Saraswati Mahal Library Thanjavur:- भारत में बहुत सी पुरानी और ऐतिहासिक जगहें हैं. जिनका अस्तित्व हज़ारों सालों से हैं. ऐसे बहुत से आर्कियोलॉजिस्ट हैं जिन्होंने अपनी ख़ोज से बहुत सी बेशक़ीमती चीज़ें ख़ोज निकाली हैं. ऐसा ही इस पुस्तकालय का इतिहास भी है. ये एशिया का प्राचीनतम पुस्तकालयों में से एक माना जाता है. जहां आपको अलग-अलग भाषाओं में लाखों हस्तलिपियां देखने को मिल जाएंगी. चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से तंजावुर के इस ऐतिहासिक पुस्तकालय के बारे में जानते बैं.
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चलिए जानते हैं क्यों कहा जाता है इस पुस्तकालय को एशिया का सबसे प्राचीनतम पुस्तकालय (Unique Saraswati Mahal Library Thanjavur)-
ये पुस्तकालय तमिलनाडु में स्थित है.
इस पुस्तकालय को ‘सरस्वती महल पुस्तकालय’ या फिर तंजौर के ‘महाराजा शेरोफ़जी सरस्वती महल पुस्तकालय’ के नाम से भी जाना जाता है. कहा ये भी जाता है कि ये एशिया का सबसे पुराना पुस्तकालय है. जहां आपको किताबों और हस्तलिपियों का दुर्लभ कलेक्शन देखने को मिल जाएगा. ये पुस्तकालय तंजावुर पैलेस के बाहर स्थित है. जहां अब लोगों को जाने की अनुमति है. इस पुस्तकालय का नाम पहले सरस्वती भंडार हुआ करता था. जिसे पहले तंजौर के शासक के लिए ‘रॉयल पुस्तकालय’ के रूप में खोला गया था. जिन्होंने तंजोर पर 1535 – 1675 तक राज किया था.
हस्तलिपियां पत्ते और अलग तरह के कागज़ पर लिखे गए है.
इस पुस्तकालय में आपको हिंदी, अंग्रेज़ी, तमिल और तेलुगू जैसी कई अन्य भाषाओं में किताबें और ताड़ के पत्ते पर हस्तलिपि पढ़ने को मिल जाएंगी. सरस्वती महल में 60 हजार से भी अधिक खंड शामिल हैं, हालांकि इन खंडों में से केवल एक छोटा अंश ही दिखाया जाता है. साथ ही पुस्तकालय में होर्डिंग्स की पूरी सूची है, जिसे आप ऑनलाइन भी देख सकते हैं.
ये पुस्तकालय दुनिया के मध्यकालीन पाण्डुलिपि पुस्तकालयों में से एक है. एक सर्वे के मुताबिक़, ये पुस्तकालय भारत के सबसे उल्लेखनीय पुस्तकालय में से एक है. वहीं अगर हम इसके वास्तुकला की बात करें, तो यहां पुस्तकालय के अलावा काफ़ी बड़ा म्यूज़ियम भी दिखेगा. जहां मां सरस्वती की बड़ी मूर्ति, तंजौर की पुरानी पेंटिंग और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मनमोहक पेंटिंग भीतर घुसते ही आपका मन मोह लेगी.
किताबों का कलेक्शन है गज़ब
इस संग्रहालय में आपको लाखों किताबें दिख जाएंगी. साथ ही संग्रहालय में एक खंड है, जिसमें बहुत सारे पुराने और दुर्लभ संग्रह हैं. जिनमें चिकित्सा पर प्राचीन पुस्तकें, प्राचीन रामायण, महाभारत और अन्य संस्कृत ग्रंथ, पांडुलिपियां, ताड़ के पत्ते की लिपियां, बहुत छोटे आकार के ताड़ के पत्ते की लिपियां और स्क्रॉल स्क्रिप्ट भी मिल जाएंगी. अगर आप आर्कियोलॉजी या किताबें पढ़ने का शौक़ है, तो यहां आना तो ज़रूर बनता है.