Indian Air Force: भारत के डांसिंग हाथी हेलीकॉप्टर (Dancing Elephant Helicopters) की शुरुआत कब हुई थी. इसकी सटीक तारीख तो किसी के पास नहीं है, लेकिन कहा जाता है इनकी शुरुआत सबसे पहले सन 1970 के दशक में हुई थी. ये ख़ास तरह के हेलीकॉप्टर्स भारतीय सैन्य शक्ति, औद्योगिक ताकत और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करने के लिए डिज़ाइन किए गए थे. Flying Jumbo के नाम से मशहूर इन हेलीकॉप्टर्स की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए हमें 1969 में जाना होगा.
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दरअसल, सन 1969 में Hindustan Aeronautics Limited (HAL) ने भारत में पहली बार फ़्रांस के मशहूर Aerospatiale Alouette III हेलीकॉप्टर्स का निर्माण शुरू किया था. इस दौरान क़रीब 300 से अधिक हेलीकॉप्टर्स का निर्माण किया गया था. महान योद्धा महाराणा प्रताप के घोड़े ‘चेतक’ के नाम पर इन हेलीकॉप्टर्स का नाम भी ‘चेतक’ रखा गया था. 70 के दशक में इन्हें ‘भारतीय वायु सेना’ में शामिल कर लिया गया था.
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क्या ख़ास बात थी ‘चेतक’ की?
आधुनिक मानकों के तहत ‘चेतक’ एक लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर था, लेकिन उस दौर में ये एक प्रभावशाली मशीन थी. साल 2010 तक ‘भारतीय वायु सेना’ द्वारा इनका इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद इन्हें रिटायर कर दिया गया. ये हेलीकॉप्टर कई स्थानीय संघर्षों का हिस्सा भी रहे. इस दौरान ये हेलीकॉप्टर भारत की पहचान का एक प्रतीक बन गया.
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26 जनवरी, 1970 को भारतीय सैनिकों ने राजपथ पर मार्च किया तो टैंकों की गड़गड़ाहट और ट्रकों की कदम ताल के बाद लोग उस वक़्त आश्चर्य में पड़ गए जब राजपथ पर चेतक (डांसिंग हाथी हेलीकॉप्टर) ने दस्तक दी. उस दौर में हेलीकॉप्टर्स की पैंतरेबाज़ी कोई मामूली उपलब्धि नहीं थी. भारतीय पहली बार हवा में इस तरह की कलाबाज़ी देख रहे थे.
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क्यों कहते थे डांसिंग हाथी हेलीकॉप्टर?
कहने को तो ये गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘भारतीय वायु सेना’ का ‘पीस डे रेजिस्टेंस’ था. लेकिन इस दौरान ‘चेतक’ हेलीकॉप्टर्स को जिस तरह से हाथी की ड्रेस में सजाया गया था वो देखने लायक था. चेतक हेलीकॉप्टर्स जब आसमान में उड़ रहे थे, ऐसा लग रहा था मानो हाथी उड़ रहे हों. इस दौरान एयरफ़ोर्स के पायलट राजपथ के आसमान में इन हेलीकॉप्टर्स के साथ कई तरह की कलाबाज़ियां करते थे. इस दौरान ऐसा लगता मानों ये हाथी आसमान में डांस कर रहे हों.
इन ख़ास तरह के हेलीकॉप्टर्स को आसमान में उड़ाना और कलाबाज़ियां करना बेहद कठिन, लेकिन न केवल पायलट, बल्कि तकनीकी विशेषज्ञ भी 1 महीने पहले से ही इसके लिए जमकर अभ्यास किया करते थे. इस दौरान सबसे मुश्किल काम था हेलीकॉप्टर के बाहरी ‘अटैचमेंट’ को फ्लाइंग मशीन में फिट करना.
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‘चेतक’ भारतीय वायु सेना के ‘यूनिट नंबर 116’ से संबंधित हेलीकॉप्टरों में से एक था. गणतंत्र दिवस के मौके पर इन हेलीकॉप्टर्स को हाथी की भेषभूसा में राजपथ के आसमान में उतारना आसान बात नहीं थी. इस दौरान ‘भारतीय वायु सेना’ के एक दर्जी ने कपड़े के टुकड़ों को जोड़कर ‘चेतक’ हेलीकॉप्टर्स को हाथी की ड्रेस में सजाया था. भारत के राष्ट्रीय जानवरों में से एक हाथी अपनी ताकत का एक शक्तिशाली प्रतीक भी है.
इसके अलावा ‘भारतीय वायु सेना’ कई मौकों पर चेतक हेलीकॉप्टर्स को अलग-अलग तरह से पेश कर चुकी है.
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गरुड़ के रूप में चेतक हेलीकॉप्टर
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बताइये कैसी लगी आपको हमारी ये कोशिश?
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