अमेरिका (America) के न्यू जर्सी (New Jersey) में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो चुका है. ये विशाल मंदिर न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले (Robbinsville) में बना है. 8 अक्टूबर, 2023 को इसका उद्घाटन होने जा रहा है. इस मंदिर को बनाने में 14 साल लगे हैं. इसे अमेरिका में रह रहे 12,500 से भक्तों ने मिलकर तैयार किया है. ये दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से बड़े एरिया में फैला हुआ है.

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बीपीएस स्वामीनारायण संस्था के प्रवक्ता ने बताया, ‘हमारा मानना है कि पश्चिम में भी एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहां केवल हिंदू या भारतीय ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर समुदाय और स्थान का व्यक्ति यहां आ सके. हम चाहते हैं कि सब लोग हिंदू सभ्यता और वसुधैव कुटुंबकम को जान सकें. 8 अक्टूबर को मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है. 18 अक्टूबर से इसे आम लोगों के लिए ओपन कर दिया जाएगा. इसके बाद आम लोग इसके दर्शन कर पाएंगे’.

1- न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले टाउनशिप में बना ये आधुनिक मंदिर 183 एकड़ में फैला हुआ है. ये दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर से दोगुना बड़ा है.

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2- ये भारत के बाहर निर्मित दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. ये कंबोडिया स्थित अंकोरवाट मंदिर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है.

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3- रॉबिन्सविले में स्थित इस मंदिर को प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार बनाया गया है. इसमें 10,000 मूर्तियों एवं प्रतिमाओं स्थापित की गई हैं.

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4- इस मंदिर का निर्माण बीपीएस स्वामीनारायण संस्था की ओर से कराया गया है. इसके निर्माण में 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने मदद की.

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5- इस आधुनिक मंदिर में भारतीय संगीत और कला के साथ-साथ भारत की प्राचीन संस्कृति को नक्काशी कर दिखाया गया है.

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6- रॉबिन्सविले में स्थित अक्षरधाम मंद‍िर को इस तरह से ड‍िज़ाइन क‍िया गया है क‍ि इसे 1000 साल तक कुछ नहीं होने वाला है.

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7- बीपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था.

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8- इस मंदिर को बनाने में ज‍िन 4 प्रकार के पत्थरों को चुना गया है उनमें चूना पत्थर, गुलाबी बलुआ पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट शामिल हैं. ये पत्थर अत्यधिक गर्मी और ठंड का सामना कर सकते हैं.

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9- इस ह‍िंदू मंद‍िर के निर्माण में लगभग 2 मिलियन क्यूबिक फीट पत्थर का उपयोग किया गया. इसे दुनिया भर के विभिन्न स्थलों से लाया गया है.

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10- बुल्गारिया और तुर्की से चूना पत्थर, ग्रीस, तुर्की और इटली से संगमरमर, भारत और चीन से ग्रेनाइट, भारत से बलुआ पत्थर और यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका से अन्य सजावटी पत्थर मंगाया गया है.

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