दुनिया के महान आविष्कारक निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) आज भी अपने यूनीक आविष्कारों के लिए जाने जाते हैं. सर्बियाई मूल के अमेरिकी आविष्कारक टेस्ला एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर और भविष्यवादी थे, जिन्हें ख़ासतौर पर ‘मॉर्डन अल्टेरनेटिंग करेंट इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई सिस्टम’ के डिज़ाइन में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. इसके अलावा निकोला टेस्ला को ‘टाइम ट्रेवल’ के लिए भी जाना जाता है.
ये भी पढ़ें: भारतीय गणितज्ञ द्वारा खोजे गए ‘6174’ को आख़िर मैजिकल नंबर क्यों कहा जाता है?
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61f7b662c84a5000018cb105_2f421886-1461-42d8-b175-40898b5617b0.jpg)
निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) का जन्म 10 जुलाई 1856 को क्रोशिया में हुआ था. 1870 के दशक में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. 1880 के दशक में वो Telephony कंपनी में काम करने लगे. सन 1884 में वो अमेरिका शिफ़्ट गये. इसके बाद 30 जुलाई 1891 को 35 साल की उम्र में टेस्ला अमेरिकी नागरिक बन गये. साल 1891 में ही उन्होंने अपने ‘टेस्ला कॉइल’ का पेटेंट कराया था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61f7b662c84a5000018cb105_b45fcd1c-d2cd-49c3-bc2b-63c488a8af35.jpg)
क्या था Code 369 ?
निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) केवल महान आविष्कारक ही नहीं, बल्कि नंबर्स के खेल में भी माहिर थे. टेस्ला का ‘Code 369’ आज भी एक रहस्यमयी अंक के तौर पर जाना जाता है. इसे ‘ब्रह्मांड की चाबी’ भी कहा जाता है. निकोला टेस्ला का कहना था कि यदि किसी इंसान ने इस नंबर की अद्भुत शक्ति और इसके रहस्य को समझ लिया तो समझो उसने ‘ब्रह्मांड की चाबी’ को खोज लिया है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61f7b662c84a5000018cb105_e38eb27e-78fd-4648-bd8f-8ae6db59168b.jpg)
चलिए जानते हैं आख़िर निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) की ये ‘ब्रह्मांड की चाबी’ थी क्या चीज़?
कहते हैं निकोला टेस्ला अपने ऑफ़िस की बिल्डिंग में इंटर होने से पहले उसके 3 चक्कर लगाया करते थे. कुछ खाने से पहले वो अपनी प्लेट को 18 नैपकिन से साफ़ करते थे. वो अगर किसी होटल में रुकते थे तो कमरे का नंबर 3 से पूरा डिवाइड होना ज़रूरी था. वरना वो उस होटल में रुकते ही नहीं थे. होटल या रेस्टोरेंट में वो टिप भी उतनी ही देते थे जो 3 से डिवाइड हो सके. कुछ खरीदने से पहले प्राइस टैग पर लिखी क़ीमत को भी वो पहले 3 से डिवाइड करके देखते थे. इस अंक को लेकर उनमें इतना जुनून था कि लोग उन्हें सनकी तक कह देते थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61f7b662c84a5000018cb105_a72d48d2-5917-4839-91fd-aa3bf8b64e69.jpg)
3,6 और 9 नंबरों के प्रति जुनून
दरअसल, निकोला टेस्ला को ‘लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन’ पर काफ़ी विश्वास था और वो इन नंबर्स को ‘लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन’ के साथ जोड़कर अपने जीवन में कई तरह के प्रयोग किया करते थे. इस दौरान टेस्ला का 3,6 और 9 नंबरों के प्रति जुनून से अधिक हद तक विश्वास होने के कारण इन नंबरों को ‘टेस्ला कोड’ भी कहा जाता है. इसीलिए वो ‘Code 369’ को गंभीरता से फ़ॉलो भी करते थे. न्यूमैरोलॉजी में भी 3, 6 और 9 नंबर को सर्वाधिक शक्तिशाली एवं विशिष्ट माना जाता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61f7b662c84a5000018cb105_1a7d977a-fefe-4005-b501-8bdf8db85eda.jpg)
वर्तमान में दुनिया का सबसे अमीर शख़्स एलन मस्क (Elon Musk) ने निकोला टेस्ला के सम्मान में ही अपनी इलेक्ट्रिक कार को ‘टेस्ला’ नाम दिया है. कहा तो यहां तक जाता है कि एलन मस्क एवं उनकी कंपनी टेस्ला की चमत्कारिक सफलता के पीछे इन विशिष्ट नंबर ‘369’ का ही जादू है. Code 369
ये भी पढ़ें: ‘1729’ को हार्डी-रामानुजन नंबर क्यों कहा जाता है, गणित में इसे स्पेशल क्यों माना जाता है?