How Did Aurangabad City Get Its Name: भारत के शहरों के नाम बदलने का भी अपना एक इतिहास है. जैसे 2001 में कलकत्ता को कोलकाता किया गया, बंबई को मुंबई किया गया है, मद्रास को चेन्नई किया और कोचीन को कोच्चि किया गया. वहीं, गुड़गांव को गुरुग्राम (2016) किया गया और इलाहाबाद को प्रयागराज किया गया. इस लिस्ट में और भी कई शहरों के नाम हैं, जिनका वक़्त के साथ नाम बदला गया.
आइये, अब विस्तार से जानते हैं औरंगाबाद शहर के नाम (How Did Aurangabad City Get Its Name) का इतिहास.
एक अफ़्रीकी ग़ुलाम ने बसाया था औरंगाबाद – History of Aurangabad City in Hindi
How Did Aurangabad City Get Its Name: औरंगाबाद, महाराष्ट्र का एक ऐतिहासिक शहर है, जिसे 1610 में अहमदनगर साम्राज्य के सिद्दी जनरल मलिक अंबर (Malik Ambar) द्वारा बसाया गया था. मलिक अंबर के बारे में बता करें, तो वो एक अफ़्रीकी ग़ुलाम था, जो बाद में योद्धा बना.
मलिक अंबर कई बार बेचा और ख़रीदा गया
Aurangabad History in Hindi: माना जाता है कि मलिक अंबर का जन्म दक्षिणी इथियोपिया के खंबाटा क्षेत्र में 1548 को हुआ था. इसके अलावा, वो ओरोमो जनजाति से जुड़ा था, जो कि एक जातीय समूह है, जिसकी आबादी देश में अब क़रीब 35 प्रतिशत है. वहीं, ऐसा कहा जाता है कि गुलामों के सौदागरों के हाथों में आने से पहले वो ‘चापू’ के नाम से जाना जाता था.
बेटे ने बदला शहर का नाम
How Did Aurangabad City Get Its Name: वहीं, 1626 में मलिक अबंर की मृत्यु के बाद उसके बेटे फ़तेह ख़ान इस शहर का नाम बदलकर फ़तेरपुर कर दिया था.
इस तरह पड़ा औरंगाबाद नाम – History of Aurangabad Name In Hindi
How Did Aurangabad City Get Its Name: ये तो सभी जानते हैं कि इतिहास का एक वक़्त ऐसा भी था जब भारत का एक बड़ा भू-भाग मुग़लों के अंतर्गत था. वहीं, इस शहर पर भी मुग़लों की नज़र पड़ी और 1653 में मुग़ल सम्राट औरंगजेब ने दक्कन पर आक्रमण किया और इस शहर को अपनी राजधानी बनाया, जिसका नाम उसने रखा औरंगाबाद. तो कुछ इस तरह औरंगाबाद (कैसे औरंगाबाद को मिला उसका नाम) का नाम औरंगज़ेब के साथ जुड़ा.