ल्यों (Lyon) और लखनऊ (Lucknow) दो अलग-अलग देशों में बसे हैं. एक फ़्रांस का प्रमुख शहर तो दूसरा भारत के एक राज्य की राजधानी. मगर हज़ारों मील दूर होते हुए भी इनमें एक कनेक्शन है. वो है La Martiniere. ये लखनऊ का एक फ़ेमस प्राइवेट स्कूल है जो कभी महल हुआ करता था.
इसे 18वीं सदी में फ़्रांस के एक मशहूर मेजर जनरल Claude Martin ने बनवाया था. असल में ये पैलेस यानी महल हुआ करता था, जिसे इन्होंने अपने लिए देश-विदेश से चुन-चुन कर ख़ास चीज़ें आयात कर बनवाया था. ल्यों (फ़्रांस) में भी ऐसा ही एक महल है.
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अब आप सोच रहे होंगे कि आज अचानक हमें इसकी याद क्यों आई. इसकी एक ख़ास वजह वो ये कि इसे मशहूर मैगज़ीन Vogue इंडिया ने अपने Culture and Living सेक्शन में फ़ीचर किया है. मतलब इसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया है.
ये हम भारतीयों के लिए गर्व की बात है. चलिए इसकी तस्वीरों के ज़रिये महल से स्कूल में तब्दील हो चुके इस स्कूल के इतिहास के बारे में भी जान लेते हैं.
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सबसे पहले जानते हैं कौन थे Claude Martin?
Claude Martin फ़्रांस के एक सैनिक थे जिन्होंने ब्रिटिश इंडियन आर्मी के ख़िलाफ़ भारत में पुर्तगालियों की तरफ़ से युद्ध लड़ा था. 1761 में पांडिचेरी को हारने के बाद उन्होंने ब्रिटिश आर्मी जॉइन की और जहां वो मेजर जनरल के पद तक पहुंचे. अपने कार्यकाल के दौरान वो अवध के नवाब आसफ-उद-दौला की कंपनी में जगह बनाने में कामयाब रहे. यहां लखनऊ में उन्होंने अपना ख़ुद का घर बनाया और देखते ही देखते लखनऊ के सबसे अमीर फिरंग बन गए.
अपने लिए बनवाया सबसे आलीशान महल
यहां रहते हुए Martin ने अपने लिए एक आलीशान घर गोमती नदी के किनारे बनवाया. वो एक सैनिक होने के साथ ही महान आर्किटेक्ट भी थे. अपने घर जिसे महल कहना ग़लत न होगा उसमें उन्होंने बाढ़ और तेज़ गर्मी से बचने के लिए ख़ास इंतज़ाम किए थे.
इसे दुर्लभ कलाकृतियों से सजाया
इनके इस शानदार महल में शास्त्रीय मूर्तियों की श्रेणी और कई ओरिएंटल पांडुलिपियों के साथ एक दार्शनिक पुस्तकालय भी था. यही नहीं उनके पास विदेशी वस्त्र और विदेशी जानवरों की खाल का एक ज़बरदस्त कलेक्शन भी था, जो उनके महल की दीवारों की शोभा बढ़ाते थे. इसे लकड़ी के फ़र्नीचर, पेंटिंग, मूर्तियों और दुर्लभ कलाकृतियों से सजाया गया था.
अपनी मौत का हो गया था अंदाज़ा
कहते हैं कि उन्हें अपनी मौत का अंदाज़ा हो गया था इसलिए वक़्त रहते Martin ने अपने महलों को स्कूल में तब्दील करने की बात अपने उत्तराधिकारियों से कह दी थी. उनकी इसी इच्छा के तहत लखनऊ के La Martiniere स्कूल बना. इसी तरह कोलकाता और ल्यों में भी उनके महलों को स्कूल में बदल दिया गया है.
इन स्कूल्स को आज भी चलाया जा रहा है. इनमें उनकी विरासत और कलाकृतियों को ज्यों का त्यों सहेज कर रखा गया है. इसके अनोखे आर्किटेचर और कहानी के चलते ही इस महल को वोग मैगज़ीन में जगह मिली है.
यहां देखिए इसकी कुछ शानदार तस्वीरें: