भारत अपनी सभ्यता, संस्कृति, धर्म, कला और योग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत अपनी ऐतिहासिक विरासतों के लिए विश्वप्रसिद्ध है. यही कारण है कि यूनेस्को द्वारा भारत की कुल 36 जगहों को वर्ल्ड हैरिटेज की श्रेणी में रखा गया है.
आज हम आपको भारत के ऐसी ही 12 विश्व धरोहरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो क़रीब 500 साल या उससे भी ज़्यादा पुरानी हैं-
1- आगरा फ़ोर्ट (सन 1565)
16वीं शताब्दी में निर्मित ‘आगरा का किला’ को भी यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है. ये शानदार किला ताजमहल से लगभग 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये हमें लालकिले की याद दिलाता है. मुगल बादशाह बाबर, हुमायुं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगज़ेब ने यहीं से पूरे भारत पर शासन किया था.
2- मेहरानगढ़ फ़ोर्ट (सन 1459)
मेहरानगढ़ किला राजस्थान के जोधपुर शहर में है. ये 500 साल से भी ज्यादा पुराना और सबसे बड़ा किला है. इस किले को राव जोधा ने बनवाया था. इस किले में कुल 7 गेट हैं. हर गेट राजा के किसी युद्ध में जीतने पर स्मारक के तौर पर बनवाया गया था.
3- कोणार्क का सूर्य मंदिर (सन 1250)
13वीं शताब्दी में बना कोणार्क का सूर्य मंदिर ओडिशा में स्थित है. अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध ये ख़ूबसूरत मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है. प्राचीन काल की कहानियों को दर्शाते हुए यहां पत्थरों पर अद्भुत नक्काशी की गई है. इस मंदिर को गौर से देखने पर ऐसा लगता है मानो 7 घोड़ों और 12 जोड़ी पहियों वाला कोई विशाल रथ ही खड़ा हो.
4- रानी की वाव (सन 1063)
11वीं शताब्दी में निर्मित ‘रानी की वाव’ गुजरात के पाटण में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी (सीढ़ीदार कुआं) है. 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया. सन 1063 में रानी उदयमती ने इसे अपने पति और सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की याद में बनवाया था.
5- मुंडेश्वरी देवी मंदिर (625 सी.ई)
बिहार में स्थित मुंडेश्वरी देवी मंदिर को भारत का सबसे पुराना मंदिर कहा जाता है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार यह मंदिर 625 सी.ई में साका युग में बनाया गया था. ये एक दुर्लभ अष्टकोणीय संरचना है. इसे नगरा वास्तुशिल्प का एक बेहतरीन नमूना माना जाता है.
6- हुमायूं का मक़बरा (सन 1569)
सन 1569-70 में निर्मित हुमायूं का मक़बरा दिल्ली में स्थित है. ये मक़बरा मुग़ल वास्तुकला का प्रतीक है. इस ख़ूबसूरत मक़बरे का निर्माण लाल बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट के साथ सफ़ेद संगमरमर से किया गया है. इस मकबरे की आश्चर्यजनक वास्तुकला विश्व के सात अजूबों में से एक ‘ताज महल’ के डिज़ाइन से मिलती जुलती है.
7- खजुराहो के मंदिर (950 ए.डी)
मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित ‘खजुराहो’ अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये जाना जाता है. यहां बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं जो अपनी अद्भुद वास्तुकला के दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. यहां लक्ष्मी मंदिर, वराह मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, कंदरिया महादेव मंदिर, सिन्ह मंदिर, देवी जगदम्बा मंदिर, सूर्य (चित्रगुप्त) मंदिर, विश्वनाथ मन्दिर, बेहद प्रसिद्ध हैं.
8- ग्वालियर का क़िला (सन 1486)
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित इस क़िले को राजा मानसिंह तोमर ने बनवाया था. शानदार कला-कृतियां, दीवारों प्राचीन नक्काशी और शिल्पकारी की वजह से ये किला बेहद खूबसूरत दिखाई देता है. 15वीं शताब्दी में बना गूजरी महल उनमें से एक है जो राजा मानसिंह और गूजरी रानी मृगनयनी के प्रेम का प्रतीक है.
9- महाबलीपुरम के स्मारक (7वीं सदी)
चेन्नई से करीब 55 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में स्थित महाबलीपुरम मंदिरों के शहर के नाम से प्रसिद्ध है. तमिलनाडु का ये प्राचीन शहर अपने भव्य नक्काशी, पत्थरों को काटकर बनाये गए मंदिरों, गुफ़ाओं और समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है. द्रविड़ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध ये शहर 7वीं सदी में पल्लव राजाओं की राजधानी हुआ करता था.
10- सांची स्तूप (3rd सेंचुरी)
सांची मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले में बेतवा नदी के तट स्थित एक छोटा सा गांव है. सांची अपने प्राचीन बौद्ध स्मारकों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. ये स्मारक तीसरी सदी से लेकर बारहवीं सदी के बीच के बताये जाते हैं. यहां छोटे-बड़े अनेकों स्तूप हैं जिन्हें प्रेम, शांति, विश्वास और साहस का प्रतीक माना जाता है. सांची के मुख्य स्तूप को सम्राट अशोक ने बनवाया था.
11- ताज महल (सन 1632)
आगरा स्थित ‘ताज महल’ को मुग़ल बादशाह शाहजहां ने सन 1632 में अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था. हालांकि, इस किले को 500 साल तो नहीं हुए हैं लेकिन जब भी विश्व धरोहरों की बात की जाती है तो ताजमहल का नाम सबसे ऊपर होता है. सन 1983 में ताजमहल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना.
12- लाल क़िला (सन 1639)
लाल क़िले को मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था. इस किले को ‘लाल किला’ इसकी दीवारों के लाल रंग के कारण कहा जाता है. इस ऐतिहासिक क़िले को साल 2007 में युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के लिए चयनित किया गया था.
तो दोस्तों आगे के भाग में आप किन भारतीय ‘वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स’ के बारे में जानना चाहते हैं?