Philadelphia Experiment: विश्व इतिहास के पन्नों में ऐसे कई घटनाओं का जिक्र मिलता है, जिसपर विश्वास करना बेहद मुश्किल है. इनमें से कुछ सच्ची घटनाओं का तो कुछ ऐसी घटनाओं का भी ज़िक्र मिलता है जो आज भी एक पहेली बनीं हुई हैं. कुछ इसी तरह की एक घटना सन 1943 में अमेरिका में भी घटी थी, जिसका रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया है. इस घटना को फ़िलाडेल्फिया एक्सपेरिमेंट (Philadelphia Experiment) के नाम से जाना जाता है. अमेरिकी सेना द्वारा किया गया ये ख़ास तरह का एक्सपेरिमेंट एक समुद्री जहाज़ (लड़ाकू युद्धपोत) को गायब करने के लिए किया गया था, लेकिन इस एक्सपेरिमेंट के परिणाम बेहद हैरान करने वाले थे.

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क्या था Philadelphia Experiment? 

‘द्वितीय विश्व युद्ध’ के दौरान ‘यूएस नेवी’ ने एक सैन्य प्रयोग किया था, जिसे Philadelphia Experiment के नाम से जाना जाता है. इस एक्सपेरिमेंट के दौरान अमेरिकी सेना ने ‘फ़िलाडेल्फिया डाकयार्ड’ पर स्थित 1200 टन वजनी USS Eldridge लड़ाकू युद्धपोत को अदृश्य करने की कोशिश की थी. क्योंकि अमेरिकी सेना के इस जहाज को ‘नाजी सेना’ हर हाल में नष्ट करना चाहती थी. ऐसे में ‘अमेरिकी सेना’ ने ‘नाजी सेना’ को चकमा देने के लिए मशहूर साइंटिस्ट निकोला टेस्ला की मदद ली थी.

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दरअसल, ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ के दौरान समुद्री जहाज़ों को दुश्मनों के लड़ाकु विमानों से छिपाए जाने के तरीके खोजे जा रहे थे. इसी दौरान 1943 में अमेरिकी सेना ने मशहूर साइंटिस्ट निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) की मदद से ‘फ़िलाडेल्फिया एक्सपेरिमेंट’ किया था. इस दौरान ‘USS Eldridge’ लड़ाकू युद्धपोत को गायब करने के लिए जनरेटरों से पैदा होने वाली बिजली से मैग्नेटिक फ़ील्ड (चुंबकीय क्षेत्र) में ऐसा बदलाव किया जाना था, जिससे वो रडार से गायब हो जाए और वास्तविकता में भी नज़र ना आये.

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किस तरह से शुरू किया गया था ये प्रयोग? 

युद्धपोत ‘USS Eldridge’ के चारों तरफ़ कई हज़ार वोल्ट के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉइल बिछाये गये. इसके बाद इन तारों में बिजली प्रवाहित की गयी. इस दौरान जैसे ही इलेक्ट्रिसिटी करेंट की मात्रा 30 लाख वोल्ट के ऊपर जाती हैं जहाज़ के आसपास हरा धुंआ निकलने लगता है. इसके बाद जहाज़ पहले रडार से गायब हुआ और फिर धीरे-धीरे उस हरे धुएं के बीच गायब हो गया. इस दौरान जहाज़ में मौजूद अमेरिकी सैनिक और कर्मचारी भी गायब हो चुके थे. अमेरिकी सेना की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, लेकिन जल्द ही सारी ख़ुशियां मातम में बदल गईं. 

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300 किमी दूर मिला जहाज़ 

अमेरिकी सेना और निकोला टेस्ला जब इस गायब ‘USS Eldridge‘ जहाज़ को वापस लाने की कोशिश करते हैं तो जहाज़ वापस नहीं आता. कई कोशिशों के बाद साइंटिस्ट्स और आर्मी ऑफ़िशियल्स चिंता में पड़ जाते हैं कि आख़िर जहाज़ कहां गायब हो गया? इसी बीच यूएस नेवी की ओर से सूचना मिलती है कि ‘USS Eldridge’ जहाज़ टेस्ट की जगह से 300 किमी दूर नज़र आया है. ये ख़बर सुनकर साइंटिस्ट दंग रह जाते हैं.

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ये जहाज़ टाइम ट्रैवल का शिकार हुआ

कहा जाता है कि निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) का ये प्रयोग बेहद भयानक साबित हुआ था और अमेरिकी सेना का ‘USS Eldridge’ जहाज़ गायब होकर वर्जिनिया पहुंच गया था. ये टाइम ट्रैवल के ज़रिये सन 1943 से सीधे सन 1983 में पहुंच गया था. इस दौरान जहाज़ पर अमेरिकी सेना के कई सैनिक भी सवार थे जो लाश बन गये थे और जो बचे थे वो पागल हो चुके थे. साइंटिस्ट्स को ये समझने में देर नहीं लगती कि ये टाइम ट्रैवल (टेलीपोर्टेशन) था.

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सालों से वायरल इस कहानी की शुरुआत 1955 में हुई थी. ये कहानी एक अनजान लेटर के ज़रिये एक साइंटिस्ट तक पहुंचती है, जो इसे पूरी दुनिया को बताता है. लेकिन सही मायने में ऐसी कोई भी घटना कभी घटी ही नहीं. यूएस आर्मी पहले ही ऐसे किसी भी एक्सपेरिमेंट से साफ़ इंकार कर चुकी है, लेकिन ये आज भी एक अनसुलझी पहेली है. सन 1985 में इस रहस्य पर हॉलीवुड फ़िल्म The Philadelphia Experiment भी बन चुकी है.

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