जितना गहरा विश्व इतिहास है, उससे कहीं ज़्यादा गहरे उसके राज़. ज़मीन में हज़ारों साल से दफन ये रहस्य आज भी जब पुरातत्व विभाग के प्रयासों से दुनिया के सामने आते हैं, तो हमारी आंखें आश्चर्य से चौड़ी हो जाती हैं. कई सवालों के जवाब हमें वैज्ञानिकों और पुरातत्त्वविदों ने दिए हैं, तो कई के पुराणों ने. दिन-प्रतिदिन नई खोज के साथ हमारी जिज्ञासा भी बढ़ती है और हैरानी भी. ये हैं इतिहास के कई ऐसे राज़, जो दुनिया को चिढ़ा रहे हैं और कह रहे हैं, बूझो तो जानें.

1. कंबोडिया के मिट्टी के टीले

b’Screenshot’

2016 में पुरातत्व विभाग ने कंबोडिया में हज़ारों गुंबद जैसे मिट्टी के टीलों की खोज की. ग्रिड के आकार में इन टीलों को लगभग 1000 साल पुराना माना जा रहा है. इन्में ​से कुछ घमाव दार आकार में भी फैले हुए हैं. हैरानी इस बात की हैं कि ये सदियों से कंबोडिया के जंगल के नीचे छिपे रहे और उस वक्त दिखे जब शोधकर्ताओं ने लेज़र तकनीक से जंगल को स्कैन किया. वैज्ञानिक इस सवाल से जूझ रहे हैं कि खमेर साम्राज्य ने इसे क्यों बनवाया होगा और वो भी कंबोडिया के मंदिरों के इर्द-गिर्द.

https://www.youtube.com/watch?v=vA2q2eOaXUI

2. कज़ाकिस्तान के Steppe Geoglyphs

Messagetoeagle

Geoglyphs ज़मीन पर बने बड़े डिज़ाइन होते हैं, लगभग 300 से 1300 ​मीटर बड़े जो पत्थरों, पेड़ या चट्टानों को मिला कर बनते हैं. दुनियाभर में पेरू की Nazca Geoglyphs बहुत मशहूर हैं. लेकिन कुछ सालों पहले पुरातत्व में रुचि रखने वाली Dmitriy Dey को Google Earth पर Pyramid खोजते वक्त अचानक कज़ाकिस्तान के Geoglyphs मैदान दिख गए. Geoglyphs मैदान में करीब 200 विशाल छल्ले, चौकोर और मिट्टी की लाइन जैसे टीले दिखते हैं. ये एक मीटर ऊंचे और 12 मीटर चौड़े हैं. ये किस सभ्यता के हैं, इसका कोई अंदाज़ा नहीं है. ये उत्तरी कज़ाकिस्तान के Turgai क्षेत्र में दिखते हैं. इसके विशाल आकार की वजह से ये पूरी तरह सिर्फ़ अंतरिक्ष से ही दिखते हैं. Steppe Geoglyphs इतने आकर्षक हैं कि NASA ने इसका रहस्य खोज निकालने का बीड़ा उठा लिया है.

3. लेपाक्षी का ‘The Hanging Pillar’

हमारा देश भी रहस्यों का गढ़ है. 16वीं शताब्दी में बना लेपाक्षी मंदिर आज की इंजीनियरिंग को चुनौती देता है. इस मंदिर में 69 कॉलम हैं और एक आश्चर्यजनक खंभा, जो ज़मीन को नहीं छूता बल्कि छत से लटका हुआ है. टूरिस्ट गाइड के लिए लोगों को आकर्षित करना बहुत ही आसान होता है, जब वो इसके नीचे से अखबार या कोई कागज़ निकालते हैं. इस मंदिर को दो भाइयों वीरन्ना और विरुपन्ना ने 1583 में, दक्षिणी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में बनवाया था. इंजीनियर्स आज भी इस खंभे का लोहा मानते हैं. इसका राज़ खोजने की कोशिश कुछ ब्रिटिश इंजीनियर्स ने भी की, पर गुरुत्वाकर्षण को चुनौती दे रहे इस खंभे का राज़ जानने में असफल रहे.

4. जॉर्डन की Khatt Shebib

जॉर्डन में लगभग 150 किलोमीटर तक फैली इस दीवार के इतिहास के बारे में किसी को नहीं पता. इस दीवार की खोज गलती से 1948 में, Sir Alec Kirkbride, द्वारा हुई थी, जब वो अपने प्लेन में घूम रहे थे. उन्होंने देखा कि जॉर्डन में एक दीवार बेमतलब 150 किलोमीटर तक फैली हुई है. दशकों से वैज्ञानिक इसके पीछे का इतिहास जानने के लिए जूझ रहे हैं. इसकी लम्बाई 1 मीटर और चौड़ाई 0.5 मीटर है, इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये जंग और दुशमनों के लिए नहीं बनी थी. हो सकता है कि इसे बंजारों और​ किसानों को अलग-अलग करने के लिए बनाया गया हो. पुरातत्व विभाग का अंदाज़ा है कि इसे Nabataean के समय (312 BC–AD 106) और Umayyad के समय (AD 661–750) के आस-पास बनाया गया होगा.

