कैसे मुझे तुम मिल गई, क़िस्मत पे आए न यकीन…. ‘गजनी’ का ये बेहद ख़ूबसूरत गाना सीधे दिल में उतर जाता है. किसी के इश्क़ में हों या न हों, पर इस गीत को आप महसूस कर सकते हैं.

‘तारे ज़मीन पर’ के ‘क्या इतना बुरा हूं मैं मां’ सुनते ही, हर बच्चा अपनी मां को और ज़्यादा Miss करने लगता है.

ये गज़ब के अल्फ़ाज़ निकले हैं प्रसून जोशी की कलम से. ‘ठंडा मतलब कोका कोला’, ये मशहूर जिंगल भी प्रसून जोशी की ही देन है.

हमारे दिल को सुकून पहुंचाने वाले कई गीत लिखे हैं प्रसून ने.

आज नज़र करते हैं, पद्म श्री अवॉर्ड विजेता प्रसून जोशी के लिखे कुछ उम्दा गीतों की चंद पंक्तियां:

कुछ लफ़्ज़ सीधे दिलों तक पहुंचते हैं. कुछ ऐसा ही लिखते हैं प्रसून भी.