Patiala Necklace : MET GALA को फ़ैशन का ऑस्कर कहा जाता है. प्रतिवर्ष होने वाला ये फ़ैशन इवेंट ‘The Metropolitan Museum of Art (New York)’ द्वारा आयोजित किया जाता है. इस इवेंट में बड़ी-बड़ी हस्तियां शिरकत करती हैं. वहीं, ये इवेंट यहां आने वाले सेलिब्रिटिज़ और उनके द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों और ज्वेलरी के लिए काफ़ी चर्चा में रहता है. इस साल आयोजित हुए MET GALA 2022 में Kim Kardashian के अलावा एक अमेरिकी फ़ीमेल सेलिब्रिटी यूट्यूबर Emma Chamberlain काफ़ी चर्चा में हैं.

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इसके पीछे का कारण है उनके द्वारा पहना गया हीरों का हार, जो पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह का खोया हुआ हार (Patiala Necklace) बताया जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की मानें, तो जो हार Emma Chamberlain ने पहना है, वो महाराजा भूपिंदर सिंह का है. बता दें कि चेंबरलेन Cartier jewels की ब्रांड एम्बेसडर हैं. ये वही कंपनी है, जिसने महाराजा भूपिंदर का हार बनाया था. आइये, इस ख़ास आर्टिकल में जानते हैं क्या है पटियाला के महाराजा के खोए हुए हार (Necklace of Maharaja of Patiala) की कहानी.

आइये, अब विस्तार से जानते हैं पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh of Patiala) के हार (Patiala Necklace) की कहानी.   

पटियाला के महाराजा का हार – Necklace of Maharaja of Patiala in Hindi  

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पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह काफ़ी शौक़ीन इंसान माने जाते थे. ऐशो आराम वाली चीज़ों के साथ जीवन बिताना उनकी आदत में शुमार था. यही वजह है कि उनके द्वारा बनवाया गया और पहना गया हीरों का हार (Patiala Necklace) आज भी चर्चा में है. जानकारी के अनुसार, महाराजा भूपिन्दर सिंह ने ये 1889 में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा ‘डी बीयर्स’ खरीदा था, जब इसे Paris Universal Exhibition में प्रदर्शित किया गया था. इस हीरे के 1888 में दक्षिण अफ़ीका की एक खदान से बरामद किया गया था.

बनवाया गले का हार  

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कहते हैं कि जब महाराजा भूपिंदर सिंह 34 वर्ष के थे, तो उन्होंने डी बीयर्स हीरे को गले के हार (Patiala Necklace) में तब्दिल करने का सोचा. इसके लिए उन्होंने ज्वेलरी बनाने वाली कंपनी Cartier से संपर्क किया. वहीं, 1928 में ये हार बनकर तैयार हो गया और इसका नाम पड़ा पटियाला नेकलेस.  

आज के क़रीब 30 मिलियन डॉलर के बराबर का हार  

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पटियाला के महाराजा के हार (Patiala Necklace) को इतिहास के चुनिंदा सबसे महंगी ज्वेलरी में गिना जाता है. एक अनुमान के तौर पर इस पूरे हार की क़ीमत आज के 30 मिलियन डॉलर (2,32,00,35,000.00 रुपए) के बराबर हो सकती है. इस हार में 2930 हीरों को पांच प्लैटिनम रॉ में सजाया गया था. साथ ही Burmese Rubies जैसी क़ीमती पत्थर भी लगाए गए थे. इस बेशक़ीमती हार को आप महाराजा भूपिंदर सिंह की किसी भी तस्वीर में देखा जा सकता है. 

ग़ायब हो गया था महाराजा का हार  

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कहते हैं कि साल 1948 में पटियाला शाही ख़जाने से हीरे का हार ग़ायब (maharaja of patiala choker history) हो गया था. इसके बाद हार को लेकर काफ़ी विवाद हुआ था. कहते हैं कि 32 सालों तक हार का कोई पता नहीं चला. लेकिन, 1982 में अचानक De Beers Diamond एक निलामी (Sotheby’s auction) ने नज़र आया. यहां सिर्फ़ हीरा था, हार नहीं. वहीं, नेकलेस का एक भाग लंदन की एक एंटिक शॉप में देखा गया था. वहीं, बाद में Cartier ने हार को ख़रीदा लिया और उसे लापता हार में लगे पत्थरों की रेप्लिका से बदल दिया.


तो दोस्तों, ये थी महाराजा भूपिंदर सिंह के बेशक़ीमती हार (maharaja of patiala choker history) की दिलचस्प कहानी. आपको ये जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट में बताना न भूलें.