5. इजराइल के Nitzana, Haluza और Shivta

दक्षिण इजराइल के शहर Nitzana, Haluza और Shivta को माना जाता है कि ये यहां के व्यापारिक और सांस्कृतिक केन्द्र थे. पर अचानक ये पूरी तरह यहां से गायब हो गए. हैरानी की बात ये है कि यहां के निवासियों ने अपने घर इतने तरीके से सील किए थे, जिसे देख कर लग रहा था कि वो वापस आएंगे, पर वो नहीं आए. यहां की बेहतरीन सड़कों को देख कर लगता है कि वो यहां बसना चाहते थे, पर ऐसा हुआ नहीं. पुरातत्व विभाग आज भी इसका राज जानने के लिए परेशान हैं कि आखिर क्यों पूरा शहर ये जगह छोड़ कर चला गया. कुछ इसके पीछे का कारण मौसम में बदलाव, प्लेग या मुस्लिम आक्रमण भी बताते हैं.

6. फिलीपींस के Ifugao Rice Terraces

Ifugao Rice Terraces कितने साल पुराने हैं, इस बात पर सदियों से बहस होती आ रही है. ये फिलीपींस का सबसे मूल्यवान सांस्कृतिक और पुरातात्विक स्थान है. 1995 में UNESCO ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया था. अमेरिकी मानव वैज्ञानिक, हेनरी ओटले बेयर और रॉय एफ. बर्टन इसे 2000 से 3000 साल पुराना बताते हैं. इससे परे फिलीपींस के मानव वैज्ञानिक Stephen Acabado इसे 400 से 500 साल पुराना बताते हैं.

7. जॉर्डन के Big Circles

Dailymail

Khatt Shebib के अलावा जॉर्डन के विशाल घेरे भी यहां का बड़ा रहस्य हैं. ये पत्थर की दीवार ज़्यादा ऊंची नहीं है, पर लगभग 400 मीटर लम्बी है. इसकी खोज 1920 में हुई थी, पर हाल ही में ऊपर से ली गई इसकी फोटो हर जगह वायरल हो गई. ये विशाल घेरा कहीं से खुला नहीं है. इसमें घुसने के लिए लोगों को दीवार से छलांग लगानी पड़ती थी. इसे किसने और कब बनाया, इसके बारे में किसी को नहीं पता. आस-पास की कलाकृतियों को देख कर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि ये लगभग 2000 साल पुराना है.

https://www.youtube.com/watch?v=BW-pLQMVNX4

8. चीन के Baigong Pipes

Befireitnews

चीन के Qinghai Province की तीन गुफाओं में वैज्ञानिकों ने अनगिनत पाइप पाए हैं. रहस्यमयी बात ये है कि ये Mount Baigong के पास के पिरामिड में पाए गए हैं. इनमें से कुछ का आकार तो बहुत बड़ा है और कुछ का सुई जितना छोटा. इन्हें पहली बार देखने पर ये किसी आम पाइप जैसे ही ​दिखेंगे, पर वैज्ञानिकों के हिसाब से ये 1.5 लाख साल पुराने हैं. यहां 30 हज़ार साल पहले लोग रहते थे. वैज्ञानिकों ने इस गुत्थी को ये बता कर और उलझा दिया ये बता कर कि इस पाइप में लगे 8 प्रतिशत मटीरियल का अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता. साल 2007 में चीन के वैज्ञानिक ने ये दावा किया कि ये पाइप रेडियोएक्टिव हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=bSCDfclg1hI

9. किर्गिज़स्तान में St. Matthew की कब्र

साल 2015 में Tomsk State University के छात्रों ने खोजा कि Issyk-Kul झील में एक प्राचीन सभ्यता जलमग्न हो चुकी है. ये झील दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी झील है और कैस्पियन सागर के बाद दुनिया की सबसे बड़ी नमकीन झील. रिसर्चर्स ने यहां 200 कलाकृतियां पाई थीं, जिसमें एक बड़ा चीनी मिट्टी का बर्तन भी था. इसमें अर्मेनियाई और सीरियाई लिपियां मिली थीं. इससे St. Matthew के अंतिम संस्कार की जगह का साफ पता चलता है. कैथलिक मान्यतानुसार St. Matthew को इटली के Salerno Cathedral में दफनाया गया था, जबकी दूसरी तरफ वहां रूढ़िवादी चर्च के अनुयायी मानते हैं कि St. Matthew के अवशेष अर्मेनियाई मठ में स्थित Issyk-Kul झील में रखे गए हैं. इनके अनुयायी के मुताबिक, St. Matthew के निधन के बाद रोमन उत्पीड़न बचने के लिए उनके पार्थिक शरीर को सीरिया से किर्गिज़स्तान ले ​आया गया था.

10. सऊदी अरब के स्टोनहेंज

सऊदी अरब के इन स्टोनहेंज को Al-Rajajil भी कहते हैं, जिसका मतलब होता है आदमी. इन पत्थरों में कई रहस्य छिपे हैं. Al-Jouf के कई स्टोनहेंज गिर चुके हैं और कई आज भी टेढ़े खड़े हैं. इनको बनाने वालों ने इन्हें 54 ग्रुप में संगठित किया था, एक ग्रुप में दो से 19 पत्थर के खंभे हैं. आमतौर पर आपको इनमें कुछ खास नहीं दिखेगा, लेकिन ऊपर से देखने पर आपको ये सूर्योदय और सूर्यास्त की एक सीध में दिखेंगे. वैज्ञानिकों को इसके इतिहास के बारे में नहीं पता, वो नहीं जानते कि इसे किसने बनाया और क्यों बनाया. ये धार्मिक कार्य के लिए नहीं हैं क्योंकि यहां किसी तरह का चढ़ावा नहीं पाया गया. पुरातत्व विभाग का मानना है कि इसे खगोलीय या राजनीतिक कारणों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा होगा.

इन रहस्यों को ​​खुद के दिल में न दफना लीजिए, इन्हें शेयर करें और अगर कोई सवाल हो तो कमेंट करें, हमारे पास जवाब होगा तो ज़रूर देंगे.