क्या होता है जब किसी इंसान को परम ज्ञान की प्राप्ति होती है? उसके बात करने का, उसके रहने का और उसके व्यवहार करने का हाव-भाव बदल जाता है. अंतर्ज्ञान या परमज्ञान, वो गूढ़ ज्ञान होता है, जो काफी ध्यान और लगन से प्राप्त होता है. कई लोग इसे सहज ज्ञान भी कहते हैं और ऐसे आदमी को सहज ज्ञानयुक्त व्यक्ति भी कहा जाता है. कई लोग ऐसे लोगों को अंतर्ज्ञानी या परमज्ञानी भी कहते हैं, क्योंकि उनमें ऐसी काबिलियत उत्पन्न हो जाती है, जिससे वो अपने अंदर की आवाज़ सुन कर स्थिति को भांप लेते हैं.

कुछ जानकार ऐसा भी मानते हैं कि सबके मन में एक ऐसी खिड़की होती है, जो किसी दूसरी दुनिया में खुलती है. ऐसे अद्भुत ज्ञान को पाने वाले लोग इस खिड़की को खोल कर दूसरी दुनिया में जाने का रास्ता पा लेते हैं. अगर आप जानना चाहते हैं कि ऐसे लोगों को कैसे पहचानें या कैसे ये पता लगाया जाए कि ये आदमी अपने अंदर का ज्ञान स्फुटित कर चुका है या नहीं?

इन 13 लक्षणों से आप पता लगा सकते हैं कि सहज ज्ञानयुक्त व्यक्ति कौन है?

1. ऐसे लोग अपने अंदर की आवाज सुनते हैं और उसका पालन करते हैं.

ऐसे लोग जो भी काम करते हैं, उसके लिए किसी और की सलाह नहीं लेते. ये लोग अपने अंदर की आवाज़ सुनते हैं. अपने अंदर की आवाज़ का ये नियमित पालन करते हैं और फिर इस सलाह पर कोई प्रश्न नहीं करते.

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2. ये लोग अपने आस-पास के लोगों का बारीकी से विश्लेषण करते हैं.

ये लोग विश्लेषण करने के बाद ही किसी व्यक्ति या बात के निष्कर्ष पर पहुंचते हैं. साथ ही साथ ये लोग वातावरण और मौसम को भी लगातार विश्लेषित कर रहे होते हैं. विश्लेषण करने का मुख्य उद्देश्य ये होता है कि ये उसके आधार पर अपना निर्णय लेते हैं.

3. अपने सपनों का अध्ययन करते हैं.

जैसे हम और आप सोते वक़्त जो सपने देखते हैं, उसे सुबह उठते भी भूल जाते हैं. पर सहजज्ञान की ओर कदम बढ़ा चुका व्यक्ति अपने सपनों पर ध्यान देता है. उनको पता होता है कि ज्ञान शांत और अशांत दिमाग में फ़र्क करना जानता है.

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4. उन्हें अपनी भावनाओं पर नियंत्रण होता है.

वैसे सुनने में थोड़ा मुश्किल लगता है, पर ज्ञान की प्राप्ति के बाद ये संभव है. ज्ञानी मनुष्य अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से समझ सकता है और उन पर नियंत्रण भी कर सकता है. वो बस भावनाओं को महसूस ही नहीं करते, बल्कि ये सोचते हैं कि ये भावना उनसे क्या कहने की कोशिश कर रही है.

5. वर्तमान में जीना पसंद करते हैं.

ऐसे लोग अपने जीवन में बिलकुल वास्तविक होकर जीना पसंद कर सकते हैं. अपने ज्ञान के कारण वो अपनी पुरानी यादों को और सोच को रोक सकने की क्षमता रखते हैं. इसलिए वर्तमान में आज पर फोकस करना इनके लिए मुश्किल नहीं होता.

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6. ये लोग बहुत आशावादी होते हैं.

किसी काम में विफलता के बाद हम उसके पूरा होने का सपना लगभग छोड़ ही देते हैं, पर ऐसे लोग बहुत आशावादी होते हैं और अंतिम समय तक काम पूरा हो जाने का प्रयास करते रहते हैं. ये लोग अपनी गलतियों से निराश नहीं होते, बल्कि उनसे सीखते हैं.

7. उनका उद्देश्य बहुत मजबूत होता है.

कहा जाता है कि अपने लक्ष्य ऐसे बनाओ कि उन्हें हासिल करने की क्षमता हो. पर ऐसे लोगों के जीवन के लक्ष्य बहुत ही जटिल और अबूझ होते हैं. हालांकि उन्हें हासिल करना उनके लिए भी मुश्किल होता है, पर जैसा कि हम जानते हैं कि ये लोग आशावादी होते हैं.

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8. ये लोग गहन चिंतन करते हैं.

आप सोचते होंगे न कि जिनके ज्ञान के सारे द्वार खुल चुके हैं, उन्हें किसी काम को करने के लिए या कोई समाधान ढूंढने के लिए कम सोचना पड़ता होगा, पर यकीन कीजिए ऐसे लोग बहुत गहन चिंतन करते हैं. इनका मानना होता है कि गहन चिंतन किसी भी समस्या का हल खोजने में बहुत लाभकारी होता है.

9. ये आंखों से परे भी देखने की क्षमता रखते हैं.

ब्रह्माण्ड हमें समय-समय पर ऐसे इशारे देता है, जिसको हम समझ नहीं पाते. पर ज्ञान की राह पर बढ़ चुके लोग ऐसे इशारों को गंभीरता से लेते हैं. उनका मानना है कि जो आंखों से दिखाई देती है, उसके परे भी एक दुनिया है.

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10. ऐसे लोग महसूस कर लेते हैं कि आप क्या सोच रहे हैं?

ज़रा सावधान रहिएगा ऐसे लोगों से, क्योंकि इनमें ये ख़ासियत होती है कि ये भांप लेते हैं कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है. ये अन्य लोगों के दिमाग को पढ़ने की काबिलियत रखते हैं.

11. ये दूसरों का विश्वास आसानी से जीत लेते हैं.

चूंकि ये आपके दिमाग को पढ़ सकते हैं, इससे ये आसानी से आपकी ज़रूरत समझ लेते हैं. फिर आपका विश्वास जीतना इनके लिए बहुत आसान होता है. ये बता सकते हैं कि आप कितना खुल के पेश आ रहे हैं.

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12. ऐसे लोग बहुत रचनात्मक होते हैं.

इनकी सोच में एक अलग काल्पनिक दुनिया भी होती है, जिस वजह से इनकी रचनात्मकता का स्तर हमसे कहीं ज़्यादा होता है. इसलिए हर विषय पर उनके पास कई विचार और सिद्धांत होते हैं.

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13. मन की शांति के लिए निकालते हैं समय.

इन्हें पता है कि दिमाग को कब विश्राम चाहिए और कब उसका उपयोग सबसे ज़्यादा हो रहा है. ऐसे में अपने आप को संतुलित रखने के लिए ये लोग व्यस्तता के बीच भी समय निकाल कर दिमाग और मन को शांति और विश्राम देना नहीं भूलते.

अब आपको पता चल गया न. बस अगर ऐसे ही लक्षण दिख रहे हैं किसी में, तो समझ लेना कि उसे परम ज्ञान की प्राप्ति हो गयी है.

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