History Of BMW: लग्ज़री कार कपंनी BMW को आज कौन नहीं जानता. ये कार लेना लोगों के कई सपनों में से एक है. इसका Logo देखकर ही लग्ज़री फ़ीलिंग आती है, लेकिन क्या आप जानते हैं लग्ज़री कार बनाने वाली इस कंपनी की शुरुआत की कहानी विश्व युद्ध से जुड़ी है? इसकी नींव 1917 में रखी गई थी, जिसे जर्मनी के Camillo Castiglioni, Franz Josef Popp और Karl Rapp ने मिलकर रखी थी. BMW का फ़ुल फ़ॉर्म Bayerische Motoren Werke AG है. BMW का Headquarter जर्मनी के मुख्य शहर Munich में स्थित है.

BMW Car

History Of BMW

दरअसल, BMW ने लग्ज़री कारें बनाना तो बाद में शुरू किया है. सबसे पहले इस कपंनी ने विमानों और वाहनों के इंजन बनाने की शुरुआत की थी. तब इसका नाम BMW नहीं, बल्कि Rapp Motorenwerke था, जिसके संस्थापक जर्मनी के Karl Rapp थे, जो एक प्रोफ़ेशनल मैकेनिकल इंजीनियर थे.

Karl Rapp

इस कंपनी के इंजनों की क्वालिटी अच्छी होने के कारण विश्व युद्ध के दौरान कंपनी को कई इंजन बनाने का बड़ा ऑर्डर मिला. इसके चलते, Rapp Motorenwerke को दो अन्य कंपनियों के साथ मिलना पड़ा और तब हुई BMW की स्थापना. कंपनी ने इसमें पहला इंजन बनाया, जिसे नाम दिया BMW IIIA. मगर विश्व युद्ध ख़त्म होने के बाद इंजन की मांग भी तेज़ी से घट गई. इसके चलते कंपनी ने विमानों के इंजन बनाना बंद कर दिया और फिर खेतों में इस्तेमाल होने वाले पंप और ट्रैक्टर बनाने शुरू किए.

Karl Rapp
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इसके बाद, BMW ने अपने बिज़नेस को बढ़ाते हुए 1923 में मोटरसाइकिल बनाने की शुरुआत की और पहली मोटरसाइकिल R32 बनाई. मोटरसाइकिल के बाद BMW ने एक ‘ऑटोमोबाइल्स बिगनिंग’ नाम की कंपनी को ख़रीदा और फिर कारों का निर्माण करना शुरू किया. इनकी पहली कार DIXI थी, जिसे BMW 3/15 भी कहते थे.

R32, BMW 3/15

कपंनी पर 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बुरा समय आया, जब उनकी फ़ैक्ट्री पर बम से हमला किया गया. हमले के बाद, सोवियत संघ ने कंपनी को अपने अधीन कर लिया. इसके चलते, कंपनी पर कार और मोटरसाइकिल बनाने पर रोक लगा दी गई. इस रोक के बाद कंपनी ने किचन अप्लाइंसेस बनाने का फ़ैसला लिया. मगर 1947 में कंपनी को वापस मोटरसाइकिल बनाने का अधिकार मिला और 1951 में कार बनाने पर लगे बैन को भी हटा दिया गया. इस कंपनी ने बैन हटने के बाद पहली कार BMW 501 को लॉन्च किया, लेकिन इस कार क़ीमत इतनी ज़्यादा था कि मार्केट में कुछ ख़ास कमाई नहीं कर पाई. कंपनी का सारा दारोमदार मोटरसाइकिल से आने वाले प्रॉफ़िट पर ही टिका था.

BMW 501
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मोटरसाइकिल के सफल प्रदर्शन के बाद कंपनी ने कार निर्माण के लिए अपनी रणनीति बदली और 1500 कारें एक साथ मार्केट में उतारीं और क़ीमतों में भी फेरबदल किया. नतीजा ये निकला कि कंपनी ने प्रॉफ़िट देना शुरू कर दिया. फिर BMW ने बिज़नेस को बढ़ाते हुए कार कंपनी British Rover Company को ख़रीदा, लेकिन इनका ये फ़ैसला ग़लत साबित हुआ फिर इसे Ford को बेच दिया.

British Rover
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आपको बता दें, भारत में BMW की शुरुआत 2006 में हुई. ये दुनिया की टॉप Multinational Company में से एक है. Rolls-Royce Motor Cars भी एक लग्ज़री कार बनाने वाली कंपनी है, जो की BMW की सहायक कंपनी है. BMW की ब्रांच दुनिया के कई देशों में है, जिनमें South Africa, Canada, United States, Chaina, Japan और India शामिल है.