‘लौह पुरुष’ और ‘भारत का बिस्मार्क’ कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल आज़ाद भारत के निर्माताओं में से एक थे. महात्मा गांधी के साथ मिलकर उन्होंने सत्याग्रह किया और अंग्रेज़ों को देश आज़ाद करने पर मजबूर कर दिया.
सरदार पटेल की ज़िन्दगी से जुड़ी कुछ बातें-
1. जन्मतिथि का नहीं है कोई रिकॉर्ड
वैसे तो 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जन्मतिथि के रूप में मनाया जाता है पर उनकी असल जन्मतिथि पता नहीं है. मैट्रीक के सर्टिफ़िकेट पर यही तारीख लिखी है और इसी को उनकी जन्मतिथि मान लिया गया है.
2. 22 की उम्र में की थी 10वीं पास
पटेल ने 22 साल की उम्र में 10वीं पास की थी. उन्होंने नादियाड, पेटलाड और बोरसाड के स्कूलों में पढ़ाई की.
3. 36 महीने का कोर्स 30 महीने में ख़त्म किया
36 की उम्र में पटेल लंदन गए, वक़ालत की पढ़ाई करने. वहां उन्होंने Middle Temple Inn में दाखिला लिया. 36 महीने का कोर्स टॉप क्लास में 30 महीनों में ही पास कर लिया. इससे पहले पटेल के पास कोई कॉलेज की डिग्री नहीं थी.
4. जन्म और स्वभाव दोनों से ही किसान
पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था और वे झांसी की रानी के सेना में भी थे. वे अपने पिता के साथ खेतों में काम करते और महीने में पूरे 2 दिन उपवास रखते. पटेल के दिल में किसानों के लिए हमेशा दया-माया थी.
5. तीन बार मौत को दी मात
(1)गुजरात में Bubonic Plague फैला हुआ था. पटेल के एक अज़ीज़ दोस्त को भी ये रोग हो गया. पटेल अपने दोस्त के साथ रहे और देखभाल की और उन्हें भी ये रोग हो गया. पटेल अपने परिवार से अलग हो गए और नाडियाड के एक मंदिर में रहने लगे. पूरी तरह ठीक होने के बाद ही वो लौटे. इस Plague ने चीन और भारत में 12 मिलियन लोगों की जान ले ली थी.
6. आरएसएस पर पाबंदी लगाने के पक्षधर
आज़ाद भारत के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री पटेल आरएसएस संस्था पर पाबंदी लगाना चाहते थे. इस बात को वो कई बार प्रेस के सामने कहते थे.
7. पत्नी की मृत्यु की ख़बर मिलने पर भी अदालती कार्रवाई नहीं रुकवाई
पटेल ने 33 की उम्र में अपनी पत्नी को खो दिया पर कभी पुनर्विवाह नहीं किया. पटेल कोर्ट में एक केस पर अपनी दलीलें पेश कर रहे थे और तभी उन्हें पत्नी के मरने की सूचना मिली. पटेल ने नोट को पढ़कर जेब में रखा. केस पर दलीलें जारी रखी, केस जीता और इसके बाद कोर्ट को दुखद समाचार दिया.
8. गांधी के कहने पर त्यागा प्रधानमंत्री पद
1946 में कांग्रेस इलेक्शन में 16 में से 13 स्टेट्स ने पटेल को प्रेसिडेंट चुना. प्रधानमंत्री पद के लिए वे नेहरू से कही ज़्यादा आगे थे. गांधी के कहने पर पटेल ने प्रधानमंत्री पद का त्याग किया.
9. 500 से ज़्यादा रियासतों को जोड़ा
सिर्फ़ 3 साल में पटेल ने भारत की 500 से ज़्यादा रियासतों को जोड़कर भारतवर्ष का निर्माण किया.
10. IAS को बनाने में थी अहम भूमिका
IAS (Indian Civil Services) को बनाने में पटेल की अहम भूमिका थी. उनका मानना था कि इतनी विविधताओं वाले देश में सशक्त ब्यूरियोक्रेसी की बहुत ज़रूरत है. अंग्रेज़ों ने ICS (Indian Civil Servants) को अपने मतलब के लिए बनाया था, पटेल ने उसे देशहित में ढाला.
सरदार पटेल हमेशा हर भारतीय के दिल में रहेंगे.