जब बच्चे अपने पेरेंट्स के लिए पहली बार ड्राइंग करके कुछ बनाते हैं तो वो पल उनकी ज़िन्दगी का सबसे ख़ुशनुमा और गौरवान्वित करने वाला होता है. अपने बच्चे द्वारा किये गए काम की तारीफ़ करते पेरेंट्स थकते नहीं हैं. अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, आस-पड़ोस सबके सामने बोलते हैं, ‘मेरे बच्चे ने मेरे लिए ये किया, मेरे लिए ये बनाया.’ भले ही वो पेंटिंग कितनी भी बेकार और भयानक या गन्दी न हो, फिर भी वो उसे घर के फ्रिज पर टांग ही देते हैं. कोई भी घर में आये उसको दिखाना भी नहीं भूलते.

लेकिन आज हम आपको बच्चों द्वारा बनाई गयीं वो पेंटिंग्स दिखायेंगे, जिनको देखने के बाद आप हैरान होने के साथ-साथ ये भी सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि हमारे बच्चे आज के दौर में क्या देखते, समझते और महसूस करते हैं. इनमें से कुछ पेंटिंग्स तो ऐसी हैं जो आपको हतप्रभ कर देंगी.

1. ये पहली ड्राइंग एक बच्चे द्वारा उसके बेबीसिटर के लिए बनाई गई है. इससे साफ़ समझ आ रहा है कि बच्चा क्या कहना चाह रहा है.

2. बच्चे मासूम होते हैं, वो चीज़ों के अच्छे पहलू को तो समझ जाते हैं, लेकिन बड़ों की तरह उसके बुरे पहलू से अंजान होते हैं.

3. ये पेंटिंग गवाह है इस बात की कि10 साल का ये बच्चा क्या महसूस करता है.

4. बच्चे अपने पेरेंट्स को जैसा देखते हैं, वैसे ही करने की कोशिश करते हैं क्योंकि बच्चों के लिए उनके पेरेंट्स उनके सुपरहीरो होते हैं.

5. बच्चे जो ड्राइंग करते हैं वो हर दिन की उनकी लाइफ का ही कोई पल होता है, फिर वो चाहे अच्छा हो या बुरा. जब एक बच्ची ने ये ड्राइंग की होगी, तब वास्तव में वो अपने पापा से खुश नहीं होगी.

6. ये काफ़ी मज़ेदार है. ज़रा सोचिये तब क्या हो जब आपका बच्चा अपनी पहली ड्राइंग में आपको Fart करते हुए दिखाए.

7. कभी-कभी बच्चों द्वारा बनाये चित्रों को देख कर उनके पेरेंट्स का चिंतित होना स्वाभाविक है. जैसा कि ये पेंटिंग देखकर लग रहा है. इस तरह के चित्रों को बच्चों के टीचर्स को दिखा कर उनसे बात ज़रूर करनी चाहिए.

8. जिस भी बच्चे ने ये ड्राइंग बनाई है पक्की बात है कि उसकी कल्पना की क्षमता उसकी उम्र से कहीं अधिक है. लेकिन इस तरह की ड्राइंग इस ओर भी इशारा करती है कि अरेन्ट्स को उनके बच्चों से उनकी इस तरह की कल्पनाओं के बारे में बात भी करनी चाहिए.

9. कई बार बच्चों द्वारा बनाये गए चित्र बड़ों को कुछ ज़्यादा ही आकर्षित करते हैं. अब इस फ़ोटो को देखकर आपको समझ ही आ जाएगा.

10. ये फ़ोटो तो कुछ अलग ही है. बच्चे ने अपनी मम्मी को ही चिड़िया बना कर उड़ा दिया.

11. इस ड्राइंग से ये बात तो साफ़ है कि बच्चों को Star Wars बहुत पसंद होती है तो ज़ाहिर सी बात है कि बच्चों की ड्राइंग में उनके पेरेंट्स भी कुछ उसी अंदाज़ में नज़र आएंगे.

12. जब बच्चा अपने लिए खड़ा होना सीख जाए, वो ही सही समय होता है, इसमें कुछ जल्दी और देर से नहीं होता. जैसा कि इस बच्ची में ये हिम्मत है कि वो आने वाले समय की सच्चाई के बारे में सोच सकती है.

13. बच्चों द्वारा बनाये गए चित्र कई बार भयानक हो सकते हैं, वहीं कई बार साथ ही ये अपने अंदर बहुत सारा दुःख भी समेटे हुए होते हैं.

14. बच्चे अपने भयानक और काल्पनिक दोस्तों के बारे में इतने ज़्यादा सजग होते हैं और उनके असल मानने लगते हैं. ये देखकर उनके पेरेंट्स का हैरान और परेशान होना लाज़मी है. क्योंकि जो उनके बच्चे सोच रहे हैं वो सच नहीं, बल्कि झूठ है.

15. कोई भी कलाकार कहीं न कहीं से शुरुआत करता है, क्यों सही है न? शायद यह अच्छी बात है कि इस ड्राइंग को ‘कैंची’ के लेबल के साथ प्रस्तुत किया गया था, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि स्कूल को इसकी वजह से कुछ शिकायतों का सामना करना पड़ा हो.

16. ये बच्चा और उसके पेरेंट्स कुछ पुराने स्कूल रैप सुन रहे थे, जब बच्चे ने कुछ ऐसा कर दिया कि सब हैरान रह गए.

17. कई बार बच्चों द्वारा बनाये गए चित्र घर और घर के माहौल के बेहद करीब होते हैं. क्या आपको भी लगता है कि ये बच्चा अपने पेरेंट्स को बताना चाह रहा है कि उसको उनके सारे राज़ पता हैं?

18. छोटे भाई-बहन के आने पर बच्चों के लिए एडजस्ट करना मुश्किल हो जाता है. वो अपने पेरेंट्स और भाई-बहनों से दूर होते जाते हैं. उनको लगता है कि कोई ले जाए इन नए मेहमानों को.

19. बच्चों की चित्रकारी की सबसे अच्छी बात होती है कि वो एक दम सच होती है. बच्चों के मन में कोई छल-कपट नहीं होता है वो जो देखते हैं सोचते हैं, वही उनकी चित्रकारी में भी दिखता है.

20. बच्चों में ड्राइंग करने की प्रेरणा कहीं से भी आ सकती है, लेकिन कभी-कभी वो आपको सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि उनके दिमाग़ में उस टाइम क्या चल रहा होता है जब वो ये ड्राइंग कर रहे होते हैं.

ये सभी 20 पेंटिंग्स अपने अंदर एक सच को छुपाये हुए हैं. ये आज का सच बोल रही हैं. इनमें बच्चों की भावनाएं भले ही कच्ची हैं, लेकिन साथ ही वो सच्ची हैं. मेरा मानना है कि ये पेंटिंग्स देखने के बाद आपको समझ ही आ गया होगा कि कई बार बच्चे इतने व्याकुल हो जाते हैं कि वो मर्डर भी कर सकते हैं, वहीं जब वो ख़ुश होते हैं तो उनकी पेंटिंग भी ख़ुशनुमा लगती है. तो अब आप भी अपने बच्चे की गतिविधियों और उनकी ड्राइंग और बाकी कॉपीज़ पर भी ध्यान दीजिये कि कहीं आपका बच्चा भी तो आपसे कुछ कहना नहीं चाहता है लेकिन कह नहीं पा रहा है.