पोलैंड की 11 साल की एक लड़की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर मां के भारत लौटने की गुहार लगाई है.

दरअसल, एलिज़ा वानात्को 6 साल की उम्र में अपनी मां के साथ भारत आईं थी. तभी से वो गोवा के एक स्कूल में पढ़ाई करने लगी. एलिज़ा की मां Marta Kotlarska पोलिश कलाकार और फ़ोटोग्राफ़र हैं, जो भारत में B2B वीजा पर रह रहीं थी. वीज़ा में गड़बड़ी के चलते उनको ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. इस वजह से वो भारत नहीं आ पा रही हैं.
Marta ने ही एलिज़ा के इस पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर किया है-
the letter my daughther who is out of school due to lack of action from MHA officers has written to Honoreable Prime Minister of India for help in our case @narendramodi pic.twitter.com/PVIolpD9Ez
— Marta Kotlarska (@KotlarskaMarta) June 2, 2019
एलिज़ा कहती हैं कि, ‘मेरी मां 24 मार्च 2019 को भारत में फिर से प्रवेश नहीं कर पाई. हमें ज़्यादा दिनों तक रुकने के कारण ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. मैं इस समय अपनी मां के साथ ही हूं, लेकिन मैं इंडिया को बहुत मिस कर रही हूं. भारतीय नहीं होने के बावजूद इंडिया मेरा घर है. मैं अपने स्कूल जो गोवा में है, उसे भी बहुत मिस कर रहा हूं. मैं और मेरी मां भारत वापस आकर फिर से पहले वाली ख़ुशनुमा ज़िंदगी जीना चाहते हैं.

एलिज़ा ने आगे लिखा, ‘कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया है. मैंने आपको (पीएम मोदी) ये पत्र लिखने का फ़ैसला इसलिए किया है क्योंकि आप सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं, जो हमें भारत मेरे घर वापस आने में मदद कर सकते हैं. कृपया हमारी मदद करें और हमें इस ब्लैकलिस्ट से हटा दें’.

Marta ने ट्वीट कर कहा कि ‘मैं पिछले काफ़ी समय से भारत वापसी के संबंध ने भारतीय विदेश मंत्रालय को ईमेल लिख रहीं हूं, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिल रहा है. मेरी बेटी 25 अप्रैल से स्कूल नहीं जा सकी है. हमारे भारत लौटने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए ताकि मेरी बेटी की पढ़ाई बर्बाद न हो.

दरअसल, उत्तराखंड के ‘विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय’ द्वारा उन्हें ज़्यादा दिनों तक भारत में रुकने के कारण ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था. वो भारतीय वीज़ रिन्यू कराने के लिए श्रीलंका भी गयीं, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने उन्हें बेंगलुरू एयरपोर्ट से वापस लौटा दिया.
इन दिनों एलिज़ा अपनी मां के साथ कंबोडिया में रह रही हैं और भारत वापस आने की कोशिश में लगी हुई हैं.