ज़िंदगी का पन्ना जब भी बचपन पर रुका उससे हमेशा कुछ मासूमियत भरा ही दिखा. बचपने में कोई झूठ नहीं होता कोई छल नहीं होता, बस वो बचपन होता है. जिस दोस्त से लड़ाई हुई अगले दो मिनट में दोस्ती हो गई. आज तो अगर गुस्सा भी हो जाओ, तो कोई नहीं आता एक-दूसरे से दोस्ती करने.

gaonconnection

दोस्ती पर जगजीत सिंह की ग़ज़ल की पंक्तियां,

ये दौलत भी ले लो, ये शौहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो बचपन की यादें, वो क़ागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी… एक दम सही है.

momspresso

मैंने जितना अपने आस-पास से देखा मुझे पता चला ज़िंदगी का एक ऐसा पड़ाव है जिस पर सबको दोबारा जाने का मन करता है. इसलिए मैंने लोगों को उनके बचपन की याद दिलाई और पूछ लिया एक सवाल, बचपन में जब रात में लाइट चली जाती थी, तो आप लोग क्या-क्या करते थे?

सबने इस सवाल का टूटकर जवाब दिया, जबकि बदले में उन्हें सिर्फ़ बचपन की यादें मिलाी थीं.  

Life से जुड़े आर्टिकल ScoopwhoopHindi पर पढ़ें. 

Design By: Muskan Baldodia