Hindustan Aeronautics Limited (HAL) History: पीएम मोदी ने हालही में कर्नाटक में एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फ़ैक्ट्री का उद्घाटन किया. 615 एकड़ में फैली इस फ़ैक्ट्री में लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (LUH) बनाए जाएंगे. LUH स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किया गया 3-टन कैटेगरी का सिंगल इंजन वाला हेलीकॉप्टर है.
शुरुआत में इस कारखाने में हर साल लगभग 30 हेलीकॉप्टर बनाए जाएंगे. फिर हर साल इसकी क्षमता को 60 से 90 हेलीकॉप्टर की दर से बढ़ाया जा सकता है. इस फ़ैक्ट्री का संचालन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) करेगी.
HAL क्या है और इसका इतिहास कितना पुराना चलिए आज आपको विस्तार से बताते हैं.
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क्या करती है HAL?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) एक एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है, जिसका मुख्यालय भारत के बैंगलोर में है. ये कंपनी दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े एयरोस्पेस और रक्षा निर्माताओं में से एक है. इसे भारतीय वायु सेना की रीढ़ भी कहा जाता है.
भारतीय वायुसेना के दो-तिहाई वर्कहॉर्स विमान HAL के हैं. उन्नत तकनीकों से लैस हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेज़स का निर्माण इसी कंपनी ने किया है. 25 टन का सुखोई-30 एमकेआई चौथी पीढ़ी का रूसी लड़ाकू विमान भी रूस के द्वारा उपलब्ध करवाए गए कच्चे माल से बनाती है.
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कब हुई थी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की स्थापना?
23 दिसंबर 1940 को HAL की स्थापना हुई थी. इसे उद्योगपति सेठ वालचंद हीराचंद ने एक अमेरिकी विमानन विशेषज्ञ William Douglas Pawley की मदद से शुरू किया था. विलियम उस वक़्त कैलिफ़ॉर्निया की Harlow Aircraft Company के डायरेक्टर भी थे.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का इतिहास (History Of Hindustan Aeronautics Limited)
इस कंपनी की शुरुआत भारत के लिए विमानन के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी छलांग थी. इसकी स्थापना जब हुई तब भारत न तो अपने यहां मोटरसाइकल बनाता था न ही साइकिल. इसे शुरुआत में ही 30 Harlow Trainer Aircraft, 48 Hawk Fighters और 74 Vultee Attack Bombers बनाने का ऑर्डर मिल गया था. इन्हें कंपनी को 2 वर्षों में डिलीवर करना था.
इस राजा ने दी ज़मीन तब लगी थी पहली फ़ैक्ट्री
मगर समस्या यह थी कि भारत में सेठ वालचंद हीराचंद को इसके लिए ज़मीन नहीं मिल रही थी. कारखाना स्थापित करने के लिए एक जगह की तलाश में वो बड़ौदा, भावनगर, ग्वालियर और मैसूर जैसे शहर (तब रियासत) में गए. अंत में मैसूर के के महाराजा कृष्णराजेंद्र वाडियार (Krishnarajendra Wodeyar) ने अपने यहां इस फ़ैक्ट्री को शुरू करने के लिए रियायती दरों पर 700 एकड़ ज़मीन दी.
इसके साथ ही उन्होंने मुफ़्त में बिजली और पानी की आपूर्ति की पेशकश की. ये प्रस्ताव मिलने के बाद ही HAL बेंगलुरु में स्थापित हो सकी, जो आज इंडिया का विमानन केंद्र बन गया है.
Airbus और Boeing जैसी कंपनियां भी हैं इनकी कस्टमर
HAL अब 11 अनुसंधान और विकास केंद्रों के साथ एक प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी है. इसकी गिनती शीर्ष 100 वैश्विक एयरोस्पेस उद्योगों में होती है. इस सूची में ये 34वें स्थान पर है. इसने अब तक 31 प्रकार के विश्व स्तर के एयरक्राफ़्ट बनाए है. इसमें से 17 स्वदेशी हैं. HAL भारत के अलावा 23 देशों को भी अपने सेवाएं प्रदान कर रहा है. इसमें Airbus और Boeing जैसी कंपनियों के नाम भी शामिल हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, इसने बीते 5 वर्षों में लगभग 16,884 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है.