औद्योगिक क्रांति के नाम पर 19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप और अमेरिका में कई बड़े बदलाव हुए. नई तकनीकों ने उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही इंसानी श्रम को कम करने का काम किया. इस क्रांति के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र ने एक बड़ी करवट ली और मास प्रोडक्शन पर ज़ोर दिया जाने लगा. बड़ी-बड़ी कंपनियां और फ़ैक्ट्री बनने लगीं और ग्राहकों तक सीधे सामान पहुंचाने की होड़ लग गई. लेकिन, इस दौरान समाज आर्थिक असमानता से गुज़र रहा था. जहां एक तरफ़ विकास की नींव रखी जा रही थी, वहीं दूसरी तरफ़ मज़दूरों व श्रमिक वर्ग पर शोषण का जाल तैयार हो रहा था. बढ़िया कारीगर मज़दूर बनने पर मजबूर हो गए थे. हालांकि औद्योगिक क्रांति के कई सकारात्मक पहलू भी थे, लेकिन इसके कई नकारात्मक पहलू भी थे, जिनमें शामिल हैं कम मजदूरी, बाल श्रम, प्रदूषण व रहने की ख़राब कंडीशन. आइये, आपको दिखाते हैं औद्योगिक क्रांति की कुछ भयावह तस्वीरें, जिसमें इसकी हक़ीकत आपको साफ़-साफ़ पता चल जाएगी.
1. जब घोड़े की नाल के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए फ़ैक्ट्री तक बना दी गईं थी (1850).
2. बड़े-बड़े ब्रिज बनाने के लिए इंसानों को कोल्हू का बैल बना दिया गया था.
3. 1891 की एक फ़ैक्ट्री के अंदर का दृश्य.
4. जूता बनाता एक व्यक्ति (1890).
5. पुरुषों के साथ फ़ैक्ट्रियों में काम करती महिलाएं (1899).
6. एक Fuse Factory (1880s).
7. एक स्टील फ़ैक्ट्री (1895).
8. बटन का उत्पादन भी भारी मात्रा में किया जा रहा था (1899).
9. ख़राब स्थिति में काम करते मज़दूर (1889).
10. ये तस्वीर बताती है कि उत्पादन बढ़ाने के लिए मज़दूर किस तरह भरे जा रहे थे. साथ ही उन्हें काम करने की सही जगह भी मुहैया नहीं कराई जा रही थी (1898).
11. Bandit’s Roost, वो जगह जो क्राइम के जानी गई. इसे न्यूयॉर्क का एक ख़तरनाक इलाक़ा कहा गया था (1888).
12. ख़दानों में भी मज़दूरों की संख्या बढ़ाई जा रही थी (1880s).
13. माइनिंग के दौरान मज़दूर (1893).
14. एक नर्सरी में प्राथना करते बच्चे (1888).
15. घर से दूर मज़दूरों को इन हालातों में भी रहना पड़ता था (1889).
16. काम करने वाली मज़दूर महिलाओं के ठहरने का स्थान (1888).
17. बे-घर बच्चे (न्यूयॉर्क -1890)
16. बाल श्रम को भी औधोगिक क्रांति ने बढ़ाने का काम किया.
दोस्तों, भले ही औधोगिक क्रांति ने विकास को बढ़ाने का काम किया, लेकिन इसके नकारात्मक प्रभावों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है.