मानव शरीर की रचना किसी रहस्य से कम नहीं है. करोड़ों कोशिकाओं से मिल कर बना यह शरीर अपने आप में एक अद्भुत पहेली नज़र आता है. हमारे शरीर में जितनी ज़्यादा हैरान कर देने वाली क्षमताएं पाई जाती हैं, उसी तरह से इस शरीर में अनेक कमियां भी समय-समय पर कुछ लोगों में देखने को मिल जाती है. दिल और दिमाग को हैरान करके रख देने वाली ऐसी ही कुछ अज़ीबोगरीब मेडिकल कंडीशनस के बारे में आज हम बात करते हैं.
1. Tourette’s Syndrome with Coprolalia
यह एक प्रकार का न्यूरोसाइकियाट्रिक डिसऑर्डर होता है. इसमें व्यक्ति का बात करते समय शब्दों के साथ होने वाले शारीरिक हावभावों पर नियन्त्रण नहीं रहता है. जैसे कि बोलते समय अचानक से आंख मारने लगना, छींकने लगना या किसी शब्द का अजीब तरीके से उच्चारण करना आदि.
2. डर्मेटोग्राफिया
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इस बीमारी में शरीर की चमड़ी की इलास्टिसिटी क्षमता प्रभावित होती है. इस डिसऑर्डर से प्रभावित व्यक्ति की चमड़ी पर किसी नुकीली चीज़ से कुछ निशान बनाया जाये या कोई खरोंच उसे आ जाये, तो उसका निशान लगभग 30 मिनट तक उभरा हुआ रहता है. इस डिसऑर्डर को स्किन राइटिंग के नाम से भी जाना जाता है. कुछ लोगों में यह निशान कई दिनों तक भी बने रहते हैं.
3. Ehlers-Danlos Syndrome
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ऊतकों की शारीरिक क्षमता बनाये रखने में शरीर में मौजूद कोलेजन मदद करते हैं. इस डिसऑर्डर की वजह से कोलेजनस में डेफिसियेंसी उत्पन्न हो जाती है. इस वजह से शरीर की त्वचा की इलास्टिसिटी बढ़ जाती है. इसे हाइपरइलास्टिक कहा जाता है. इसके अलावा शरीर के जोड़ों में भी काफ़ी दर्द होता है, इंसान अपने सामान्य काम भी आसानी से नहीं कर पाता है.
4. टिनिटस
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यह बीमारी काफ़ी ज़्यादा इरिटेट कर देने वाली है, इस बीमारी में पीड़ित को 24 घंटे अजीब-अजीब तरह की आवाज़ें सुनाई देती रहती है, जबकि वास्तव में ऐसी कोई आवाज आ ही नहीं रही होती है.
5. अकिनेटोप्सिया
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इस बीमारी में पीड़ित को किसी ऑब्जेक्ट की गति को समझने में दिक्कत होती है. जब कोई चीज़ गति में होती है, तो वो उसे सही से देख नहीं पाता है. लेकिन वो ये ज़रुर समझ जाता है कि वो चीज़ आखिर है क्या. इसे एक न्यूरोसाइकोलॉजिकल डिसऑर्डर माना जाता है. यह वैसे ही है, जब हम किसी फ़िल्म को फ़ास्ट और फॉरवर्ड करके देख रहे होते हैं.
6. Body Integrity Identity Disorder
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यह बीमारी भी काफ़ी अजीब सी है. इसमें पीड़ित को लगता है कि उसके शरीर के कुछ हिस्से उसके ख़ुद के नहीं, बल्कि किसी और के हैं. ऐसा ख़ास कर हाथ और पैरों को ले कर होता है. ऐसे में वह व्यक्ति सोचता है, अगर इन्हें उसके शरीर से निकाल दिया जाये, तो उसे काफ़ी आराम महसूस होगा.
7. सिनेसथिसिया
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ऐसे लोगों में सेन्स को लेकर ओवरलैपिंग होने लगती है. इंसान एक तरह के सेन्स को किसी दूसरी तरह के सेन्स से रिलेट करके देख रहा होता है. ऐसे में लाल रंग उनके लिए तीव्र हो जाता है, तो नीला रंग उन्हें मीठा होने का एहसास देने लगता है. यह भी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है.
