History and Journey of Emami : कहते हैं कि दोस्तों के बिना जीवन अधूरा है, क्योंकि वो दोस्त ही होते हैं जो जीवन में खट्टी-मीठी यादों का हिस्सा बनते हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी ख़ास दोस्त होते हैं, जो जीवन भर के साथी बन जाते हैं. लेकिन, कई बार दोस्ती में दरार भी आ जाती है, ख़ासकर पैसों के मामले में. आपने कई ऐसे क़िस्से सुने होंगे, जब किसी दोस्त ने सिर्फ़ पैसों के लिए अपने दोस्त को धोखा दे दिया. लेकिन, सभी ऐसे नहीं होते, कुछ राधेश्याम अग्रवाल और राधेश्याम गोयनका जैसे भी दोस्त होते हैं.
आइये, अब विस्तार से जानते हैं इनकी कहानी (History and Journey of Emami).
इमामी कंपनी
History and Journey of Emami : Emami एक मल्टीनेशनल कंपनी है, जिसका मुख्यालय कोलकाता में है. इस कंपनी की स्थापना 1974 में दो दोस्तों राधेश्याम अग्रवाल और राधेश्याम गोयनका ने की थी. ये कंपनी कई तरह के बिज़नेस में इन्वॉल्व्ड है, जिसमें हेल्थकेयर प्रोडक्ट, रिटेल, रियल स्टेट व सिमेंट शामिल है. इमामी की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में ये कंपनी क़रीब 60 देशों में व्यापार करती है.
जूनियर-सीनियर की दोस्ती
बहुतों को इस बारे में जानकारी नहीं होगी कि इमामी कंपनी के संस्थापक दो बचपन के दोस्त हैं. वहीं, दोनों पश्चिम बंगाल के एक ही स्कूल Maheshwari Vidyalaya में पढ़ते थे. राधेश्याम गोयनका पांचवी में इस स्कूल में आए थे और राधेश्याम अग्रवाल से एक साल जूनियर थे. वहीं, इन दोनों की दोस्ती तब हुई जब इनके एक कॉमन फ़्रेंड हरिराम पोद्दार ने इन दोनों मिलवाया था.
आगे की पढ़ाई
1964 में राधेश्याम अग्रवाल ने बी.कॉम पूरा कर लिया था और फिर Chartered Accountancy की पढ़ाई करने लगे. उन्होंने ये पढ़ाई अच्छे मेरिट से पूरी की. वहीं, दूसरी ओर, राधेश्याम गोयनका ने एक साल बाद एम.कॉम और फिर एल.एल.बी की पढ़ाई करने लगे. उन्होंने देखा देखी राधेश्याम अग्रवाल ने भी लॉ की पढ़ाई को चुना. राधेश्याम अग्रवाल ने St Xavier’s College को चुना, जहां अमीरों के बच्चे पढ़ने आया करते थे. उनकी अंग्रेज़ी उतनी सही नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपनी अंग्रेज़ी पर काम किया, ताकि उन्हें इस कॉलेज में दाखिला मिल सके. वहीं, दूसरी ओर, राधेश्याम गोयनका ने सिटी कॉलेज में दाखिला लिया. 1968 तक दोनों ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी.
शुरुआती समय में आजमाया कई कामों में हाथ
कॉलेज ख़त्म करने से पहले ही उन्होंने कई कामों में हाथ आज़माना शुरू कर लिया था. जैसे इसबगोल व टूथ ब्रश की रिपैकेज़िंग, jessore combs में ट्रेडिंग, लूडो जैसे बोर्ड गेम्स बनाना. वहीं, बोर्ड गेम्स के लिए राधेश्याम ख़ुद से ही कम लागत वाला होममेड ग्लू बनाया करते थे. कहते हैं कि वो अपना सामाना ख़ुद हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शा से बड़ा बाज़ार तक ले जाया करते थे.
Kemco Chemicals की शुरुआत
दोनों दोस्त व्यापार में कुछ अच्छा करना चाहते थे, लेकिन एक बड़ा निवेश बहुत ज़रूरी था. इसमें उन दोनों की मदद की राधेश्याम गोयनका के पिता केशरदेव गोयनका ने. उन्होंने दोनों को 20 हज़ार रुपए दिए. साथ ही दोनों को 50:50 का पार्टनर भी बनाया. उन्होंने इस पैसों से Kemco Chemicals की शुरुआत की. इस कंपनी की एक छोटी यूनिट उत्तरी कोलकाता में खोली गई, लेकिन दोनों को बड़ा मौक़ा तब मिला, जब उन्होंने 1978 में हिमानी कंपनी को ख़रीदा.
इमामी की शुरुआत
History and Journey of Emami : बिड़ला ग्रुप में काम करके दोनों को व्यापार का अच्छा-खास अनुभव हो गया था. दोनों से सोच लिया था कि उन्हें अपना व्यापार किस ओर मोड़ना है. वहीं, उस दौरान बाहर से लाने वाले कॉस्मेटिक्स व विदेशी नामों वाले ब्रांड का काफ़ी क्रेज़ था. फिर क्या था, दोनों ने नौकरी छोड़ 1974 में शुरु की Emami. Emami ब्रांड (History and Journey of Emami) के साथ उन्होंने सबसे पहले कोल्ड क्रीम, वैनिशिंग क्रीम और टैल्कम पाउडर को लॉन्च किया.
2025 तक 25 हज़ार करोड़ तक कारोबार ले जाने का प्लान
जैसा कि हमने बताया कि कंपनी क़रीब 60 देशों में अपना कारोबार कर रही है. वहीं, ये कंपनी हेल्थकेयर प्रोडक्ट, रिटेल, रियल स्टेट, न्यूज़प्रिंट, फ़ार्मेसी, बॉल पेन के टिप्स बनान व सिमेंट में कारोबार करता है. साथ ही बोरोप्लस, झंडू बाम, सोना चांदी च्यवनप्राश, फे़यर एंड हैंडसम आदि इसके लोकप्रिय प्रोडक्ट हैं. कंपनी का 2021-2022 फ़िनाशियल इयर में क़रीब 20 हज़ार करोड़ का टर्नओवर था. वहीं, कंपनी 2025 तक 25 हज़ार करोड़ तक ले जाने के प्लान में है.