जापान, विश्व के चुनिंदा उन देशों में शामिल है जो अपनी ख़ास संस्कृति, जीवनशैली और तकनीकी विकास के लिए जाने जाते हैं. जापान का इतिहास कई हज़ार साल पुराना बताया जाता है और आज भी ये देश अपनी प्राचीन संस्कृति का अनुसरण निरंतर करने करते आ रहा है. वहीं, ये देश अपनी कई चीज़ों के लिए हमेशा से चर्चा में रहा है, जैसी इनकी ख़तरनाक कटाना तलवार या फ़िर इनका पारंपरिक पंखा. कटाना तलवार के बारे में हम आपको बता चुके है. इस लेख में हम आपको जापान के पारंपरिक पंखे से जुड़ी कुछ ख़ास बाते बताने जा रहे हैं.
1. जापानी पंखे का इतिहास
कहते हैं कि जिस वक़्त प्राचीन चीन में नई-नई तकनीक विकसित हो रही थीं उस समय जापान में ख़ास पंखें का निर्माण किया गया. जो कि जापान के अद्भुत हैंडीक्रॉफ़्ट का हिस्सा था. वहीं, माना जाता है कि इस तरह के ख़ूबसूरत हाथ वाले पंखों का निर्माण छठी व 9वीं शताब्दी के दौरान में किया गया था. उस दौरान के ताबूतों को इस तरह के फैन डिज़ाइन से सज़ाया जाता था.
2. प्रचार के लिए पंखों का इस्तेमाल
उस दौरान ज़रूरतों के हिसाब से ऐसे हाथ वाले पंखों का निर्माण किया गया था. जैसे Uchiwa नाम का पंखा, ख़ासतौर पर ceremonial fans के रूप में इस्तेमाल किए जाते थे. वहीं, इन्हें कंपनी के प्रचार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था. बहुत सी कंपनी इन पंखों पर अपने लोगो लगाकर शहर में प्रचार करती थीं.
3. सजावट व उपहार के लिए पंखों का इस्तेमाल
जापानी पंखें सिर्फ़ गर्मियों में हवा देने के साथ-साथ घरों में सजावट के लिए भी इस्तेमाल किए जाते थे. इसके अलावा, उपहार के लिए इन सज़ावटी पंखों का इस्तेमाल किया जाता था. Brisé Fans कुछ ऐसे ही आकर्षक पंखे हुआ करते थे. वहीं, ये सभी पंखों में सबसे ज़्यादा सज़ावटी हुआ करते थे.
4. वॉर फ़ैन
इन पंखों का इस्तेमाल युद्धों में किया जाता था. इनका इस्तेमाल कमांडरों द्वारा सैनिकों तक कुछ ख़ास सिगनल पहुंचाने के लिए किया जाता था. वहीं, समय आने पर इसे एक हथियार के तौर भी इस्तेमाल किया जा सकता था. इन्हें Gunbai war Fan के नाम से जाना जाता था.
5. हथियार के रूप में पंखा
ऊपर वाले पंखे से अलग इस पंखे की बनावट अलग होती थी. इसे Tessen के नाम से जाना जाता था. ये फोल्डिंग वॉर फ़ैन हुआ करते थे, जिनकी प्लेट लोहे की होती थी. ये पलक झपकते ही दुश्मन का गला काटने की क्षमता रखते थे.
6. काम में दक्ष लोगों द्वारा बनवाए जाते थे पंखे
Uchiwa पंखों का निर्माण बांस और ख़ास washi paper का इस्तेमाल कर बनाए जाते थे. वहीं, इन्हें बनाने वाले उच्च दर्जे के कारीगर हुआ करते थे. कोई आम इंसान इन पंखों का निर्माण नहीं कर सकता था. इसे बनाने के लिए पहले बांस का फ़्रेम तैयार किया जाता था और फिर उसपर आगे का काम किया जाता था. वहीं, वॉर फ़ैन बनाने में ख़ास धातु व तकनीक का इस्तेमाल किया जाता था, ताकि ये लड़ाई के समय ठीक से काम करें.