रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर एक बहन अपनी भाई के हाथ पर राखी (Rakhi) बांधती है. ये त्योहार इस बात का प्रतीक होता है कि बहन की रक्षा करने और उसकी देखभाल करने की ज़िम्मेदारी भाई की होती है. राखी की ये परंपरा सदियों से चली आ रही है और एक संस्कार है. मगर 16 अक्टूबर 1905 से पहले शायद ही किसी ने सोचा था कि राखी के ज़रिए हिंदू-मुसलमानोंं को भी एकता के सूत्र में बांधा जा सकता है! ये काम रवींद्रनाथ टैगौर (Rabindranath Tagore) ने किया था.

ibgnews

टैगोर ने किया बंगाल विभाजन का विरोध

दरअसल, उस वक़्त भारत में अंग्रेज़ी शासन था. ब्रिटिश हुकूमत ‘फूट डालो, राज करो’ की नीति पर काम कर रही थी. अंग्रेज़ जानते थे कि अगर भारत पर राज करना है तो हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पैदा करनी ही पड़ेगी. इसी के तहत उन्होंंने बंगाल विभाजन की योजना बनाई.

उस समय असम, ओडिशा, बांग्लादेश और बिहार, कलकत्ता प्रेसिडेंसी का हिस्सा थे. यहां की जनसंख्या ज़्यादा थी और अंग्रेज़ इतने बड़े हिस्से को संभाल नहीं पा रहे थे. ऐसे में उन्होंने इन्हें बांटकर दो अलग राज्य बनाने के बारे में सोचा. मगर असल सच था कि अंग्रेज़ों का ये फ़ैसला प्रशासनिक सहूलियत कम और हिंदू-मुस्लिम को अलग करने की कोशिश ज़्यादा थी. क्योंकि, ये विभाजन हिन्दू मुस्लिम बाहुल्य इलाक़ों के हिसाब से हुआ था. बंगाल का पूर्वी इलाक़ा मुस्लिम बाहुल्य था और पश्चिमी हिस्से में हिन्दू समुदाय की अधिकता थी.

wikimedia

भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने ख़ुद कहा था कि ‘असम और सिहलेट (अब बांग्लादेश) के मुस्लिम बहुल क्षेत्र को पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के हिंदू बहुल क्षेत्र से अलग किया जाना था.’

विभाजन का आदेश अगस्त 1905 में पारित किया गया और उसी वर्ष 16 अक्टूबर को लागू हुआ. 

‘फूट डालो, राज करो’ की नीति का जवाब थी टैगोर की राखी

बंगाल विभाजन का पूरे देश में भयंकर विरोध हुआ. मगर बंगाल में रवींद्रनाथ टैगौर ने इसके लिए राखी का इस्तेमाल किया. 16 अक्टूबर 1905 को उन्होंने गंगा में डुबकी लगाकर लोगों से जुलूस का आह्वान किया. इस जुलूस का उद्देश्य था कि हिंदू और मुस्लिम अंग्रेज़ों की फूट-डालो राज्य करो की नीति में ना फंसे. एक दूसरे को राखी बांधकर शपथ लें कि वे बंटेंगे नहीं, बल्कि एक-दूसरे की आगे बढ़कर रक्षा करेंगे. (Raksha Bandhan)

crresearch

Raksha Bandhan

ये भी पढ़ें: Happy Rakshabandhan Quotes In Hindi: रक्षाबंधन पर भाई-बहन को ये 35+ कोट्स भेजकर प्यार और ख़ुशियां बांटें

टैगोर कोलकाता की सड़कों पर उस जुलूस के साथ आगे-आगे चलते रहे और जो भी रास्ते में मिला उसे रांखी बांधते रहे. उनके साथ राखियों का पूरा गट्ठर था. उस दौर का वो दृश्य भी ऐतिहासिक था, जब हर हिंदू हर मुसलमान को राखी बांधते नज़र आ रहा था. बेशक ब्रिटिश अपनी चाल में कामयाब रहे और ये विभाजन रुक नहीं पाया, लेकिन उस दृश्य से ये ज़रूर साबित हुआ कि हिंदू-मुस्लिम असल में ऐसा कोई विभाजन नहीं चाहते थे.