21वीं सदी का भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. विकास ने सिर्फ़ कैमरे की तस्वीरें ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियां भी कलरफ़ुल कर दी हैं. मगर 19वीं सदी में इसी भारत का नज़ारा बेहद अलग था. तब तस्वीरें और लोगों की ज़िंदगी दोनों में ही रंगों की कमी थी. रफ़्तार धीमी थी, क्योंकि पैरों में ग़ुलामी की जंजीरे थींं. फिर भी, वो हमारा इतिहास है और इसीलिए ख़ास है.
आज हम आपको 150 साल से भी पुरानी और दुर्लभ तस्वीरों के ज़रिए उसी इतिहास से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं.
1. भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना की घुड़सवार सेना रेजिमेंट के अफ़गान-सिख अधिकारी – 1858

2. मुगल शासक बहादुर शाह ज़फ़र की पत्नी बेगम ज़ेनत महल – 1857

3. सूरत की मुस्लिम महिलाओं का एक समूह – 1863

4. भारत में महाराजा के सैनिकों के कमांडर कर्नल अलेक्जेंडर गार्डनर, कश्मीर – 1864

5. एक यंग पश्तून महिला – 1865

6. बंबई में एक एक महिला की 1865 की तस्वीर.

7. भारत के एक सेवक की तस्वीर – 1870

8. एक भिस्ती की तस्वीर – 1870

9. भारतीय सेना के दो वर्दीधारी सैनिक -1850

10. भारतीय विद्रोह 1857 के दौरान कपूरथला के राजा का जिरकुज़.

11. भारतीय विद्रोह के दौरान एक सैनिक ‘कर्नल ब्रेज़ियर’ -1857

12. हिंदू राजपूत योद्धा – 1857

13. 1857-1859 के भारतीय विद्रोह को दबाने में अंग्रेजों की सहायता करने वाले भारतीय सैनिक की तस्वीर.

14. लखनऊ छत्तर मंज़िल पैलेस की दीवार, जिसे विद्रोहियों ने नष्ट कर दिया था. आगे की ओर मछली के आकार में शाही नाव है -1857

15. भारतीय सेना के सिख सैनिकों का एक समूह -1858

16. भारतीय विद्रोह के तुरंत बाद ब्रिटिश 15वीं पंजाब इन्फैंट्री रेजिमेंट के सिख अधिकारी – 1858

17. दिल्ली में मुगल परिवार की एक तस्वीर – 1858

18. बलरामपुर के महाराजा सर द्रिगबिजय सिंह, जो पहले स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ों के वफ़ादार रहे थे – 1858

19. सिक्किम के लेप्चा आदिवासी समूह का एक शख़्स – 1868

20. असम की नागा पहाड़ी जनजातियों का एक रेंगमा आदमी – 1868

21. शिमला में पारंपरिक वेश में एकसाथ खड़े गोरखा, एक ब्राह्मण और एक शूद्र शख़्स की तस्वीर – 1888

22. अफगानिस्तान के अमीर शेर अली खान की अगवानी करते भारत के वायसराय मेयो – 27 मार्च 1869

23. लोहे की कॉलर पहने एक भारतीय तपस्वी – 1870

24. भारत में एक सन्यासी ब्राह्मण – 1870

25. दिल्ली में बैंकरों का एक समूह – 1870

26. भारत में एक रस्सी व्यापारी – 1870

27. मैसूर के महाराजा चामा रसेंद्र वाडियार बहादुर – 1870

28. आगरा दरबार चलाने में मदद करने वाले सुमथा राजा – 1873

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इन तस्वीरों को देखकर ये कहना ही पड़ेगा कि आज हम जिस भी हालात में हैं, पहले से यक़ीनन बेहतर हैं.