सोशल मीडिया का हमारे जीवन पर कितना प्रभाव है, ये बात किसी से नहीं छिपी है.
मूड अच्छा हो या ख़राब इस पर दोस्तों या Roommate से बातचीत करने से पहले ट्वीट और पोस्ट डाले जाते हैं.
ऑफ़िस से थक कर वापिस आते हुए बहुत कम लोग ही अपने साथ सफ़र करने वालों से बात करते हैं. वे फ़ेसबुक या इंस्टाग्राम स्क्रॉल करके अपनी आंखों को ‘आराम’ देते हैं.
सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक सोशल मीडिया ही एक चीज़ है, जो लोगों की ज़िन्दगी में Constant रहता है. ख़ुश हो तो सोशल मीडिया, दुखी हो तो सोशल मीडिया, भड़ास निकालना हो तो सोशल मीडिया.
बच्चों और बड़ों पर सोशल मीडिया का एक जैसा प्रभाव पड़ता है. बच्चों को शांत करने के लिए बड़े फ़ोन, टैबलेट थमा देते हैं. इस तरह बच्चों को भी तकनीक और मशीनों का आदी बना देते हैं.
सोशल मीडिया किस हद तक हमारी ज़िन्दगी में घुस चुका है इसे बख़ूबी दर्शा रहे हैं ये Illustrations:
1. वीडियो गेम्स का क्रेज़ इतना ज़्यादा है कि लोग चोरी करने लगे हैं
2. Likes, Comments के आधार पर ही लोगों को Judge किया जाता है
3. ज़िन्दगी का हर ज़रूरी पल सोशल मीडिया पर डालना ज़रूरी है.
4. कई किताबों की मृत्यु का ज़िम्मेदार है सोशल मीडिया
5. फ़ेसबुक पर तस्वीर डाल कर लोग अपने Ego को संतुष्ट करते हैं.
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6. दफ़्तर तक जाते समय आस-पास नज़र दौड़ाओ तो हर एक आंख फ़ोन में ही घुसी मिलती है.
7. Date पर जाकर भी लोग एक-दूसरे से नहीं अपने-अपने फ़ोन से ही बातें करते हैं.
8. घर पर आराम करने का मतलब पड़े रहना और Scroll करना.
9. सोशल मीडिया पर अपनी समस्याएं बताना रेडियो पर अपनी समस्याएं बताने जैसा ही है.
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10. पहले खाने से पहले प्रार्थना करते थे, अब खाने से पहले पोस्ट करते हैं.
11. लोगों की निजी ज़िन्दगी भले ही सही न हो, पर सोशल मीडिया पर सब अच्छा ज़रूर दिखना चाहिए.
12. पहले लोग खाना परिवार के साथ खाते थे अब सोशल मीडिया के साथ खाते हैं
13. सारी रात जाग-जागकर Followers ढूंढते रहते हैं.
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14. हर शख़्स अपनी ही दुनिया में मग्न है और नाम दिया गया है ‘सोशल मीडिया’.
15. टीवी पर जो भी दिखाया जाता है, ज़्यादातर लोग उसे सच मान लेते हैं.
16. ट्विटर के बिना तो कुछ लोगों का जीना मुश्किल है.
17. हर तरह का इंसान आपकी ज़िन्दगी की सच्चाई जानता है, Posts को Public रखने का यही तो नतीजा होता है.
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18. जितने ज़्यादा Followers, Friends उतनी ही Popularity.
19. किसी Drugs की तरह ही है सोशल मीडिया.
20. किसी के सामने कुछ भी कहने से पहले सोचना चाहिए कहानियां Viral होने में देर नहीं लगती.
सोशल मीडिया के आने के बाद लोग एक छत के नीचे रहकर भी अजनबी बने रहते हैं. वक़्त रहते संभल जाइए तो बेहतर है.