8. क्लस्टर हेडएक्स
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यह बहुत ही दर्दनाक डिसऑर्डर है. इसमें दिमाग के किसी एक हिस्से में अचानक से दर्द होने लगता है. यह दर्द उतना खतरनाक होता है, जितना एक मां को बच्चा पैदा करते समय भी नहीं होता है. यह ख़ास तौर पर आंखों के चारों तरफ़ होता है.
9. पॉलैंड सिंड्रोम
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यह बचपन में सही तरीके से शरीर का विकास ना हो पाने की वजह से होता है. इसमें सीने के एक तरफ़ के हिस्से की मांसपेशियां वृद्धि नहीं कर पाती हैं. इस वजह से सीने का एक हिस्सा पिचका हुआ नज़र आता है.
10. ब्रेस्ट हाइपरट्रॉपी
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इस डिसऑर्डर में स्तन के संयोजक उत्तकों में असामान्य रूप से वृद्धि होने लगती है. धीरे-धीरे इनके बढ़ने की गति इतनी तेज़ हो जाती है कि स्तनों का आकार भयानक रूप से बढ़ चुका होता है.
11. Superior Canal Dehiscence Syndrome
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इस बीमारी में इंसान काफ़ी अजीब सी परिस्थिति में रहता है. इस बीमारी में इंसान को अपनी दिल की धड़कनों से लेकर हड्डियों के जॉइंट्स के हिलने तक की भी आवाज सुनाई देती रहती है. कुछ पीड़ितों को तो अपने आंखों को घुमाने पर होने वाली हल्की सी आवाज भी सुनाई देने लगती है.
12. Persistent Genital Arousal Syndrome
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इसे रेस्टलेस जेनाइटल सिंड्रोम भी कहा जाता है. इसमें व्यक्ति का ख़ुद के ऑर्गज्म पर नियन्त्रण नहीं रहता है. कुछ लोगों को तो दिन में 100-100 बार ऑर्गज्म हो जाता है. इन ऑर्गज्म का सेक्सुअल डिज़ायर से कोई लेना-देना नहीं होता है.
13. Trimethylaminuria
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इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर से मछली जैसी बदबू आती रहती है. यह एक तरह का मेटाबोलिक डिसऑर्डर है.
14. Uterus Didelphys
यह डिसऑर्डर 2 हज़ार में से 1 महिला में पाया जाता है. इसमें महिला के शरीर में एक के बजाय दो गर्भाशय बन जाते हैं. कुछ महिलाओं में तो इस डिसऑर्डर की वजह से दो वेजाइना भी बन जाती है.
15. Micturition Syncope
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इसमें पीड़ित पेशाब करने के बाद कमज़ोरी महसूस करने लगता है, कभी-कभी तो वो अपने सेन्स भी भूल जाता है. ऐसा खांसने और छींकने से भी हो जाता है. यह ख़ासकर मर्दों में पाया जाता है, अभी तक इसका कोई ठोस इलाज़ देखने को नहीं मिला है.
16. Factitious Disorder
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इसमें व्यक्ति जान बुझ कर पागल होने की एक्टिंग करने लगता है.
17. Aphantasia
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इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति अपने दिमाग में किसी भी तरह की इमेज़ को नहीं देख पाता है. व्यक्ति अपने दिमाग में किसी तस्वीर की आकृति को सोच ही नहीं पाता है.
18. Epidermodysplasia Verruciformis
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यह एक तरीके का स्किन डिसऑर्डर है. इसमें पीड़ित के हाथ और पैरों पर पेड़ों की तरह शाखाएं निकल आती है. ऐसा लगता है जैसे व्यक्ति कोई चलता फिरता पेड़ बन गया हो.
विज्ञान जिस रफ़्तार के साथ बीमारियों का इलाज़ खोजता जा रहा है, उसी अनुपात में नई-नई बीमारियां भी हमारे सामने आ रही हैं. ऊपर जिन बीमारियों का वर्णन किया गया है, इनके अलावा भी अनेक अजीबोगरीब बीमारियां इंसानी जीवन को प्रभावित करती आई हैं. हमारे वैज्ञानिक लगातार इनका इलाज़ ढूंढने में लगे हुए हैं.