आपने दुनिया के कई ख़तरनाक माफ़िया गैंग्स के बारे में सुना होगा, जो किडनैपिंग से लेकर लूटपाट और हत्याएं तक करते हैं. मगर आज हम आपको जापान (Japan) के एक ऐसे कुख़्यात गैंग के बारे में बताएंगे, जो जुर्म की काली दुनिया से गुज़रता हुआ आज सफ़ेदपोश इंडस्ट्री में दाख़िल हो गया. आज इनके पास रजिस्टर्ड ऑफ़िस हैं और इनके मेंबर्स बिज़नेस कार्ड तक रखते हैं. मगर इनके काम करने का तरीक़ा आज तक नहीं बदला. इस गैंग को Yakuza बुलाते हैं और इसके काले कामों का इतिहास क़रीब 400 साल पुराना है.
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कौन हैं Yakuza Gang?
ये जापानी गैंग 17वीं शताब्दी में बना था. इसे Burakumin जनजाति के लोगों ने मिलकर बनाया था. इसे जापानी की सबसे छोटी जातियों में से एक माना जाता था. इनके साथ बहुत बुरा व्यवहार होता था. लोग इन्हें अपनाते नहीं थे और नीचा दिखाते थे. इनके पास कोई काम नहीं था और इनकी अनदेखी भी होती थी. ऐसे में इन लोगों ने चोरी, डकैती और जुंए जैसे काले धंधे अपना लिए. ये जनजाति भी दो हिस्सों में बंटी थी. Bakuto और Tekiya.
Tekiya वर्ग के लोग चोरी-डकैती से मिले सामान को बाज़ार में बेच दिया करते थे. वहीं, Bakuto जुंए के धंधे चला रहे थे. ये लोग धीरे-धीरे पूरे जापान में फ़ेमस होने लगे और इनके सदस्यों की संख्या भी बढ़ने लगी. आगे चलकर ये Yakuza के नाम से पहचाने जाने लगे. ये जापान के संगठित क्राइम सिंडिकेट है.
हर तरह के अपराधों को अंजाम देने लगा
Yakuza Gang के लोगों पर जापानी सरकार की नज़र तो पड़ी, मगर उन्हें रोकने के लिए कुछ ख़ास किया नहीं गया. ऐसे में उनकी हिम्मत बढ़ी और वो फिर चोरी-डकैती तक नहीं रूके. वो ब्लैकमेलिंग, अवैध निर्माण, प्रॉपर्टी डीलिंग, किडनैपिंग, और वैश्यावृत्ति जैसे ग़ैर-क़ानूनी कामों में भी अपनी जगह बनाने लगे. इस तरह Yakuza जापान का सबसे ख़तरनाक गैंग बन गया.
बता दें, प्रथम विश्व युद्ध के वक़्त इस गैंग के सदस्यों की संख्या क़रीब 2 लाख तक पहुंच गई थी. जापान सरकार ने खुद 2007 में बताया था कि वहां और दूसरे देशों में कुल 102,000 Yakuza मेंबर एक्टिव थे. ये सभी 2500 अलग-अलग परिवार से संबंध रखते थे.
आसान नहीं है Yakuza गैंग का मेंबर बनना
Yakuza Gang में शामिल होने के लिए लोगों को अपनी निष्ठा साबित करनी होती है. दरअसल, गैंग के लीडर को Oyabun कहा जाता है, जिसका मतलब होता है पिता. वहीं, नए शामिल सदस्य को Kobun बुलाते हैं, जिसका मतलब बच्चा होता है. ऐसे में नए मेंबर को सबसे पहले अपना Oyabun चुनना होता है और उसके प्रति ईमानदारी साबित करनी होती है. अगर वो ऐसा करने में कामयाब रहा तो Oyabun ही उसकी आगे सेफ़्टी करता है.
Oyabun और Kobun के बीच कुछ रस्मों का पालन भी होता है, जिसमें ड्रिंक करने की प्रथा भी शामिल है. मगर Oyabun को जहां बड़ा गिलास भरकर दिया जाता है. वहीं, Kobun को गिलास में थोड़ी ही शराब दी जाती है. ऐसा इसलिए कि ड्रिंक से आपका ओहदा पता चलता है. ड्रिंंक ज़्यादा मतलब स्टेटस में बड़ा. हालांकि, इस गैंग के बहुत से नियम हैं, जो इसे बेहत ख़तरनाक बनाते हैं. जैसे ग़लती करने पर उंगली कटना.
जी हां, अगर किसी गैंग मेंबर ने कोई ग़लती की या दूसरे सदस्यों के साथ ग़लत व्यवहार किया, तो ऐसा करने वाले को अपनी बाएं हाथ की छोटी उगंली का अगला भाग काटना पड़ता है. ऐसा हर ग़लती पर करना पड़ता है.
इसके अलावा Yakuza की पहचान भी काफ़ी दर्दनाक है. दरअसल, Yakuza Gang अपने शरीर पर टैटू बनवाता है. मगर वो ऐसा फ़ैशन के लिए नहीं करता, बल्क़ि उनके हर टैटू का मतलब होता है. साथ ही, इन्हें मॉडर्न तरीके से नहीं बल्कि पुराने तरीकों से बनाया जाता है. इसके लिए वो पारंपरिक बांस या स्टील की सुई से पूरी बॉडी पर टैटू बनवाते हैं. ये एक बेहद दर्दनाक प्रोसेस होता है.
सफ़ेद पोश इंडस्ट्री में दाखिल हुआ Yakuza गैंग
अब Yakuza गैंग के लोग व्हाइट कॉलर क्रिमिनल बन चुके हैं. वो हिंसा के बजाय रिश्वतखोरी पर ज़्यादा निर्भर हैं. इनके एजेंट्स बड़ी-बड़ी कंपनियों के ढेर सारे शेयर ख़रीदकर बोर्ड ऑफ़ मेंबर्स में शामिल हो जाते हैं. उसके बाद वो कंपनियों को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करते हैं. साथ ही, ये दूसरों के लिए बिल्डिंग्स खाली करवाते हैं.
साथ ही, रेस्टोरेंट, बार, ट्रकिंग कंपनियों, प्रतिभा एजेंसियों, टैक्सी बिज़नेस, फ़ैक्ट्रियों समेत अन्य बिज़नेस भी उनके मेंबर्स चला रहे हैं. इसके अलावा, ये दान-पुण्य कमाने में भी शायद पीछे नहीं रहना चाहते. इसलिए चाहे भूकंप हो या सूनामी ये तमाम प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पैसा डोनेट करते हैं. आपदा के शिकार लोगों खाना और ज़रूरी सामान मुहैया करवाते हैं. इस वजह से जापानी पुलिस के लिए इन पर लगाम लगाना और सिर दर्दी काम बन चुका है.
बता दें, ये Yakuza Gang अब कई छोटे-बड़े ग्रुप्स में बंट चुका है. हालांकि, आपसी सहमति से ये काम करते हैं और एक-दूसरे के धंधों में दखल नहीं देते. ऐसे में Yakuza गैंग अभी भी जापान में फल-फूल रहा है.