Historical Photos From Pre-Independence: 15 अगस्त, 1947 के दिन भारत अंग्रेज़ों की 200 सालों की ग़ुलामी के बाद आज़ाद हुआ था. लेकिन देश को आज़ाद कराने में कई क्रांतिकारियों और आम लोगों ने अपना अहम योगदान दिया. इस दौरान कई क्रांतिकारियों ने जान की बाजी लगा दी थी. आज उन्हीं क्रांतिकारियों के बलिदान की वजह से हम आज़ाद होकर सांस ले पा रहे हैं. अंग्रेज़ी हुकूमत की उस घुटन भरी ज़िंदगी को पैरों तले रौंदकर भारत मां के हज़ारों लालों ने देश के एक उज्जवल भविष्य के लिए ख़ुद को क़ुर्बान कर दिया था. शहीद उधम सिंह, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, सुभाष चंद्र बोस, राम प्रसाद बिस्मिल, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, अशफ़ाक़उल्ला ख़ान, विपिन चंद्र पाल ये वो चंद नाम हैं जिनके बारे में हम जानते हैं, लेकिन आज़ादी की इस लड़ाई में आम लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

Historical Photos From Pre-Independence

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आज हम आपको इन ऐतिहासिक तस्वीरों के ज़रिए आज़ादी से पहले के उस भारत को दिखाने जा रहे हैं. जब देश के लोगों ने अपनी जान पर खेलकर देश को आज़ाद करने की कसम खा ली थी. आज़ादी से पहले की ऐतिहासिक तस्वीरें (Historical Photos From Pre-Independence)-

1- 8 फ़रवरी, 1947 को जवाहरलाल नेहरू ‘संविधान सभा’ में स्वतंत्र गणराज्य का प्रस्ताव पेश करते हुए.

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2- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू बातचीत करते हुए.

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3- फ़रवरी 1948: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अंतिम संस्कार को देखने वाली भीड़. 

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4- ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के दौरान मद्रास में ‘साइमन गो बैक’ के नारे के साथ ‘साइमन कमीशन’ का बहिष्कार करते लोग. 

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5- उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में ‘चार्ली’ प्रदर्शन के दौरान चरखा चलाते महात्मा गांधी.

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6- बॉम्बे (मुंबई) के ‘Esplanade Maidan’ में राष्ट्रीय कांग्रेस की एक बैठक पर प्रतिबंध लगाने के बाद पुलिस प्रदर्शनकारियों का आमना-सामना.

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7- हरिपुरा में मंच पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सेठ जमनालाल बजाज और गोपालदास अंबैदास देसाई.

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8- कलकत्ता (कोलकाता) की सड़कों पर ब्रिटिश शासन से भारत की आज़ादी के बाद जश्न मनाते लोग.

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9- महात्मा गांधी हरिपुरा में एक राजनीतिक बैठक के दौरान ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के अध्यक्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस से बात करते हुये.

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10- बॉम्बे (मुंबई) के भव्य ‘विक्टोरिया रेलवे स्टेशन’ के सामने से गुजरने वाली ट्राम. 

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11- भारत और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर महात्मा गांधी कांग्रेसियों के एक समूह के साथ.  

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12- 29 जनवरी, 1946: बॉम्बे (मुंबई) दंगों के दौरान घायल होने वाले प्रदर्शनकारी.

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13- जनवरी 1922: गिरफ़्तारी से कुछ समय पहले महात्मा गांधी अपनी पत्नी के साथ. 

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14- कलकत्ता (कोलकाता) के पुलिसकर्मी शहर में सांप्रदायिक दंगों के दौरान आंसू गैस के गोले दागते हैं. 5 दिनों तक चले ‘सांप्रदायिक दंगों’ में क़रीब 2,000 मारे गए और 4,000 से अधिक घायल हो गए थे.

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15- पूना (पुणे) जेल से रिहा होने के बाद जब महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ उपवास रखा था.

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16- संवैधानिक सुधारों के विरोध में बंबई (मुंबई) में कांग्रेस पार्टी की हड़ताल, हाथों में ‘व्रेक दिस स्लेव कॉन्स्टिट्यूशन’ की तख्तियां लिए लोग.  

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17- सन 1922 में महात्मा गांधी के अनुयायियों ने ‘चौरी चौरा’ में एक पुलिस स्टेशन को जला दिया, जिसमें 23 पुलिस अधिकारियों की जान गई थी.

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18- सुभाष चंद्र बोस, भारतीय राष्ट्रवादी जिन्होंने ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ के दौरान अंग्रेज़ों से लड़ाई लड़ी थी.

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19- सन 1915, बॉम्बे इन्फैंट्री की पहली रेजिमेंट के भारतीय सिग्नलर्स एक पहाड़ी लुक-आउट पोस्ट से निगरानी करते हुये.

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20- महात्मा गांधी ने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ ‘सविनय अवज्ञा अभियान’ की शुरुआत की थी. 24 नवंबर 1939 को गांधी दिल्ली के ‘वायसराय लॉज’ के रास्ते में ‘मुस्लिम लीग’ के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के घर से निकलते हैं.

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21- 1 सितंबर, 1930: गांधी के शांतिपूर्ण विरोध के तरीके का पालन करते हुए एक भारतीय स्वयंसेवक बॉम्बे (मुंबई) में बेचे जाने वाले आयातित ब्रिटिश कपड़ों के एक कार्टलोड के सामने लेटा हुआ. भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस की मांग करने वाले भारतीय राष्ट्रवादियों का विरोध 1930 तक चरम पर पहुंच गया था.

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22- 23 जून, 1911: भोपाल की बेगम अपने परिवार के साथ ‘किंग जॉर्ज पंचम’ के राज्याभिषेक का जश्न मनाने के लिए शाही जुलूस के हिस्से के रूप में एक खुली ऊपरी गाड़ी में सवार. 

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