बिहार से अलग होकर झारखंड की राजधानी बने रांची को 18 साल हो गए हैं. जो लोग यहां से हैं, वो जानते हैं कि रांची में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का घर होने के अलावा भी बहुत कुछ है. फिर चाहे यहां के पहाड़ों से दिखती शहर की सुंदरता हो, या फिर यहां रहने वाले आदिवासी. इसकी यही छोटी-छोटी चीज़ें रांची को ख़ास बनाती हैं. चलिए इनके ज़रिये आज रांची की सैर कर लेते हैं.
उदय और पंजाब स्वीट हाउस में नाश्ता करना
रांची घूमने की शुरुआत आप यहां बनने वाले पकवानों को टेस्ट कर करनी चाहिए. इनकी ख़ूशबू आपको मीलों दूर से यहां खींच लाती है. ख़ासकर यहां बनी पूरी-सब्ज़ी और जलेबी का कोई जवाब ही नहीं.
पतरातू घाटी में बाइक राइड करना
पतारातू घाटी की चौड़ी सड़कों पर बाइक राइंडिगं का अपना अगल ही मज़ा है. यहां की प्राकृतिक और खुली वादियों को अब तक कई फ़िल्मों में भी दिखाया जा चुका है.
हर मोहल्ले में क्रिसमस की धूम
यहां के हर टोले में क्रिसमस की धूम दो सप्ताह पहले ही दिखाई देने लगती है. इस दौरान लगने वाले मेले में शहर के उत्सव मोड में होने की झलक दिखाई देती है. हर गली के कोने पर कबाब और केक के ठेले दिल लुभाने के लिए काफ़ी हैं.
Audrey House
अगर आप आर्ट के दिवाने हैं तो आपको Audrey House ज़रूर जाना चाहिए. शहर के सभी युवा आर्टिस्ट अपनी कला का प्रदर्शन यहां करते हैं. .
Nepal House
नेपाली मोमोज़ खाने हों, तो आपको यहां ज़रूर जाना चाहिए. यहां के मोमोज़ स्वादिष्ट होने के साथ ही आपके जेब का भी ख़्याल रखते हैं.
धुर्वा बांध
अगर आप कुछ पल शांति के साथ बिताना चाहते हैं, तो धुर्वा बांध से अच्छी जगह कोई नहीं हो सकती. यहां आकर आप प्रकृति की शांति को अपने अंदर महसूस कर सकते हैं.
मोरहाबादी मैदान
मोरहाबादी मैदान में आए दिन कोई न कोई मेला लगा ही रहता है. यहां जाकर आप रांची के मशहूर पकवानों का आनंद ले सकते हैं, नहीं तो अपने लिए शॉपिंग भी कर सकते हैं.
टैगोर पहाड़ी
यहां से शहर का मनोहारी दृश्य देखने को मिलता है. कहते हैं कि रविन्द्रनाथ टैगोर ने गीतांजली कुछ कविताएं यहीं पर लिखी थीं.
जगन्नाथ मंदिर
17वीं शताब्दी में बना ये मंदिर रांची से 10 किलोमीटर दूर जगन्नाथ पहाड़ी पर स्थित है. इसे बड़कागढ़ जगन्नाथपुर रियासत के राजा एनी देव ठाकुर ने बनवाया था. इस मंदिर में हर साल पुरी जगन्नाथ मंदिर की तरह ही रथ यात्रा निकाली जाती है.
पहाड़ी मंदिर
ये देश का एकमात्र मंदिर हैं जहां स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा फहराया जाता है. भगवान शिव के इस मंदिर में आज़ादी से पहले अंग्रेज़ स्वतंत्रता सेनानियों को फ़ांसी दिया करते थे.
झरने
प्रकृति ने रांची को झरनों से भी सुशोभित किया है. इनमें हुन्डरू, जोन्हा और दसम प्रमुख हैं. इनमें से जोन्हा बहुत ही ख़ास है. यहां झरने के साथ ही भगवान बुद्ध के मंदिर के दर्शन करने का भी अवसर मिलता है.
नेतरहाट
क्वीन ऑफ़ छोटा नागपुर के नाम से पूरी दुनिया में फे़मस है ये हिल स्टेशन. यहां लोग अपनी भागदौड़ भरी ज़िंदगी से कुछ सुकून के पल बिताने आते हैं. यहां मंगोलिया पॉइंट से सूर्योदय का शानदार नज़ारा देखने को मिलता है.
अल्बर्टा एक्का चौक
अल्बर्टा एक्का चौक पर अकसर लोग इंडियन क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाने आते रहते हैं. इस जश्न में शामिल होना एक अलग ही एहसास कराता है.
रामू की चाट
शहर घूमने के बाद अगर शाम को कुछ चटपटा खाने का मन करे तो रामू की चाट से बेहतर ऑप्शन नहीं हो सकता. रामू का परिवार पिछली दो पीढ़ियों से स्वादिस्ट चाट लोगों को खिलाता आ रहा है.
तो कब जा रहे हैं रांची?