों पर इखलास ख़ान की मदद से पानी फेरा. कुछ महीनों बाद इखलास ख़ान भी तानाशाह बन गया और ख़ुद को बादशाह घोषित कर दिया, लेकिन उसके पड़ोसी राज्यों ने चांद बीबी के नेतृत्व में उस पर हमला कर दिया. इस तरह एक बार फिर से सत्ता चांद बीबी के पास आ गई. 

अहमदनगर में किया मुग़लों का डटकर सामना 

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उधर अहमदनगर की सल्तनत जिस पर चांद बीबी के भाई का राज था, उस पर 1595 में मुग़लों ने हमला कर दिया. मुग़ल राजकुमार मुराद ने चांद बीबी के भाई को मार डाला. चांद बीबी ने मोर्चा संभालते हुए मुग़लों की सेना का डटकर सामना किया. मुग़लों पर लगातार हो रहे हमलों से उनके रसद और गोला बारूद की आपूर्ति ठप पड़ गई. 

अपनों ने दिया धोखा 

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चूंकि दुश्मन बड़ा था तो चांद बीबी ने मुग़लों को संधि का प्रस्ताव भेजा. इसके बाद उनके ही कुछ लोग चांद बीबी के ख़िलाफ़ हो गए. उन्होंने साजिश रच चांद बीबी की हत्या कर दी. इस तरह अपनों के हाथों धोखा खाकर चांद बीबी की मौत हो गई. मुग़ल जिन्होंने चांद बीबी को चांद सुल्तान का नाम दिया था उन्होंने चांद बीबी को मारने वालों को मारकर सत्ता हथिया ली. 

कला प्रेमी भी थीं चांद बीबी 

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चांद बीबी महान योद्धा होने के साथ ही कला प्रेमी भी थीं. उन्हें सितार बजाना और फूलों के चित्र बनाना पसंद था. यही नहीं उन्हें कई भाषाएं भी आती थीं. वो अरबी, फारसी, तुर्की, मराठी और कन्नड़ जैसी कई भाषाओं की जानकार थीं. 

इस महान योद्धा को लोग डेक्कन क्वीन भी कहकर पुकारते हैं.